bahut sharam ki baat hai ki aaj log bas kuch thode se paiso k liye ye sab kar rahe hai. jin logo k dood k daant nahi aaye aache se wo naach rahe hai. ye kisi ko nahi pata chal raha yaha ki bhoot naach raha hai ya devta. maa bhagwati in logo ko thik maarg dikhaye aur inhe buddhi dey.
कृपा करके मां धारी की छवि न बिगाड़े , मां धारी केवल श्रीनगर में ही है , धारी तो मां का नाम धारी गांव की कुल देवी के कारण पड़ा वरना वो तो कालिया सौड की कालिका है ।
Arjun ko bhagwan shri krishan ne divya drishti di sabkuch dekhne ki... Khud thodi na aaye unme ... Me 5 saal pehle ek sadhu mahatma se mila vo pichle 30 saalo se sadhna kar rhe hai vahi Kumaon ke Himalaya chetra me rehte hai mene unse pucha ki maharaj ji aap itne saalo se upasna kar rhe hai apke andar devi ya devta aate honge... To vo hasne lage ye sunke ... Or bole devi devta aap shehar me rehne valo ke andar aate honge hume to bas hone ka ehsaas hota hai vo bhi apne aas paas...
Jai maa Bhawani... Me ek sadhak hu or ye apne anubhav se bolta hu ki maa ya jagat pita mahadev ka ansh nhi aate shareer me sadhna karke shareer shant or halka ho jata hai... Divya shakti ke sath hone ke anubhav hote hai sapno ke madhyam, se bharosa badta rehta hai apne isht pe.. sabhi jeev jantu se prem hota hai ...aapko kuch cheezo ka ehsaas ho jata hai pehle sab MAA ka ashirwaad hota hai... Par itna me zaruu bolta hu ki Maa Bhagwati insaan shareer me nhi aati ... Om namah shivay ... Har Har mahadev
@mr_pahadi_101 आप मुझे शास्त्र में प्रमाण दिखाओ की देवता की डोली बनती है वो नाचती है और शरीर पर देवता आता है , और मैं भी उत्तराखण्ड से हूँ , प्रमाण के नाम पर मुह में लार इकट्ठा कर के लाल लोहा चाटना , आग में कूदना, भूत-भविष्य बताना ,ये सब नकारात्मक ऊर्जा हैं ,भगवती को ये तुच्छ चमत्कार दिखाने की आवश्कता है क्या? अगर है तो शास्त्रों में प्रमाण दिखाओ क्यूंकि हमारे वेद हमारे पुराण हमारे उपनिषदों से ही हमको धर्म का अर्थ पता चलता है ,और मुझे आज तक किसी नें शास्त्र में प्रमाण नहीं दिखाया और ना ही मैंने देखा , शंकराचार्य जी कहते हें शास्त्र ही अंतिम प्रमाण है ,अपनी संस्कृति को बढ़ाना चाहिए परंतु उसकी विकृतियों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए और ये विकृति ही है, क्योंकि हमने अपने धर्म ग्रंथों को पढ़ा ही नहीं और न समझा और बस नाचना शुरू कर दिया ,तुम अपनी माता को नचा सकते हो क्या किसी और के सामने ,नहीं ना, तो फिर जगत माता के नाम पर क्यों नाच रहे हो, चामत्कार पर नहीं भगवान पर विश्वास करो वरना नेपाली चिमटा ,टेमरू कू स्वट्टा , शाबर तन्त्र, घात,हंकार इत्यादि के चक्कर में खुद का ही विनाश कर बैठोगे, जागो कृपया जागो
@@mr_pahadi_101 @mr_pahadi_101 आप मुझे शास्त्र में प्रमाण दिखाओ की देवता की डोली बनती है वो नाचती है और शरीर पर देवता आता है , और मैं भी उत्तराखण्ड से हूँ , प्रमाण के नाम पर मुह में लार इकट्ठा कर के लाल लोहा चाटना , आग में कूदना, भूत-भविष्य बताना ,ये सब नकारात्मक ऊर्जा हैं ,भगवती को ये तुच्छ चमत्कार दिखाने की आवश्कता है क्या? अगर है तो शास्त्रों में प्रमाण दिखाओ क्यूंकि हमारे वेद हमारे पुराण हमारे उपनिषदों से ही हमको धर्म का अर्थ पता चलता है ,और मुझे आज तक किसी नें आज तक शास्त्र में प्रमाण दिखाया और ना ही मैंने देखा , शंकराचार्य जी कहते हें शास्त्र ही अंतिम प्रमाण है ,अपनी संस्कृति को बढ़ाना चाहिए परंतु उसकी विकृतियों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए और ये विकृति ही है, क्योंकि हमने अपने धर्म ग्रंथों को पढ़ा ही नहीं और न समझा और बस नाचना शुरू कर दिया ,तुम अपनी माता को नचा सकते हो क्या किसी और के सामने नहीं ना, तो फिर जगत माता के नाम पर क्यों नाच रहे हो, चामत्कार पर नहीं .