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Mr imran partapgadi how many time I differnce platforms write but from you no reply any now in himachalwho govt? In telgana who govt then why linching ? Real.for Muslim's bjp or congress boths are enimy bjp is open and Congress is aastin ka saanp hai can u tell who responsible for hashim pura and bagalpur happand?few months a go mrkamal nath saying about hindu rastrya then why mr rahul and Congress silent.( sha ir khanna )
इस देश ब्राह्मणों का खडयन्त्र कारी कुत्सित मानसिकता की सोच और इरादे काफी अरसा पुर्व से चल रही है केवल सच्चाई और बुद्धिज़्म को खतम करने की लेकिन ये धूर्त इतना तक अब तक नहीं समझ पाये कि सच्चाई कभी छिपाईं नहीं जा सकती है बुद्ध का मतलब होता है सत्य उसी को पढ़कर तर्क और कुतर्क निकला और इन दोनों के बीच से ज्ञान और ज्ञान से जहां पुर्ण की पुर्ति होती है विज्ञान यहीं से दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश का सबसे सम्बिधान अब बात आती है आपातकाल काल की जब सारे प्रबुद्ध वर्ग विशेष कर दलितों के बीच से ये आवाज़ आई कि कांग्रेस पार्टी को हम वोट देते हैं लेकिन सन् १९७० में। हमारी हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है जबकि मिडिया आये दिन हरेक क्षेत्र में हमको विकसित बता कर सरकार को सन्तुष्ट कर लेती ये माननिया विश्व नेत्री आदरणीया स्वर्गीय इंदिरा गांधी जी को पता चला उन्होंने सारी सच्चाई का पता अन्य देशों के ब्यूरो क्रेसी और अपने करीबी आइएएस अफसरों से भी। मदद ली। पता चला कि। सारे सिस्टम विशेष कर हरेक की प्वाइंट पर बाभनो ने कब्जा कर लिया है उसमें सबसे बड़ा आर यस यस का फालोवर्स कांग्रेस का बाभन नेता रहा अब जब इन्दिरा गांधी जी ने अपनी सोच को सकारात्मक अपने मूल मिशन की तरफ ले जाने को सोचा ये बौखला गए उसी दिन। आर यस यस जिनकी नींव १९२० में पड़ी थी मौका मिला। अपने। ऐजेण्डा के प्रमुख। जेपी को आगे किया। परिणाम सामने है काफी बुध्दि जीवी राजनीतिक सामाजिक कार्यकर्ता बभनो की मिडिया के जाल में फंसे जिसमें। बाबू जगजीवन राम और। रामधन जी भी। शिकार हुए इस सच्चाई को हमारे जननायक राहुल गांधी जी ही समझ पाये और बुद्ध के रास्ते पर चल पड़े। सारे देश वासियों ने इतना मत भाजपा को दिया नहीं कि। इनके प्रत्याशी अपनी जमानत बचा पाए सारे लोग राहुल गांधी जी के साथ खड़े हुए और करुणा साहस बुद्धि की तरफ मिशन को। राहुल गांधी जी को समझा उसमें उत्तर प्रदेश ज्यादा आगे निकला। जहां पर एक भी सीट नहीं मिली थी केवल मायावती चुनाव आयोग और जिला प्रशासन ने इन्हें जिसमें। माया ने। १६ सीटों की यहां तक अपने भतीजे को भी नहीं बक्शा इसका जीता-जागता उदाहरण। आनंद कुमार की पुनः बहाली। और डीएम ने व्यवस्था दी कांग्रेस हाईकमान के लोगों आदरणीय राहुल गांधी जी को। अभी भी। सच्चाई से काफी दूर रखा है जो वर्तमान में जिस कास्ट सेन्सस को लेकर राहुल जी चल रहे उसे उनका। मूल वोटर भांप लिया है जिसे वो उनके कयी दलितों के प्रबुद्ध वर्गों की मीटिंग ने। आभास कराया नहीं विश्वास में लिया डाक्टर छोटे लाल गौतम राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति केन्द्रीय प्राथमिक विद्यालय शिक्षक संघ