सुनने मे आया आपका खुद का इंसेंटिव, टाइम से नही आता है, तो फिर सवाल यह उठता है की आप और लोगो का काम कैसे करवाएंगे ज़ब आप खुद का इंसेंटिव नहीं ले पाए है, और आपको किस बेस पर राजस्थान का अध्यक्ष बनाया गया है क्योंकि अब से पहले मैंने आपका नाम कहीं पर भी नहीं सुना कि आप रिजल्ट निकालने के लिए धरने पर थे या फिर वहां पर आए थे या फिर जो ट्रेनिंग फंड था उसको दिलाने में थे आप सीधे राजस्थान के अध्यक्ष किस आधार पर बने, हमको लगता है आप पे नहीं चले यह अध्यक्ष पद आप को नैतिक तौर पर स्तीफा देना चाहिए!! और हमें उस कैंडिडेट्स को अध्यक्ष पद आगे लाना चाहिए जो CHO के लिए जीता हो, ना की खुद का Nursing Home चलाने पर भरोसा करता हो, बाकि सभी की मर्जी है, भारत मे सबसे कम एक्टिव राजस्थान का cho अध्यक्ष है, ना सैलरी टाइम से ना इंसेंटिव, और बिना पैसे के इन्सेंटिव भी नहीं आता, आप लिखित मे क्यों नहीं देते md को, और आप कॉल क्यों नहीं उठाते हो CHO का,
अपने राजस्थान में तो हर बार लॉलीपॉप ही दी है * 32+8 का आंदोलन किया उसमे MD सहाब ने दी लॉलीपॉप * इंक्रीमेंट में अब तक दी है लॉलीपॉप * 3 साल होने वाले पर लॉयल्टी बोनस तो दूर मूल वेतन में मिल रही हैं लॉलीपॉप *नियमितकरण के लिये csr नाम की लॉलीपॉप *केडर निर्माण की लॉलीपॉप *परमानेंट भर्ती में बोनस न मिलने की लॉलीपॉप
Naukari kyon kr rhi ho fr pati ki kamai pr jiyo kyon jyada naukari krne ka shok warna muskilein toh aayengi woh jhelni bhi pdengi mahilao ko pta nhi pr kyu naukari lagne se pehle kucch jyada hi expect kr lete h