निवण प्रणाम सा। गुरु जांभोजी की सत्य अमृत वाणी बिश्नोई धर्म के सत्यप्रचारक गृहस्थ में रहते हुए त्यागी बैरागी तत्व ज्ञानी सगुन साकार निर्गुण निराकार संपूर्ण ब्रह्मांड के रचयिता परमपिता परमात्मा ओउम् विष्णु भगवान के अन्नय उपासक ब्रह्मलीन परम श्रद्धेय रामकरण जी पूनिया द्वारा रचित भजन साखियां कथाओं कीर्तन रचनाएं बिश्नोई धर्म व आध्यात्मिक सनातन में जागृति लाने के लिए भक्ति आंदोलन से कम नहीं है। भगत जी द्वारा रचित रचनाओं के अध्यात्म जिज्ञासु समाज हमेशा ऋणी रहेगा। महान आत्मा को कोटि कोटि नमन। ओउम् विष्णु नमः। हरि ॐ विष्णु शरणम्। जय गुरु जंभेश्वर
मैं जिसको प्रणाम करू मेरा सतगुरु देव जंभेश्वर यह भजन ओर एक ओर भजन सभी कलाकार गाते मैजिसको प्रणाम करू उसने लाइन बागड़ देश गांव पिपासर जांभो जी का जन्म हुआ वो ओर यह भजन पहल मै जिसको प्रणाम करू यह दो भजन अलग अलग है क्या मुझे तो अलग ही लगा सब लाईन
Shree Ramkaran ji puniya ji ko gold medalist se Maan samman milna tha kyonki smaj mai bhagvan ki mahima ko sabse jyada gaya or bnaya koti koti parnam punay aatma ko,
निवण प्रणाम सा। बिल्कुल सही। गुरु जांभोजी की अमृत सत्य वाणी व बिश्नोई धर्म में गृहस्थ में रहते हुए त्यागी बैरागी तत्वज्ञानी रचनाकार लेखक गायक प्रचारक व संपूर्ण संसार के रचयिता एक परमात्मा ओउम् विष्णु के उपासक रामकरण जी पूनिया जेगला जैसा हुआ न होगा। ओउम् विष्णु नमः। हरि ॐ विष्णु शरणम्। जय गुरु जंभेश्वर
❤ जय श्रीराम जय हनुमान जय गुरुदेव जी के श्री चरणों में नींव कर कोटी कोटी प्रणाम करता हूं जी साधु जी ओ साधु जी सीताराम सीताराम सीताराम बाला जी महाराज जय श्रीराम जय श्रीराम हरी ओम विष्णू नारायण हरी