बहुत सुंदर प्रभाकर पाण्डेय जी समय के हिसाब से बदलाव की जरूरत है आप सच में उन लोगों के मुंह पर करारा तमाचा है जो गंदे फुहड़ गित गाकर अपनी दुकान चला रहे हैं।
जवन माहौल रहे ओसही गीत ठीक लागेला, ऐ तरह के पोर्गाम मे निर्गुन,भजन,जीवन के उपदेशात्मक गीत के प्रयोग सही बा। भोजपुरी गीत के साफ सुथरा प्रस्तुत कर देल मरदाही बा। जय भोजपुरी।