नमस्कार भैया मैं भी कबीर पंथी में 16 साल हो गई पर जो सच्चाई है सड़क बताते हैं और मैं ढोंगी हूं मैं भी उनकी परीक्षा लेने के लिए गई बहुत पाप भरा है मूर्ति पूजा करते पाठ प्रकाश करते हैं दीपक जलते हैं आप भैया मैं भी एक सड़क हूं परमात्मा की ने शब्द साधना इसमें भी तौर तरीके कबीर जी के नियम जैसे ही है मैं जयपुर बाल कंवर सड़क परमात्मा की निषाद साधना मतलब थोड़ा सा इशारा बताते हैं परमात्मा की दया से मुझे जो परमात्मा की राय और नियम बताते उन्होंने परमात्मा की दया से मुझे भी आगे प्रधान दिए नाम देने के लिए और ढोंगी के लिए पूछने तो आप मेरे को बताना मैं बहुत पत खोलता हूं के
पूर्ण ब्रह्म कबीर अविनाशी कबीर परमात्मा हर युग में आते हैं ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 18 कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे कवि कहने लग जाते हैं, वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर प्रभु) ही है।🙏