अब सतलोक की जरूरत नहीं है स्वर्ग की जरूरत नहीं है बैकुंठ की जरूरत नहीं है। चार वेदों की जरूरत नहीं है गीता की जरूरत नहीं है नवधा की जरूरत नहीं है अष्टांग योग की जरूरत नहींहै निराकार साकार की जरूरत नहीं है। अब कलयुग बुद्ध शाखा में पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के आवेश अवतार श्री विजियाभिनंद बुद्धनिष्कलंक द्वारा जागृत बुद्धि से भागवत और कुरान के प्रमाण से एक पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद अल्लाह वाहेगुरु गॉड की पहचान कराई है इसलिए कलयुग चारों युगों में श्रेष्ठ है उसे ही जानो उसे ही मानो उसे ही ग्रहण करो उसकी जगह दूसरे को नहीं।🎉🎉🎉🎉🎉
पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के विधान को कोई बदल नहीं सकता। पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद का विधानक्या है। या कुरान या पुराण ए कागद दोऊ प्रमाण। याके मगज मायने हम पास अन्दर आए खोलें श्री प्राणनाथ।। यह पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद का विधानहै इसमें अगर एक विधान को अपूर्ण समझते हैं तो यह पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के विधान के खिलाफ है। इसका अंजाम क्या होगा आप खुद ही संतुष्ट होइए इसका उत्तर अपनी आत्मा से जानी है। भागवत ब्रह्म सृष्टि साक्षी प्रमाण ग्रंथ है। भागवत में पूर्ण ब्रह्म का नाम श्री कृष्णा बताया लेकिन श्री कृष्णा भी तीन है। कृष्णा कृष्णा सब कोई कहे भेद न जाने कोए एक कृष्णा बैकुंठ का दूजा हैगोलोक तीजो अखंड धाम को जहां जाएं सब शौक़।। एक श्री कृष्णा रुक्मणी बैकुंठ नाथ विष्णु भगवान हैं दूसरे श्री कृष्ण राधा रानी गोलोक धाम तीसरे श्री कृष्ण स्वामिनी अर्थात श्याम श्यामा जी निज धाम। श्री महेश्वर तंत्र।। शिव पार्वती संवाद।। जिन जानो शास्त्रों में नहीं है शास्त्रों में सब कुछ।। ब्रह्म वाणी।।🎉🎉🎉🎉🎉🎉
पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के विधान को कोई बदल नहीं सकता। जो बदलने की कोशिश करेगा उसकी पेट की आंत निकल कर बाहर आ जाएगी। किसकी इतनीहैसियत है जो पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के विधान में रोडे अटकाएं। पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद का विधान क्या है। यथा -यह कुरान या पुराण ए कागद दोऊ प्रमाण। याके मगज मायने हम पास अन्दर आए खोलें श्री प्राणनाथ।। एक विधान को अपूर्ण कहना खतरे की घंटी से खाली नहीं है। भागवत ब्रह्म सृष्टि का साक्षी प्रमाण ग्रंथ है। शास्त्र श्रवण श्री भागवत बुद्ध जागृत को ज्ञान।। श्री निजानंद पद्धति।। भागवत में पूर्ण ब्रह्म का नाम श्री कृष्णा बताया है लेकिन श्री कृष्णा भी तीन है। कृष्णा कृष्णा सब कोई कहे भेद न जाने कोए एक कृष्णा बैकुंठ का दूजा हैगोलोक तीजो अखंड धाम को जहां जाएं सब शौक़।। एक श्री कृष्णा रुक्मणी बैकुंठ नाथ विष्णु भगवान हैं जो भागवत प्रमाण से प्राकृतिक प्रलय में लय हो जाएगा दूसरे श्री कृष्ण राधा रानी गोलोक धाम में अखंड लीला कर रहे हैं। तीसरे श्री कृष्ण स्वामिनी अर्थात श्याम श्यामा जी निज धाम में विराजमान हैं यही पूर्ण ब्रह्म है इन्हीं की छाया रुपी ब्रह्म लीला गोलोक धाम में श्री कृष्ण राधा नाम से अखंड है। श्री महेश्वर तंत्र।। शिव पार्वती संवाद।। इसका खुलासा कलयुग बुद्ध शाखा में पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के आवेश अवतार श्री विजियाभिनंद बुद्धनिष्कलंक द्वारा जागृत बुद्धि से हुआ है इसलिए कलयुग चारों युगों में श्रेष्ठ है। जिन जानो शास्त्रों में नहीं है शास्त्रों में सब कुछ।। ब्रह्म वाणी।। श्री जी साहेब जी धनी जी का निज नाम है।❤❤❤❤❤
पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के विधान को कोई बदल नहीं सकता और जो बदलने की कोशिश करेगा उसकी आंत पेट से बाहर आ जाएंगे। पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद का विधान किसकी हैसियत है जो उसे बदले? वह विधान क्या है। यथा:- या कुरान या पुराण ए कागद दोऊ प्रमाण। याके मगज मायने हम पास अन्दर आए खोलें श्री प्राणनाथ।। एक विधान को अपूर्ण समझना यह शिक्षा किसने दी है? भागवत ब्रह्म सृष्टि का साक्षी ग्रंथ है। शास्त्र श्रवण श्री भागवत, बुद्ध जागृत को ज्ञान।। श्री निजानंद पद्धति।। भागवत में पूर्ण ब्रह्म का नाम श्री कृष्णा बताया है लेकिन श्री कृष्णा भी तीन है। कृष्णा कृष्णा सब कोई कहे भेद न जाने कोए एक कृष्णा बैकुंठ का दूजा हैगोलोक तीजो अखंड धाम को जहां जाएं सब शौक़।। एक श्री कृष्णा रुक्मणी बैकुंठ नाथ विष्णु भगवान हैं जो भागवत प्रमाण से प्राकृतिक प्रलय में लय हो जाएगा दूसरे श्री कृष्ण राधा रानी गोलोक धाम में अखंड लीला कर रहे हैं। तीसरे श्री कृष्ण स्वामिनी अर्थात श्याम श्यामा जी निज धाम में विराजमान हैं यही पूर्ण ब्रह्म है इन्हीं की छाया रुपी ब्रह्म लीला गोलोक धाम में श्री कृष्ण राधा नाम से अखंड है। श्री महेश्वर तंत्र।। शिव पार्वती संवाद।। इसका खुलासा कलयुग बुद्ध शाखा में पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के आवेश अवतार श्री विजियाभिनंद बुद्धनिष्कलंक द्वारा जागृत बुद्धि से हुआ है इसलिए कलयुग चारों युगों में श्रेष्ठ है। जिन जानो शास्त्रों में नहीं है शास्त्रों में सब कुछ। श्री जी साहेब जी भी धनी जी का निज नाम है।🎉🎉🎉🎉🎉🎉