👉🏼यीशु ही प्रभु है: यीशु 👉🏼मसीह सच्चा परमेश्वर है हम उसको कैसे जाने क्या कोई गवाही है 👉🏼यीशु मसीह को सच्चा परमेश्वर मानने के लिए कई गवाहियाँ और प्रमाण हैं: 1. *बाइबिल*: बाइबिल में यीशु मसीह के जीवन, शिक्षाओं और चमत्कारों का वर्णन है। यह पुस्तकें यीशु के अनुयायियों द्वारा लिखी गईं और उन्हें प्रेरित किया गया। 2. *चमत्कार और संकेत*: यीशु मसीह ने कई चमत्कार और संकेत किए, जैसे कि अंधों को दृष्टि देना, लंगड़ों को चलने की शक्ति देना, और मृतकों को जीवन देना। 3. *पुनरुत्थान*: यीशु मसीह का पुनरुत्थान सबसे बड़ा प्रमाण है कि वह सच्चा परमेश्वर है। उन्होंने अपने शरीर को त्याग दिया और तीसरे दिन जीवित हो गए। 4. *अनुयायियों की गवाही*: यीशु के अनुयायियों ने उनकी शिक्षाओं और चमत्कारों को देखा और अनुभव किया। उन्होंने अपने जीवन को यीशु के लिए समर्पित किया और उनकी शिक्षाओं को फैलाया। 5. *प्राचीन इतिहास*: प्राचीन इतिहास में यीशु मसीह के अस्तित्व के प्रमाण हैं। रोमन इतिहासकार टैसीटस और यूसेबियस जैसे लेखकों ने यीशु के बारे में लिखा है। 6. *आध्यात्मिक अनुभव*: यीशु मसीह के अनुयायियों ने उनके साथ आध्यात्मिक अनुभव किया है, जैसे कि प्रार्थना में उनकी उपस्थिति महसूस करना और उनके प्रेम को अनुभव करना। 7. *पवित्र आत्मा*: यीशु मसीह ने अपने अनुयायियों को पवित्र आत्मा का वरदान दिया, जो उन्हें सच्चाई और ज्ञान की शक्ति प्रदान करता है। इन गवाहियों और प्रमाणों के आधार पर, यीशु मसीह को सच्चा परमेश्वर माना जा सकता है। 👉🏼 यीशु ही प्रभु है: 👉🏼यीशु मसीह सच्चा परमेश्वर उसके जानने के लिए कोई वचन है 👉🏼हाँ, यीशु मसीह ने अपने बारे में कई वचन कहे हैं जो उनके सच्चे परमेश्वर होने की पुष्टि करते हैं: 1. _मैं हूँ वह जो हूँ_: "मैं हूँ वह जो हूँ" (यूहन्ना 8:58यीशु ने उनसे कहा, “मैं तुम से सच-सच कहता हूँ, कि पहले इसके कि अब्राहम उत्पन्न हुआ, मैं हूँ।”) 2. _मैं परमेश्वर का पुत्र हूँ_: "मैं परमेश्वर का पुत्र हूँ" (मार्क 14:61-62परन्तु वह मौन साधे रहा, और कुछ उत्तर न दिया। महायाजक ने उससे फिर पूछा, “क्या तू उस परमधन्य का पुत्र मसीह है?” 62 यीशु ने कहा, “हाँ मैं हूँ: और तुम मनुष्य के पुत्र को सर्वशक्तिमान की दाहिनी ओर बैठे, और आकाश के बादलों के साथ आते देखोगे।”) 3. _मैं जीवन का रास्ता हूँ_: "मैं जीवन का रास्ता हूँ, सच्चाई हूँ, और जीवन हूँ" (यूहन्ना 14:6यीशु ने उससे कहा, “मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँb; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुँच सकता।) 4. _मैं तुम्हारा पिता हूँ_: "मैं तुम्हारा पिता हूँ, और तुम मेरे बच्चे हो" (मत्ती 6:9अतः तुम इस रीति से प्रार्थना किया करो: ‘हे हमारे पिता, तू जो स्वर्ग में है; तेरा नामपवित्र bमाना जाए।) 5. _मैं तुम्हें जानता हूँ_: "मैं तुम्हें जानता हूँ, और तुम मुझे जानते हो" (यूहन्ना 10:14-15अच्छा चरवाहा मैं हूँ;मैं अपनी भेड़ों को जानता हूँc, और मेरी भेड़ें मुझे जानती हैं। 15 जिस तरह पिता मुझे जानता है, और मैं पिता को जानता हूँ। और मैं भेड़ों के लिये अपना प्राण देता हूँ। ) 6. _मैं तुम्हारे साथ हूँ_: "मैं तुम्हारे साथ हूँ, और तुम मेरे साथ हो" (मत्ती 28:20और उन्हें सब बातें जो मैंने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदैवतुम्हारे संगdहूँ।”) 7. _मैं सच्चा परमेश्वर हूँ_: "मैं सच्चा परमेश्वर हूँ, और जीवन का रास्ता हूँ" (1 यूहन्ना 5:20और यह भी जानते हैं, कि परमेश्वर का पुत्र आ गया है और उसने हमें समझ दी है, कि हम उस सच्चे को पहचानें, और हम उसमें जो सत्य है, अर्थात् उसके पुत्र यीशु मसीह में रहते हैं। सच्चा परमेश्वर और अनन्त जीवन यही है।) इन वचनों से पता चलता है कि यीशु मसीह स्वयं को सच्चा परमेश्वर घोषित करते हैं, और वह हमारे जीवन में सच्चा मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करते हैं। 👉🏼अधिक जानकारी के लिए फोन करें:9991233831
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E bijli jhajjar ki h edko natsk me mt lea krjis natak me ye hoti h wo natak flop hoya kre bhai es de door rha kro ye jhajjar h(dengarous) bchke rho paise lgane ke baad bhi (0) ho jaoge