आजकल वह ज़माना नही है कि आपकी मेहनत को देखे, हम सभी को हाइजिन रहने की आदत हो गई थी, इसलिए एक मेहनतकश भाजी विक्रेता के हाथ से लिए हुए दस रुपए के नोट में हम जर्म्स ढूंढ लेते है क्योंकि बाज़ार के एक विज्ञापन में दिखाया गया है, इसलिए और ज़्यादा हायजिन रहने के लिए कोरोनावायरस आ गया हम इतना हायजिन हो गए कि अपने आप से भी दूर रहने लगे। आजकल विडियो बनाने से पहले आसपास की सफाई पर ध्यान दे, आख़री दृश्य में कर्मचारियों द्वारा स्लिपर पहनकर जो फाइनल टच दिया है वह ज़रा दिल को टच कर गया, साथ ही आपका सारा मेहनत और मिठाई की बेइज्जती दोनों, क्योंकि मैं समझता हूं मगर हर कोई आपकी मेहनत नही देखेगा, ग्राहक चाहेगा उसकी मिठाई सफाई से बनी हो, हो सके तो हाथों में प्लास्टिक के दास्तान हो, सर में एक टोपी और फाइनल टच के लिए कोई और जुगाड।