आपकी कला के तो हम मुरीद हई हैं सचिन जी उस पर आप शारिरिक भंगिमाएं भी कम कहर नहीं ढाती।कंधे उचकाना, सर हिलाना सोने पे सुहागा का काम करती हैं।मन मोह लेते हो यार।
दो नैना और एक कहानी -२ थोड़ा सा बादल थोड़ा सा पानी और एक कहानी दो नैना और एक कहानी थोड़ा सा बादल थोड़ा सा पानी और एक कहानी दो नैना और एक कहानी छोटी सी दो झीलों में वो बहती रहती है ओ छोटी सी दो झीलों में वो बहती रहती है कोई सुने या ना सुने कहती रहती है कुछ लिख के और कुछ ज़ुबानी हो थोड़ा सा बादल थोड़ा सा पानी और एक कहानी दो नैना और एक कहानी