आदर्श धर्म सनातन धर्म चैनल का उद्देश्य अपने नाम के अनुरूप सनातन धर्म से जुड़े विभिन्न विषयो पर प्रकाश डालते हुए अपने वीडियोज के माध्यम से तथा अपनी website: www.samajikgyan.com, www.adarshdharam.com के ब्लॉगर के माध्यम से एवं विभिन लोगो के साथ लाइव सार्थक बातचीत से ईश्वर द्वारा बनाये हुए सृष्टि के साथ आये सच्चे धर्म से लोगो को अवगत कराना है. इस चैनल पर आपको वह सब कुछ मिलेगा जो एक सनातनी हिन्दू को चाहिए जैसे १) वेद पुराण शास्त्रों में वर्णित दिव्य ज्ञान २) सही और सटीक पूजा विधियां ३) प्राचीन हिन्दू मंदिरो और तीर्थों की जानकारी ४) रामायण और महाभारत के गूढ़ रहस्य 5) दर्शक मित्रों के प्रश्नो और शंकाओ का विभिन्न विषयो पर शंका निवारण और सटीक जानकारी देना Follow Us Facebook Page :Adarsh dharam -आदर्श धर्म Facebook Group: Adarsh Dharam Sanatan Dharam Instagram instagram.com/adarshdharm1008/?hl=en
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महामंत्र जपत महेशू काशी मुक्ति होत उपदेशू अर्थात काशी मे अंत समय मे शिव स्वयं जीव के कान मे राम नाम सुना के उसको मोक्ष प्रदान कर देते हैँ और अन्य स्थान पर श्मशान मे चारो ओर नेगेटिव एनर्जी फैली होती है इसीलिए राम नाम सत्य है बोलना जरुरी होता है दुनिया मे हर मंत्र को जपने के नियम होते हैँ लेकिन राम नाम.. भाव कुभाव अनख आलसहूँ नाम जपत मंगल दिशी दशहु. मेरा स्वयं का अनुभव है देहरादून मे अकेले किराये पर रहता था वहां पीपल का पेड़ था बाहर मुझे कई बार नेगेटिव एनर्जी ने अटैक किया कभी गला पकड़ लेता कभी हाथ पकड़ लेता कभी अश्लील हरकत करने की कोशिश करता लेकिन जैसे ही मैं राम राम जोर जोर से जपने लगता नींद मे ही वैसे ही वो नेगेटिव एनर्जी अपने आप खत्म हो जाती थी मानो जल कर भस्म हो गयी हो उस दिन मुझे राम नाम की शक्ति का वो आभास हुआ जो संतो भक्तो और पुराणों की कथाओं मे केवल पढ़ा ही था इसीलिए कलयुग मे राम नाम ही मुँह से जपने को कहा जाता है क्युकी राम नाम जप के आगे कोई नेगेटिव पल भर भी नही ठहर पाती क्युकी सारे मंत्र सारे मंदिर सारे देवी देवताओं पर कलयुग का प्रभाव हो गया है इसीलिए किसी भी देवता का मंत्र या नाम जप करने पर शुरू मे नेगेटिव एनर्जी भी पास आ जाती हैँ जप की ऊर्जा चुराने के लिए यहाँ तक की कई ज्ञानी महात्मा भी बताते हैँ घर घर मे मंदिरो मे भी ये नेगेटिव एनर्जी प्रवेश कर जाती हैँ देवी देवता के मंत्रो की ऊर्जा पाके खुद को मुक्त करने और कुछ प्रेत शक्तियाँ और अधिक शक्तिशाली होने के लिए मंदिरो मे प्रवेश कर जाती हैँ शायद इसीलिए कलयुग के सभी संतो ने आत्मज्ञानियों ने मूर्ति पूजा का विरोध किया और राम नाम जप को कलयुग का धर्म बताया क्योकि घर घर मे पूजा पाठ होता रहता है फिर भी अशांति और कलह क्यों नही जाता क्युकी सिद्ध तीरथो के अतिरिक्त हमारे जितने भी मंदिर हैँ मूर्तियां हैँ उनमे देवी देवताओं का वास अब रह ही नही गया है कलयुग के प्रभाव से ऐसा संत भी कह चुके हैँ नही तो मूर्ति से किसी संत किसी आत्मज्ञानी को क्यों इतना विरोध होगा. भक्त साधको के पास जो मूर्ति या शालीग्राम या शिवलिंग होता है वो वैदिक मंत्रो से सही प्रकार से अभिमंत्रित होता है लेकिन हम बाजार से देवता की आकृति की मूर्ति उठा के ले आते हैँ उसमे नेगेटिव एनर्जी प्रवेश तो कर ही जाएंगी क्युकी प्राण प्रतिस्ठा आज कौन करता है मूर्तियों की घर मे ना ही कोई उतना विद्वान पंडित ही रह गए हैँ समाज मे जिधर देखो सब धर्म बेच रहें कोई कथावाचक बनके करोड़ो की सम्पत्ति के मालिक बन गए समाज को कहते हैँ धन का मोह छोड़ो सब नाश्वर है और खुद जगतगुरू नाम लेके बैठे हैँ महंगी गाड़ियों महंगे एयर कंडीशनर के बिना चार मिनट नही बैठ सकते.. इसीलिए कलयुग पाखंड का युग है. लेकिन राम नाम स्वयं परमात्मा है ॐ है प्रणव है तारक ब्रह्म है इसीलिए दुनिया के हर ग्रंथ मे नाम को ही परमात्मा का सत्य सनातन रूप कहा है राम नाम के मौखिक जप से भी नेगेटिव एनर्जी विचलित होके या तो भाग जाती हैँ या नस्ट हो जाती हैँ ऊपर से राम नाम जप पर स्वयं हनुमान ज़ी उस स्थान पर प्रकट हो जाते हैँ तो नेगेटिव एनर्जी कहाँ टिकने वाली. सनातन धर्म तो स्वयं कहता है - अक्षरम परमब्रह्म ज्योति रुपम सनातनम. राम नाम सत्य है राम नाम से कुंडलिनी जागरण तो क्या ब्रह्म ज्ञानी तक हो जाता है जीव. उल्टा नाम जपत ते जाना बाल्मीकि भये ब्रह्म समाना. राम नाम जपने से जीव स्वयं परमात्मा हो जाता है नर से नारायण और जीव से शिव और भक्ति से शक्ति तक की यात्रा केवल राम नाम से ही मिल जाएगी इसीलिए ब्रह्मा विष्णु शिव शक्ति और सभी अवतार परशुराम, श्रीराम, कृष्ण, गणेश सभी ने राम नाम को ही परमात्मा कहा है इसीलिए कहा है राम न सकहु नाम गुण गाई जो परमात्मा यानि आदिराम है जिसके नाम पर विष्णु के 3 अवतारों के नाम राम रखे गए वो अनंत अखंड परमात्मा भी राम नाम की महिमा नही बता सकता कलयुग के सभी आत्मज्ञानी ईश्वर दूतो और संतो ने नाम की ही महिमा गायी है कलजुग जोग ना तप ना ज्ञाना कलजुग केवल नाम आधारा सुमर सुमर नर उतरही पारा. इसीलिए कोई किसी भी देवता का भी ध्यान करना चाहता हो नेगेटिव एनर्जी से डरने की जरूरत नही ये सब नेगेटिव एनर्जी काल के अधीन है और काल उसका क्या बिगाड़े जो भक्त हो महाकाल का और राम नाम जप से महाकाल स्वयं आपके साथ हो जायेंगे यह वचन स्वयं महाशिव ने देवी पार्वती को पद्म पुराण मे कहा था की राम नाम जपने वाले के साथ मैं स्वयं सदैव रहता हूँ 🙏🏻🙏🏻🙏🏻जय श्रीराम 🙏🏻
वो हर व्यक्ति,चाहे वो हिन्दू, मुसलमान,सिख, ईसाई या अंय सभी महामूर्ख है,पशु है,राक्षस है जबतक कोई अपनी मौत को नही जीत लेता है तब तक वह जीव ही रहेगा,मौत जीतने का मतलब है अपने प्राणो को दशवे द्वार से निकाल न सीख जाय,इस पंच भौतिक देह हो खुद त्यागना न सीख जाय,जो ऐसा जानता है वही धार्मिक है, सत्य को जानने वाला है,,यह जो यूट्यूब पर थूक बिलो रहाहै,यह भी महामूर्ख ही है,
*॥ॐ: नमस्ते सदा वत्सले मातृभुमे त्यवा हिन्दुभुमे सुखम वरधि तोहम, महामंगले पुण्यभुमे त्यदर्थे पतत्ये सकायो नमस्ते नमस्ते ॐ:॥* *॥॥॥:वंदे मातरम् :॥॥॥* *” जय हिन्दु राष्ट्र “ साथे “ जय जय श्रीकृष्ण “* *बिलकुल बराबर , सत्य , सटीक , रोचक दर्शन / प्रस्तुति / विश्लेषण / स्वर ❤~>_साधु साधु_ आपना श्री चरणो मा मारा शत शत कोटी प्रणाम <~❤ तो पण ,- हवे तो गुजरात पर विश्वास राखो ज , श्रीमद् भगवत् गीताजीनो अभ्यास करो ज , सनातन धर्म विषे समजो / समजावो - धन्यवाद *
Jay sita ram guru ji Us baba ne 150 ya 200 nahi khaye Kam se kam 500 se uper khaye he Sadabad hathras aur aligher ke medical kya 150 logo ka ilaj nahi hopata aap khud sochiye
*॥ॐ: नमस्ते सदा वत्सले मातृभुमे त्यवा हिन्दुभुमे सुखम वरधि तोहम, महामंगले पुण्यभुमे त्यदर्थे पतत्ये सकायो नमस्ते नमस्ते ॐ:॥* *॥॥॥:वंदे मातरम् :॥॥॥* *” जय हिन्दु राष्ट्र “ साथे “ जय जय श्रीकृष्ण “* *बिलकुल बराबर , खुबज सरस , सुंदर , सटीक , रोचक कथा / दर्शन / प्रस्तुति / स्वर ❤~>_साधु साधु_ आपना श्री चरणो मा मारा शत शत कोटी प्रणाम <~❤ तो पण ,- हवे तो गुजरात पर विश्वास राखो ज , श्रीमद् भगवत् गीताजीनो अभ्यास करो ज , सनातन धर्म विषे समजो / समजावो - धन्यवाद *
श्रीकृष्ण और श्रीराम और श्रीकल्कि तीनो ही परमेश्वर अवतार हैँ अनंत कला से पूर्ण श्रीराम 12 कला इसीलिए कहे गए क्युकी सूर्यवंशी थे सूर्य 12 कला से ही पूर्ण हो जाता है और श्रीकृष्ण 16 कला से पूर्ण क्युकी चंद्र वंशी थे क्युकी चंद्र 16 कलाओ मे पूर्ण होता है इसी को लोगो ने कला मान लिया अन्यथा श्रीकृष्ण और श्रीराम दोनों की लीलाये समान ही थी राम की गुप्त रूप से हुई और श्रीकृष्ण की प्रगट रूप से इसलिये राम और कृष्ण दोनों को ही परिपूर्णतम अवतार, पूर्ण ब्रह्म अवतार कहा गया संतो के द्वारा अतः जो राम हैँ वही कृष्ण भी हैँ जो कृष्ण हैँ वही कल्कि भी हैँ दोनों को पूर्ण अवतार सम्बोधित करने के लिए ही सूर्य और चंद्र की कलाओ द्वारा सम्बोधित किया गया जिसे अज्ञानी लोगो ने सांसारिक कलाएं समझ लिया जिन भगवान को योगी ध्यानी महरिशी देवता यहाँ तक की त्रिदेव भी नही समझ सकते उनको हम लोग क्या समझ पाएंगे 🙏🏻🙏🏻जय सनातन जय श्रीराम कृष्ण हरि 🙏🏻🙏🏻🙏🏻हर हर महादेव 🙏🏻जय शिव शक्ति 🙏🏻
इसीलिए laughing buddha जो हस्ट पुस्ट दीखते हैँ मूर्तियों मे कंधे पर झोली टांगे. वो काश्यप बुद्ध हैँ क्युकी गौतम बुद्ध से भी पहले कई बुद्ध हुए कहा गया है यानि जो शिष्य परम्परा मे महान बने वो बुद्ध कहे गए एक बुद्ध मैत्रेय बुद्ध अवतार अभी भविष्य मे होना कहा गया है 👌🏻
आज चारो तरफ भविष्य मलिका नास्त्रेदमस और बाबा वेंगा संत रैदास जैसे कई दिव्य ज्ञानी पुरुषो की भविष्यवाणी के आधार पर कई लोग 2025 मे ही कल्कि अवतार आने की बातें कर रहे की वो काफ़ी पहले जन्म ले चुके अब 2025 मे प्रकट होंगे कलयुग के बढ़ते पापो से 432000 साल से उसकी आयु घट के 5000 वर्ष कर दी है कुछ लोग यह भी कह रहे गणना मे बहुत मिलवायट हो गयी होगी लेकिन यह सारी बाते मिथ्या है क्युकी कलयुग तो पाप का ही युग है यह तो पूर्वनिर्धारित है और दूसरा पिछले सदियों तक बहुत आत्मज्ञानी संत आये धरती पर आदिशंकराचार्य रामानंद कबीर तुलसीदास रैदास हरीदास और भी अनेक संत लेकिन किसी ने युग सबंधी किसी मिलावट की बात क्या कही? नही फिर ये सब कल्कि अवतार को समय से पहले होना क्यों बता रहे क्युकी भविष्य मलिका मे 9th अवतार की बात आयी है जो की निश्कलंक बुद्ध अवतार है ज्यादातर लोग उसे कल्कि समझ बैठे हैँ ये निश्चकलंक बुद्ध एक आवेश या कला अवतार होगा जो ज्ञान शक्ति से सम्पूर्ण कला का किसी साधक या इंसान मे प्रभु का आवेश प्रवेश करेगा सभी भविष्यवाणियों के अनुसार यह विश्व मे अखंड शांति स्थापित करेगा विष्णु के 10 अवतार मे वाले गौतम बुद्ध नही बल्कि यही निश्चकलंक बुद्ध 9th अवतार कहे गए हैँ क्युकी विष्णु के हर अवतार पर पुराण लिखें गए हैँ मत्स्य पुराण कुर्म पुराण वराह पुराण वामन पुराण नरसिंह पुराण और कल्कि पुराण और श्रीराम और श्रीकृष्ण तो स्वयं परमब्रह्म हैँ इसलिए उन पर सर्वाधिक ग्रंथ लिखे गए रामायण महाभारत भगवादगीता श्रीमदभागवद, ब्रह्म वैव्रत पुराण इत्यादि लेकिन दो अवतार ऐसे हैँ जिनपर कोई ग्रंथ नही ना ही कोई पुराण एक परशुराम और दूसरे बुद्ध अवतार. क्युकी यह आवेश अवतार कहे गए हैँ और 9th बुद्ध को गुप्त रहस्य ही रखा गया है. क्युकी भविष्य मलिका और नास्त्रेदमस दोनों की भविष्यवाणी एक अधेड़ उम्र वाले संत की बात कह रही है जो कलयुग के 10 हज़ार सालों तक धरती पर एक अर्ध सतयुग की स्थापना करेगा श्रीमदभागवत मे गंगा श्रीकृष्ण से विनती करती हैँ प्रभु कलयुग पाप का युग होगा ऐसे मे समस्त जीवो के पाप गंगा जल मे प्रवेश करते ही मुझमे समा जायेंगे किन्तु फिर उन पापो का बोझ से मैं कैसे मुक्त हो पाऊँगी तब गंगा को श्रीकृष्ण वरदान देते हुए कहते हैँ की कलयुग के 5000 वर्ष बीत जाने के बाद मेरे धाम से मेरे दिव्य धाम वासियो का धरती पर संतो और भक्तो के रूप मे अवतरण होगा और वह जब तुम्हारे जल मे प्रवेश करेंगे तो तुम्हारे सारे पाप उनमे समा के नस्ट होगा जायेंगे और फिर 10 हज़ार सालो तक एक स्वर्ण युग एक सतयुग इस धरती पर रहेगा सम्पूर्ण विश्व मे एक आध्यात्मिक जागृति होगी और सम्भवत: इसी बुद्ध निश्चकलंक अवतार जिसे नास्ट्रेदमस ने सायरन कहा उसी से स्वर्ण युग की स्थापना होंगी वो संत होगा गुरुवार को अपना दिवस घोषित करेगा यानि गुरुवार ही उसका जन्म का दिन होगा लेकिन कल्कि अवतार का जन्म वैशाख मे बुधवार कहा गया है.. इसीलिए ये सारी भविष्यवाणी उस बुद्ध अवतार की तरफ संकेत कर रही हैँ जो 10 हज़ार साल तक सतयुग या स्वर्ण युग लाएगा अपने आध्यात्मिक ज्ञान से ❤️ फिर 10 हज़ार साल बाद इस अवतार के वापस जाते ही गंगा नदी भी सरस्वती नदी की तरह वापस वैकुंठ को चली जाएगी और सारे तीर्थ भी वैकुंठ को चले जायेंगे फिर शुरू होगा घोर कलयुग जिसकी कल्पना भी भयावह होंगी. फिर कल्कि अवतार 428000 वर्ष बाद ही कलयुग के अंत के लिए विधवन्सक अवतार होगा परमात्मा का जो धरती पर पापियों का अंत करके पुनः सतयुग का आरम्भ करेगा ये कल्कि स्वयं महाविष्णु का अवतार हैँ श्रीराम श्रीकृष्ण अंश अवतार नही बल्कि पूर्ण अवतार पूर्ण परमब्रह्म अवतार कहे गए हैँ और कल्कि अवतार भी पूर्ण अवतार होगा लेकिन बुद्ध निष्कलंक अवतार विष्णु का कला अवतार होगा महाविष्णु का नही महाविष्णु के तीन ही अवतार होते हैँ इनकी पहचान ये अपने अवतार मे अनंत कोटी ब्रह्माडो का दर्शन कराते हैँ क्युकी विष्णु एक ब्रह्माण्डी आयाम के ईश्वर हैँ लेकिन महाविष्णु अनंत आयामों के ईश्वर हैँ नरसिंघ राम और कृष्ण - पदम पुराण बाकी के अवतार विष्णु के होते हैँ इन्ही महाविष्णु का ही नाम राम है इसीलिए तीन अवतारों के नाम राम रखे गए वो राम कौन थे वो येही महाविष्णु हैँ इसीलिए राम नाम सत्य कहा जाता है अंत काल मे 🙏🏻इस पर भी एक वीडियो लाइए आज यूट्यूब मे भ्रम पैदा कर दिया गया है की कलयुग की आयु 5000 वर्ष ही है और कलयुग का अंत होने जा रहा 2032 तक. इस पाखंड पर भी वीडियो लाइए गुरूजी 🙏🏻
बहुत बहुत साधुवाद धन्यवाद आपको समाज को सच्चाई बताने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी जो पाखंडी कथवाचकों ने आज तक छुपा कर रखी या ज्ञान ही नही होगा इनको प्याज़ लहसुन के वास्तविक इतिहास बारे मे और यह भी जानकारी अद्भुत थी की त्रिदेवो की परीक्षा लेने वाले भृगु और शुक्राचार्य के पिता भृगु अलग थे वरना यही बार बार सोचते थे की जो भृगु विष्णु भगवान के चरणों मे बैठे उनकी वंदना करते थे फिर उनको तीन जन्म लेने का श्राप क्यों देंगे 🤔 और एक शंका थी सब कहते हैँ मृत संजीवनी विद्या तो भगवान शंकर से मिली थी शुक्राचार्य को.. फिर भृगु ने संजवीनी कैसे बनाई? 🙏🏻👌🏻
महामंत्र जपत महेशू काशी मुक्ति होत उपदेशू अर्थात काशी मे अंत समय मे शिव स्वयं जीव के कान मे राम नाम सुना के उसको मोक्ष प्रदान कर देते हैँ और अन्य स्थान पर श्मशान मे चारो ओर नेगेटिव एनर्जी फैली होती है इसीलिए राम नाम सत्य है बोलना जरुरी होता है दुनिया मे हर मंत्र को जपने के नियम होते हैँ लेकिन राम नाम.. भाव कुभाव अनख आलसहूँ नाम जपत मंगल दिशी दशहु. मेरा स्वयं का अनुभव है देहरादून मे अकेले किराये पर रहता था वहां पीपल का पेड़ था बाहर मुझे कई बार नेगेटिव एनर्जी ने अटैक किया कभी गला पकड़ लेता कभी हाथ पकड़ लेता कभी अश्लील हरकत करने की कोशिश करता लेकिन जैसे ही मैं राम राम जोर जोर से जपने लगता नींद मे ही वैसे ही वो नेगेटिव एनर्जी अपने आप खत्म हो जाती थी मानो जल कर भस्म हो गयी हो उस दिन मुझे राम नाम की शक्ति का वो आभास हुआ जो संतो भक्तो और पुराणों की कथाओं मे केवल पढ़ा ही था इसीलिए कलयुग मे राम नाम ही मुँह से जपने को कहा जाता है क्युकी राम नाम जप के आगे कोई नेगेटिव पल भर भी नही ठहर पाती क्युकी सारे मंत्र सारे मंदिर सारे देवी देवताओं पर कलयुग का प्रभाव हो गया है इसीलिए किसी भी देवता का मंत्र या नाम जप करने पर शुरू मे नेगेटिव एनर्जी भी पास आ जाती हैँ जप की ऊर्जा चुराने के लिए यहाँ तक की कई ज्ञानी महात्मा भी बताते हैँ घर घर मे मंदिरो मे भी ये नेगेटिव एनर्जी प्रवेश कर जाती हैँ देवी देवता के मंत्रो की ऊर्जा पाके खुद को मुक्त करने और कुछ प्रेत शक्तियाँ और अधिक शक्तिशाली होने के लिए मंदिरो मे प्रवेश कर जाती हैँ शायद इसीलिए कलयुग के सभी संतो ने आत्मज्ञानियों ने मूर्ति पूजा का विरोध किया और राम नाम जप को कलयुग का धर्म बताया क्योकि घर घर मे पूजा पाठ होता रहता है फिर भी अशांति और कलह क्यों नही जाता क्युकी सिद्ध तीरथो के अतिरिक्त हमारे जितने भी मंदिर हैँ मूर्तियां हैँ उनमे देवी देवताओं का वास अब रह ही नही गया है कलयुग के प्रभाव से ऐसा संत भी कह चुके हैँ नही तो मूर्ति से किसी संत किसी आत्मज्ञानी को क्यों इतना विरोध होगा. भक्त साधको के पास जो मूर्ति या शालीग्राम या शिवलिंग होता है वो वैदिक मंत्रो से सही प्रकार से अभिमंत्रित होता है लेकिन हम बाजार से देवता की आकृति की मूर्ति उठा के ले आते हैँ उसमे नेगेटिव एनर्जी प्रवेश तो कर ही जाएंगी क्युकी प्राण प्रतिस्ठा आज कौन करता है मूर्तियों की घर मे ना ही कोई उतना विद्वान पंडित ही रह गए हैँ समाज मे जिधर देखो सब धर्म बेच रहें कोई कथावाचक बनके करोड़ो की सम्पत्ति के मालिक बन गए समाज को कहते हैँ धन का मोह छोड़ो सब नाश्वर है और खुद जगतगुरू नाम लेके बैठे हैँ महंगी गाड़ियों महंगे एयर कंडीशनर के बिना चार मिनट नही बैठ सकते.. इसीलिए कलयुग पाखंड का युग है. लेकिन राम नाम स्वयं परमात्मा है ॐ है प्रणव है तारक ब्रह्म है इसीलिए दुनिया के हर ग्रंथ मे नाम को ही परमात्मा का सत्य सनातन रूप कहा है राम नाम के मौखिक जप से भी नेगेटिव एनर्जी विचलित होके या तो भाग जाती हैँ या नस्ट हो जाती हैँ ऊपर से राम नाम जप पर स्वयं हनुमान ज़ी उस स्थान पर प्रकट हो जाते हैँ तो नेगेटिव एनर्जी कहाँ टिकने वाली. सनातन धर्म तो स्वयं कहता है - अक्षरम परमब्रह्म ज्योति रुपम सनातनम. राम नाम सत्य है राम नाम से कुंडलिनी जागरण तो क्या ब्रह्म ज्ञानी तक हो जाता है जीव. उल्टा नाम जपत ते जाना बाल्मीकि भये ब्रह्म समाना. राम नाम जपने से जीव स्वयं परमात्मा हो जाता है नर से नारायण और जीव से शिव और भक्ति से शक्ति तक की यात्रा केवल राम नाम से ही मिल जाएगी इसीलिए ब्रह्मा विष्णु शिव शक्ति और सभी अवतार परशुराम, श्रीराम, कृष्ण, गणेश सभी ने राम नाम को ही परमात्मा कहा है इसीलिए कहा है राम न सकहु नाम गुण गाई जो परमात्मा यानि आदिराम है जिसके नाम पर विष्णु के 3 अवतारों के नाम राम रखे गए वो अनंत अखंड परमात्मा भी राम नाम की महिमा नही बता सकता कलयुग के सभी आत्मज्ञानी ईश्वर दूतो और संतो ने नाम की ही महिमा गायी है कलजुग जोग ना तप ना ज्ञाना कलजुग केवल नाम आधारा सुमर सुमर नर उतरही पारा. इसीलिए कोई किसी भी देवता का भी ध्यान करना चाहता हो नेगेटिव एनर्जी से डरने की जरूरत नही ये सब नेगेटिव एनर्जी काल के अधीन है और काल उसका क्या बिगाड़े जो भक्त हो महाकाल का और राम नाम जप से महाकाल स्वयं आपके साथ हो जायेंगे यह वचन स्वयं महाशिव ने देवी पार्वती को पद्म पुराण मे कहा था की राम नाम जपने वाले के साथ मैं स्वयं सदैव रहता हूँ 🙏🏻🙏🏻🙏🏻जय श्रीराम 🙏🏻
वैष्णव पुराण पदम् पुराण से लेके शैव पुराण स्कंद पुराण और शाक्त पुराण कालिका पुराण मे भी वर्णित है राम नाम से सर्व सिद्धि प्राप्त हो जाती हैँ सारा ज्ञान स्वतः हृदय मे समाहित हो जाता है इतना तक भगवान शिव कह दिए की समस्त ब्रह्माडो मे जो सप्त कोटी महामंत्र हैँ और एक महामंत्र ही कोटी यानि करोड़ो मंत्रो से अधिक शक्तिशाली कहा गया है ऐसे सात करोड़ महामंत्र हैँ लेकिन यह सब महामंत्र भी एक साथ भी राम नाम की बराबरी नही कर सकते. इसीलिए तुलसीदास ज़ी ने बता दिया महामंत्र सोइ जपत महेशू कासी मुक्ति होत उपदेशु अर्थात राम नाम देके ही शिव काशी मे मरने वाले जीव को मोक्ष देते हैँ.. कबीर दास ने भी यही कहा कोटी नाम संसार मे तासे मुक्ति ना होय सत्य नाम एक सार है बूझे विरला कोय कबीर भी स्वयं को अनपढ़ कहते थे कागद कलम को हाथ छुयो नही लेकिन राम नाम जप से ही सर्वशक्तिमान हो गए आज कोई ऐसा ज्ञान नही जो कबीर के स्तर तक पहुंच सके राम नाम जप से समस्त वेदो का और उससे भी परे जितना भी सृस्टि ज्ञान है वो हृदय मे प्रकट हो जाता है. तुलसीदास ज़ी ने भी वर्णन किया है उल्टा नाम जपत ते जाना बाल्मीकि भये ब्रह्म समाना.यानि उल्टा राम नाम जपने से ही ब्रह्मरिषी बन गए एक अनपढ़ वाल्मीकि बन गए और ब्रह्मरिषी से बड़ा सिद्ध कौन होगा? और समस्त शास्त्र राम नाम की ही महिमा गा रहें. लेकिन हमको राम नाम जप का उद्देश्य कोई सिद्धि कुंडलिनी के शक्तियों के लोभ हेतु नही बल्कि परमात्मा का प्रेम पाने और अपनी आत्मबोध के लिए करना चाहिए ताकि स्वयं को जान कर उस परमात्मा का पल पल अनुभव कर सकें 🙏🏻
*॥ॐ: नमस्ते सदा वत्सले मातृभुमे त्यवा हिन्दुभुमे सुखम वरधि तोहम, महामंगले पुण्यभुमे त्यदर्थे पतत्ये सकायो नमस्ते नमस्ते ॐ:॥* *॥॥॥:वंदे मातरम् :॥॥॥* *” जय हिन्दु राष्ट्र “ साथे “ जय जय श्रीकृष्ण “* *बिलकुल बराबर , खुबज सरस , सुंदर , सटीक , रोचक कथा / दर्शन / प्रस्तुति / स्वर ❤~> साधु साधु <~❤ तो पण ,- हवे तो गुजरात पर विश्वास राखो ज , श्रीमद् भगवत् गीताजीनो अभ्यास करो ज , सनातन धर्म विषे समजो / समजावो - धन्यवाद *
उसकी हिम्मत नही है जो किसी से लाइव डिबेट कर सके, वह अपनी बात बोलता रहेगा, दूसरे को बात सुनेगा नही, वीडियो से काट देगा दिखाएगा नही और बोलेगा फलां फलां मैदान छोड़कर भाग गया। SC ST Act के पीछे छिपकर गाली बकता है ऐसे दुष्ट प्रवत्ति के इंसानों से फर्जी डिबेट कौन करेगा। डिबेट विद्वानों से होती है आरक्षण से फ्री में ककहरा पढ़कर खुद को विद्वान बताने वाले आरक्षण जीवी से डिबेट नही की जाती है।
अयोध्या अर्थात अध्यात्म की पराकास्ठा शब्दों में महिमा नहीं गाई जा सकती .. परमात्मा का निर्गुण साकार धाम जिसे परम धाम भी कहते हैं उसको ही शास्त्रों में नित्य साकेत अमरलोक अमरपुर धाम कहा है इसी का प्रतिबिम्ब धरती पर अयोध्या रूप में प्रकट हुआ जब आदिमनु और शतरूपा ने निर्गुण निराकार को भक्ति वश साकार रूप में प्रकट किया तब वो परमेश्वर जो ब्रह्मा विष्णु शिव के कारन के भी आदि कारन हैं वही राम बनके आये इसलिए सरयू में स्नान मात्र से मोक्ष मिल गया कीट पतंगों को भी इसलिए सप्त तीर्थो में परम तीर्थ अयोध्या को कहा गया इसलिए बौध जैन और हिन्दू धर्म के कई महापुरुष अयोध्या में बसे और देवता नित्य अयोध्या के दर्शन करने आते हैं और शंकर जी तो अलग २ भेष में आते रहते हैं और हर कल्प में भगवन विष्णु राम लीला करने राम बनके आते हैं इसलिए सरयू को श्राप वाली बात मिथ्या है बल्कि स्कन्द पुराण में स्वयम शिव कह रहे की काशी और वृंदावन में कल्प भर वास करने का जो फल है उसका करोड़ गुना फल सरयू में स्नान करने से ही मिल जाता है अतः राम के शरीर सरयू में त्यागा नही बल्कि इसी सरयू में अपने सच्चिदानंद रूप से परमधाम को समस्त प्राणियों को साथ ले गये और ऐसी ही घटना इस बार कलयुग में कल्कि अवतार के समय होगी क्युकी इस कलयुग में स्वयं परमब्रह्म ही कल्कि रूप में आयेंगे वैष्णो माता को दिए वचन के कारन राम अवतार में इसलिए पिछले तीन कलयुग में विष्णु जी कल्कि बनके आये लेकिन वैष्णो माता से विवाह नही हुआ क्युकी वो राम से ही विवाह करेंगी वरदान के अनुसार राम स्वयं आयेंगे इसलिए इस कलयुग में राम चरितमानस का ज्ञान प्रकट किया गया यह मोक्ष का युग है इसलिए कहा हैं इस युग में राम नाम ही मुक्ति देगा 🙏🙏🙏
सभी ईश्वर रूपों ने राम कृष्ण अवतार लिया है कल्प कल्प मे एक कल्प मे जय विजय के उद्धार के लिए आदि वैकुंठ के नारायण ने राम कृष्ण अवतार लिया नारद के श्राप से पालनकर्ता क्षेर सागर के विष्णु ने राम कृष्ण अवतार लिया और वृंदा के श्राप को सत्य करने हेतु भी पालनकर्ता विष्णु ही राम बनके आये 😎 अदिति और कश्यप के तप से एक कल्प मे अक्षर ब्रह्म ही तीन अवतार मे आये प्रथम अवतार प्रसनीगर्भ नाम से दूसरा वामन नाम से तीसरा अवतार श्रीकृष्ण रूप मे धारण किया 😎और अन्य कल्प मे अदिति और कश्यप ही दसरथ और कौशल्या बने तब महाविष्णु ही देवताओं को क्षीर सागर पर परावाणी द्वारा वचन दिए की अदिति कश्यप के अयोध्या मे दरसरथ और कौशल्या रूप मे जन्म हुआ है मैं अपने अंशो सहित अवतार धारण करूंगा चार रूप से मेरे शक्ति भी अवतार धारण करेगी. तब महाविष्णु ही राम बनके आये और त्रिदेव जो इनके अंश हैँ वही भरत लक्ष्मण शत्रुघ्न बनके आये अंश रूप से और गर्भदक विष्णु भी राम कृष्ण अवतार मे आये हैँ जिसका वर्णन भागवत मे है जब द्वारका के ब्राह्मण के मृत पुत्रो को वापस लाने अर्जुन को श्रीकृष्ण ब्रह्माण्ड के गर्भ मे स्थित भूमा पुरुष महाविष्णु अर्थात गर्भसई विष्णु के पास जाते हैँ तब भूमा विष्णु उनको कहते हैँ की आप दोनों मेरे ही कलाओ से उतपन्न हुए हो और धरती पर अवतार कार्य करने के बाद आप दोनों पुनः मेरे पास आ जाओगे और आप दोनों को ही यहाँ लाने के लिए मैंने ही ब्राह्मण के पुत्रो को अदृश्य किया है 😎 किन्तु श्रीराम और श्रीकृष्ण मूलतः ना विष्णु के अवतार हैँ ना काली के ना तारा के ये मात्र लीला मे इनका रूप धारण करके उस आदिकल्प की लीला को प्रकट करते हैँ हर कल्प मे और कई कल्पों मे शक्ति तत्व यानि दुर्गा भी राम और कृष्ण अवतार लेती हैँ जिसका वर्णन कई ग्रंथो मे है शाक्त तंत्रो मे भी है की देवी तारा से राम अवतार हुआ और काली से कृष्ण अवतार हुआ भविष्य पुराण मे देवताओं को परावाणी द्वारा बताया जाता है पृथ्वी का भार हरने के लिए भगवती पराअम्बा शिवा ही सीता और राम इन दो रूपों मे अवतार धारण करेंगी 😎शिव पुराण अनुसार एक कल्प मे पार्वती ही राम और शिव जी ही सीता के रूप मे अंश अवतार धारण किये थे देवी भागवत अनुसार भी विपरीत प्रेम की लीला के लिए पार्वती ने महाकाली रूप से श्रीकृष्ण का अवतार धारण किया और शिव स्वयं राधा बनके आये और शिव की अस्ट मूर्तियां श्रीकृष्ण रूपी महाकाली की आठ पत्नियां बनके अवतरित हुई इस कल्प मे पार्वती के बड़े भाई होने के नाते विष्णु ही बलराम रूप मे आये और इन्द्र ने अर्जुन के रूप मे अवतार लिया इस कल्प मे अवतार समापन के समय देवताओं की प्राथना पर श्रीकृष्ण अवतार अपने महाकाली रूप से ही शेरो से जुते दिव्य रथ पर आरुड़ होके कैलाश को पुनः चली गयी किन्तु जिस कल्प मे मूल कृष्ण और मूल राम अवतार हुआ वास्तव मे ये दो अवतार स्वयं निर्गुन निराकार और सगुन साकार से परे जो परमब्रह्म हैँ उन्होंने भक्ति वश धारण किया था स्वयंभु मंन्वंतर मे जिस कारण हर एक ईश्वर रूप उनके अवतार की लीला को प्रकट करने आते हैँ ताकि जीवो का परमात्मा से प्रेम हो सके इसीलिए निर्गुण संत राम और कृष्ण के नाम से ही परमात्मा की अरदास करते हैँ गुरू ग्रंथ साहेब मे भी परमात्मा के लीलाओ का तो वर्णन है लेकिन उसको निर्गुण निरंकार ही कहा है यही कबीर तुलसीदास के ग्रंथो मे भी है और महाभारत मे जिन कृष्ण अर्जुन का वर्णन है वो नर और नारायण ऋषि के अवतार थे यानि वर्तमान कल्प मे भगबान नर और नारायण ही श्रीकृष्ण और अर्जुन के रूप मे आये थे और कर्णोदक महाविष्णु भी राम कृष्ण अवतार मे आये और कौशल्या दूर्वासा और कागभूषण्डी को इन्ही महाविष्णु ने अनंत ब्रह्माडो के दर्शन कराये क्युकी यही अनंत ब्रह्माण्ड धारण करते हैँ. जब करणोदक महाविष्णु स्वयं राम बनके आये तब त्रिदेव इनकी सेवा के लिए अपने अंश से भरत लक्ष्मण शत्रुघ्न बनके आये थे जिसका प्रमाण रामचरितमानस मे मिलता है नामकरण के समय. एक कल्प मे वासुदेव व्यूह भी राम भरत लक्ष्मण शत्रुघ्न रूप मे अवतरित हुए नारद पंचरात्र मे इनका वर्णन है 🙏🏻जय सच्चिदानंद 🙏🏻
*॥ॐ: नमस्ते सदा वत्सले मातृभुमे त्यवा हिन्दुभुमे सुखम वरधि तोहम, महामंगले पुण्यभुमे त्यदर्थे पतत्ये सकायो नमस्ते नमस्ते ॐ:॥* *॥॥॥:वंदे मातरम् :॥॥॥* *” जय हिन्दु राष्ट्र “ साथे “ जय जय श्रीकृष्ण “* *बिलकुल बराबर , खुबज सरस , सुंदर , सटीक , रोचक कथा / दर्शन / प्रस्तुति / स्वर ❤~>_साधु साधु_ आपना श्री चरणो मा मारा शत शत कोटी प्रणाम <~❤ तो पण ,- हवे तो गुजरात पर विश्वास राखो ज , श्रीमद् भगवत् गीताजीनो अभ्यास करो ज , सनातन धर्म विषे समजो / समजावो - धन्यवाद *
जय श्री राम गुरु जी के श्री चरणों मैं प्रणाम गुरुदेव आपके आपका कहा हुआ एक एक शब्द 100% सत्य है लेकिन आपके सत्य कहने पर लोग समझेंगे नहीं बल्कि आपका विरोध करेंगे क्योंकि सब एक दूसरे को देखकर कार्य करते हैं इसने यह किया मैं भी करूंगा इसने यह वहां पर गया मैं भी जाऊंगा सच्चाई नहीं समझते सच तो यह कोई किसी को कुछ नहीं दे सकता सत्य तो यह है की देने वाला प्रभु श्री राम और दूसरा स्वयं का कर्म जय श्री राम
यदु ने लाखो गाय पाल रखी थी लेकिन वह खुद चरवाहे नही थे उन्होंने बहुत सारे चरवाहे रख रखे थे जिनको पगार मिलती थी रोटी अन्न मिलता था और दिन भर गाय भैंस चराते थे। अब वही लोग खुद को यदुवंशी बता रहे हैं जो सरासर झूठ है। यदुवंशी क्षत्रिय (ठाकुर जी) और गोप ग्वाले अहीर आदि चरवाहे थे जिसमे कुछ पगार लेने वाले शूद्र (नौकर) और कुछ वैश्य थे दुग्ध उत्पादन के व्यापारी थे ठाकुर नही।
आपके द्वारा बनाई गई जानकारी के आधार पर सृष्टि की रचना सही बताइए क्या अगर बताई गई है तो सूर्य द्वारा बच्चे उत्पन्न करना विदेश में क्यों नहींबताया गया भारत में हल से बच्चे पैदा हो सकते हैं ऐसे चमत्कार विदेश में क्यों नहीं हुई है भारत में बुध और उसके पूर्व और बाद का ज्ञान क्यों नहीं पढ़ा जाता क्यों नहीं बताया जाता है
Prbhu ki maya ko koi nhi samaj sakta tabhi to rampal jese log dharm ke naam pr pakhand karte he Jai Shri Ram parmeshwar param tatv avinashi parmatma ki jai
*॥ॐ: नमस्ते सदा वत्सले मातृभुमे त्यवा हिन्दुभुमे सुखम वरधि तोहम, महामंगले पुण्यभुमे त्यदर्थे पतत्ये सकायो नमस्ते नमस्ते ॐ:॥* *॥॥॥:वंदे मातरम् :॥॥॥* *” जय हिन्दु राष्ट्र “ साथे “ जय श्री कृष्ण “* *बिलकुल बराबर , खुबज सरस , सुंदर , सटीक , रोचक कथा / प्रसंग / दर्शन / प्रस्तुति / स्वर ❤~>_साधु साधु_ आपना श्री चरणो मा मारा शत शत कोटी प्रणाम <~❤ तो पण ,- हवे तो गुजरात पर विश्वास राखो ज , श्रीमद् भगवत् गीताजी नो अभ्यास करो ज , सनातन धर्म विषे समजो / समजावो - धन्यवाद *