Тёмный
Aman chamoli
Aman chamoli
Aman chamoli
Подписаться
पौराणिक कथाओं के अनुसार पांडवों ने 51 सिद्धपीठों का निर्माण किया था।
जिसमें से माता सती के सर को उत्तराखंड कद्दूखाल मैं मां सुरकंडा के नाम से भी जाना जाता है
माता सुरकंडा की उत्पत्ति चंबा के निकट सत्यौं गांव से सर्वप्रथम हुई थी सत्यों गांव मैं मां सुरकंडा के भगत श्री सत्य प्रसाद सेमवाल जी रहते थे जिन्होंने मां सुरकंडा की जन्म भगति की थी सेमवाल जी को तंत्र मंत्र ज्ञान था जिसे उन्होंने मां सुरकंडा को भी सिद्ध किया।। उनके स्वर्गवास के बाद मां सुरकंडा ने एक 4 वर्षीय बालक पर अपनी असीम कृपा बरसाई जिससे माता कलयुग में अपने विभिन्न चमत्कार दिखाने लगी उसके उपरांत माता ने उसी बालक पर 8 वर्ष की उम्र मै मां सुरकंडा के आशीर्वाद से सभी लोगों का कल्याण करना प्रारंभ कर दिया था वर्तमान समय में उसी बालक को आप अजय बिजलवान जी के नाम से भी जाना जाता है
अजय बिजलवान जी ऋषिकेश ढालवाला मैं रह कर मां सुरकांडा की डोली से हर रविवार कल्याण करते है साथ ही उनके पुजारी सचिन डबराल जी मां की संध्या पूजा करते है।
मां सुरकंडा चावल की हरियाली हाथ मैं देती है।। (देवभूमि उत्तराखंड संस्कृति)
जय मां सुरकंडा भवानी ❣️
Комментарии