नमस्कार मित्रों , आपका Limelight World पर हार्दिक अभिनन्दन हैं,आप इस Channel पर अध्यात्म, आत्मज्ञान, योग विज्ञान और हिन्दू वेदों और पुराणों के अंदर दिए गए अद्भुत और अदुतीय ज्ञान को जानेंगें , और Secret knowledge जो आम व्यक्तिओं तक नहीं पहुँच पाती, आप इस Channel के माध्यम से अपनी हर मूर्छा को तोड़ पाएंगे जो किन्हीं कारणों नहीं टूट पा रही है ? दोस्तों यह Channel न केवल आपको अध्यात्म में प्रवेश कराएगा बल्कि हर उस अन्धविश्वास को भी तोड़ने में मदद करेगा जो सामाजिक लोगों के द्वारा फैलाए गए हैं , दोस्तों यदि आप गहरी समझ रखते हैं और अध्यात्म को गहरे अर्थों में समझना चाहते हैं तो Channel को Subscribe कर लें !
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सिद्धार्थ गौतम - जिन्हें बाद में बुद्ध, प्रबुद्ध व्यक्ति के रूप में जाना जाता है - ने छठी शताब्दी ईसा पूर्व में उत्तर भारत में शिक्षा दी थी। उनका सिद्धांत उस समय के हिंदू धर्म से अलग था, क्योंकि उनका मानना था कि जन्म और पुनर्जन्म के अंतहीन चक्र से बाहर निकलने का वास्तव में एक रास्ता है, जिसके अनुसार हिंदुओं का मानना था कि सभी संवेदनशील जीवन ...हेमिस गोम्पा लेह के दक्षिण-पूर्व दिशा में शहर से 45 किमी की दूरी स्थित है। इस मठ के ऊपरी भाग में देवी तारा का मंदिर है। किंवदंती है कि देवी तारा की आराधना भगवान बुद्ध करते थे। बौद्ध धर्म की व्रजयान शाखा में इस देवी की पूजा का खास महत्व
गौतम बुद्ध सूर्यवंशी क्षत्रिय थे। उनकी शिक्षा संस्कृत मे हुई। बौद्ध रामायण में राम एक बोधिसत्व है। बौद्ध जैन और वैदिक दर्शन एक ही है। सभी मोक्ष प्राप्ती की राह बताते हैं। बुद्ध की मूर्तियां भगवान महावीर स्वामी और सिकंदर से प्रेरित है। जैन धर्म भारत की पहली संगठित व्यवस्थित धर्म है और बौद्ध धर्म से भी प्राचीन है। वैदिक सनातन धर्म मूलतः प्रकृति पूजक है। इसलिए हिन्दू सूर्य, नदी, नव ग्रह, वृक्ष आदि की पूजा करते है। इसलिए हिन्दू धर्म सबसे प्राचीन है।
Ganga narvda jaisi Pawan pavitra nadiyon ka pani bhi sanunder main Jane per khara ho jata hay. Bindu main hi Sandhu. SAKAR nirakar ka lay.hona hi om ka pradurbhav hay. Pratkal uthi ke raghunatha matpita guru NAWAHI MATHA.
1.Sahasrahara Chakra par chinti Jaise chalna. 2.Agnya Chakra par khichav. 3.kapal phadakna. 4. Chehre par ya sharir par chiti chalna. 5.Right ya left bath ko koi touch karta he ya vibration Jaisa hona ya phir kuch karne ko ya na karne ko keh raha he. 6.Head ya sharir age. piche ya right left hilna. 7.kabhi kabhi kisi vishesh tithi par kisi bhi samay ek awaz aati he kaan mein, jaise kozagiri purnima, shivratri. 8.ek manmohak sugandh rahti he saath mein. Ye sab hota he mere saath. Aum Namoh Bhagwate vasudevay Namah. Aum Namah Shivay.
Ye batao ki hauwa ka janm nhi adam ke sarir ke haddi mans se rachi gayi ...janm nhi hua ...galat information mat banao ok ...adha adhura gyan leke aa gaye aap gyan dene ...chand like subscribe ke liye kuchh bhi bakwas faila diye ...
आप ध्यान साधना शिकाते हो या आपका कोई क्लास है ध्यान के बाद धारणा होती है धारणा के बाद समाधी होती है समाधी के बाद अखंड समाधी होती है अखंड समाधी मे साधक चला जाता है उसको अद्वैत प्राप्ती होती है द्वैत नष्ट हो जाता है अकर्म अवस्था मे चला जाता है ऊस अवस्था में द्रष्टा दृश्य दर्शन तीनो से पार हो जाता है इसलिये गुणातीत रूपातील शब्दातीत जो परमात्मा है व गुण रहित है रूप रहित है शब्द से बताया नही जा सकता सिर्फ भक्ती करने वाले साधकों को कैसे जाना है यह मार्ग बता सकता है
सपने मे तो ऐसे भी पडते है प्रेतयात्रा दिखती है आप खुद मरे हुए दिखते है कोई भूत दिखता है आप आसमान से गिर रहे है ऐसा भी सपना दिखता है ध्यान का और सपने का कोई मतलब नही है धारणा होनी चाहिये धारणा मे कोई भय नही होता आनंदी आनंद होत आहे
ये सब आपके अनुभव नही है आपने किताबे मे जो आया है वही बता रहे है ध्यान का अनुभव नही होता धारणा का अनुभव होता है अगर धारणा नही हुई है तो कैसा अनुभव आप सब गलत बता रहे है धारणा मे अनुभव होते है सूर्यबिंब दिखता है रंगबिरंगी प्रकाश दिखता है इससे साधक कुछ तो भी मिला है इससे आनंदीत होता है अर्वा आगे बढने की कोशिश करता है रंगबिरंगी प्रकाश जब सूर्यबिंब में बदल जायेगी स्थिर होगी व अवस्था तुरिया अवस्था होगी जैसे आम का फल है नितीन पका हुआ नही है फल का मतलब है सूर्या अवस्था आम जब रस मी बदल जायेगा व परिपक्व अवस्था होती है ऊस अवस्था को उन्मनी कहा गया है अरे उन्मनी अवस्था में प्रकाश नीले रंग में परिवर्तित होता है और यही पर मेरे रंग में आपले इष्ट का दर्शन होता है
Agar hum pure din mai shakshi bhav vicharo ko bss dekhe jitna pure din ho paye Or subah saanso p dhyan de Or raat ko sone se pehle hridya pr dhyan de to kya ye glt tarika hoga Hume kisi ek pr hi dhyan dena chhaiye? Hridya p dhyan asaani se lg jata hai Saanso p abhi shuru kia hai saans ka bahar niklna pta lgta hai bs abhi shurvati din hai 2 din hue hai kya aisa hi sbke sath hota shuru mai?
यहां एक से एक नास्तिक और मलेक्ष भरे पड़े हैं उन्हें स्वयं का आत्म बोध नहीं भगवान बुद्ध ने तो आत्मबोध किया था उसने सांसारिक मोह माया सांसारिक विचारों से परे उठकर उसे सत्य के दर्शन किए थे जो शून्य है जो ज्योति स्वरूप है निरंकार है जिसने पृथ्वी के तीन गुण बनाए हैं सत्व तम औ रज वह तो इन सब से परे थे फिर मलेक्षों राक्षसों दैत्यों ने स्वयं को सत्य और नश्वर संसार को सत्य कैसे मान लिया और लोगों को क्यों सनातन सत्य से भड़का रहे हैं 😡😡 हे पाखंडियों पहले स्वयं को तो जानो बुद्ध ने ऐसा नहीं कहा था कि ईश्वर नहीं है उन्होंने उनके कहने का अर्थ तुमने गलत निकाल लिया और वीडियो बनाकर लोगों मे नास्तिकता फैला रहे हो उनके कहने का अर्थ यह था कि ईश्वर नहीं है अर्थात वह शून्य है
भाई पहला अनुभव जैसा तूने बताया वैसा का वैसा हुआ है मगर आगे के चार अनुभव मेरे डेढ़ साल की ध्यान साधना में कभी नहीं हुए इसका कारण यह भी हो सकता है कि मेरा कोई इस्ट देव नहीं है मैं किसी देव का नाम नहीं लेता और रही बात दर्शन देने तो आज तक इतिहास में जिस जिस ने उसको पाया है बुद्ध, महावीर ,शंकराचार्य, कबीर सब ने केवल अनुभव किया है दर्शन किसी ने नहीं किया।