धर्मप्रेमी सज्जनवृंद अध्यात्म जीवन व्यतीत करने के लिए कई ऐसे पड़ाव आते है जिनमें हमें अपने व्यक्तित्व में उचित सुधार करने पड़ते है वो मन, वचन, कर्म तीनो तरीके से होते है। ऐसे ही सच्चिदानंद परब्रहम की मेहेर से यह सेवा का एक अवसर प्राप्त हुआ है कि RU-vid के माध्यम से यह सेवा ब्रहमावाणी का प्रचार प्रसार जन जन तक हो रहा है तो हम सब सुंदरसाथ इस सेवा में सहयोग दे क्युंकि बस घर बैठ कर हमे वीडियो को like share or comment करना है तो हम निस्वार्थ भाव से इतनी सेवा तो कर ही सकते है। यही हमारी सच्ची सेवा और समाज और दुनिया के लिए सही निर्मलता होगी। वीडियो को लाइक और चैनल को subscribe जरूर करे। प्रणाम जी। 🙏
बुरे कर्म से कैसे बचोगे जब निष्कलंक ब्रह्म वाणी में ही खामियां निकल रहे हो। पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के विधान को कोई बदल नहीं सकता जो बदलने की कोशिश करेगा उसके पेट की आंत निकल कर बाहर आ जाएगी। पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद का विधान क्या है। या कुरान या पुराण ए कागद दोऊ प्रमाण। याके मगज मायने हम पास अन्दर आए खोलें श्री प्राणनाथ।। यह पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद का विधान है इसमें एक विधान को अगर अपूर्ण समझते हैं तो यह खतरे की घंटी से खाली नहीं है। भागवत ब्रह्म सृष्टि का साक्षी प्रमाण ग्रंथ है। शास्त्र श्रवण श्री भागवत बुद्ध जागृत को ज्ञान।। श्री निजानंदपद्धति।। भागवत में पूर्ण ब्रह्म का नाम श्री कृष्णा बताया है लेकिन श्री कृष्णा भी तीन है। कृष्णा कृष्णा सब कोई कहे भेद न जाने कोए एक कृष्णा बैकुंठ का दूजा हैगोलोक तीजो अखंड धाम को जहां जाएं सब शौक़।। एक श्री कृष्णा रुक्मणी बैकुंठ नाथ विष्णु भगवान हैं जो भागवत प्रमाण से प्राकृतिक प्रलय में लय हो जाएगा दूसरे श्री कृष्ण राधा रानी गोलोक धाम में अखंड लीला कर रहे हैं। तीसरे श्री कृष्ण स्वामिनी अर्थात श्याम श्यामा जी निज धाम में विराजमान हैं यही पूर्ण ब्रह्म हैं इन्हीं की छाया रुपी ब्रह्म लीला गोलोक धाम में श्री कृष्ण राधा नाम से अखंड है। श्री महेश्वर तंत्र।। शिव पार्वती संवाद।। जिन जानो शास्त्रों में नहीं है शास्त्रों में सब कुछ।। ब्रह्म वाणी।। श्री जी साहेब जी भी धनी जी का निज नाम है।🎉🎉🎉🎉🎉
ऐसा इलम किसी काम का जो पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के विधान में ही खामियां निकल रहा है। पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के विधान को कोई बदल नहीं सकता और जो बदलने की कोशिश करेगा उसके पेट की आंत निकल कर बाहर आ जाएगी। पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद का विधान क्याहै। या कुरान या पुराण ए कागद दोऊ प्रमाण। याके मगज मायने हम पास अन्दर आए खोलें श्री प्राणनाथ।। यह पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद काविधान है इसमें अगर एक विधान को अपूर्ण समझते हैं तो यह खतरे की घंटी से खाली नहीं है। भागवत ब्रह्म सृष्टि का साक्षी प्रमाण ग्रंथ है। शास्त्र श्रवण श्री भागवत बुद्ध जागृत को ज्ञान।। श्री निजानंद पद्धति।। भागवत में पूर्ण ब्रह्म का नाम श्री कृष्णा बताया है लेकिन श्री कृष्णा भी तीन है। कृष्णा कृष्णा सब कोई कहे भेद न जाने कोए एक कृष्णा बैकुंठ का दूजा हैगोलोक तीजो अखंड धाम को जहां जाएं सब शौक़।। एक श्री कृष्णा रुक्मणी बैकुंठ नाथ विष्णु भगवान हैं जो भागवत प्रमाण से प्राकृतिक प्रलय में लय हो जाएगा दूसरे श्री कृष्ण राधा रानी गोलोक धाम में अखंड लीला कर रहे हैं तीसरे श्री कृष्ण स्वामिनी अर्थात श्याम श्यामा जी निज धाम में विराजमान हैं यही पूर्ण ब्रह्म है इन्हीं की छाया रुपी ब्रह्म लीला गोलोक धाम में श्री कृष्ण राधा नाम से अखंड है। श्री महेश्वर तंत्र।। शिव पार्वती संवाद।। जिन जानो शास्त्रों में नहीं है शास्त्रों में सब कुछ।। ब्रह्म वाणी।। श्री जी साहेब जी भी धनी जी का निज नाम है।🎉🎉🎉🎉🎉🎉
वेदों से कोई पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद को नहीं जान सकता अगर वेदों से पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद को जाना जाता तो सृष्टि का ब्रह्मा ही क्यों नहीं जान जाता। सृष्टि में जितने अवतार पीर पैगंबर ऋषि मुनि तपस्वी आचार्य हुए हैं किसी ने भी पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद को नहीं जाना। सब ने निराकार को ही परमात्मा मान लिया है। जबकि निराकार माया है। इस बात की साक्षी खुद वेद दे रहे हैं यजुर्वेद का मंत्र संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया। लेकिन महर्षि लोग वेदों का उल्लंघन करके निराकार को ही परमात्मा घोषित कर रहे हैं। जैसे कुएं कामेंढक कुएं को सागर समझता है। ऐसे ही दुनिया के महर्षि यों की हालत है। कलयुग बुद्ध शाखा में पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के आवेश अवतार श्री विजियाभिनंद बुद्धनिष्कलंक द्वारा जागृत बुद्धि से कुरान और पुराण के प्रमाण से एक पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद अल्लाह वाहेगुरु गॉड को जाहिर किया है इस लिए कलि चारों युगों में श्रेष्ठ है।🎉🎉🎉🎉🎉
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वेदों को पढ़कर अगर परमात्मा को प्राप्त किया होता तो सृष्टि के ब्रह्म क्यों न प्राप्त कर लेते। आज तक दुनिया में जितने भी अवतार पीर पैगंबर ऋषि मुनि संत महात्मा आचार्य हुए हैं किसी ने भी पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद को नहीं जाना। सब निराकार को ही पूर्ण ब्रह्म मानते रहे। जबकि वेद स्पष्ट बतारहे हैं कि निराकार साकारमाया है। यजुर्वेद का मंत्र संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है। फिर भी महर्षि लोग निराकार तक ही सीमित रहे अर्थात माया तक यह सीमित रहे कोई भी पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद को जान नहीं पाया। अब कलयुगबुद्ध शाखा में पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के आवेश अवतार श्री विजियाभिनंद बुद्धनिष्कलंक द्वारा जागृत बुद्धि से कुरान और पुराण के प्रमाण से अखंड परमधाम को जाहिर किया है जिसका आज तक किसी को पता ही नहीं था। इसलिए कलयुग चारों युगों में श्रेष्ठ है।🎉🎉🎉🎉🎉
पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के विधान को कोई बदल नहीं सकता अगर कोई बदलने की कोशिश करेगा तो उसके पेट की आंत निकल कर बाहर आ जाएगी। पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद का विधान क्या है। या कुरान या पुराण ए कागद दोऊ प्रमाण। याके मगज मायने हम पास अन्दर आए खोलें श्री प्राणनाथ।। यह पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद का विधान है इस विधान में अगर एक विधान को अपूर्ण बताया जाएगा तो वह खतरे की घंटी से खाली नहीं है। भागवत ब्रह्म सृष्टि का साक्षीग्रंथ है। शास्त्र सरवन श्रीभागवत बुद्ध जागृतको ज्ञान।। श्री निजानंदपद्धति।। भागवत में पूर्ण ब्रह्म का नाम श्री कृष्णाबताया है लेकिन श्री कृष्णा जी भी तीन है। कृष्णा कृष्णा सब कोई कहे भेद न जाने कोए एक कृष्णा बैकुंठ का दूजा हैगोलोक तीजो अखंड धाम को जहां जाएं सब शौक़।। एक श्री कृष्णा रुक्मणी बैकुंठ नाथ विष्णु भगवान हैं जो भागवत प्रमाण से प्राकृतिक प्रलय में लय हो जाएगा दूसरे श्री कृष्ण राधा रानी गोलोक धाम में अखंड लीला कर रहे हैं। तीसरे श्री कृष्ण स्वामिनी अर्थात श्याम श्यामा जी निज धाम में विराजमान हैं यही पूर्ण ब्रह्म है इन्हीं की छाया रुपी ब्रह्म लीला गोलोक धाम में श्री कृष्ण राधा नाम से अखंड है। श्री महेश्वर तंत्र।। शिव पार्वती संवाद।। जिन जानो शास्त्रों में नहीं है शास्त्रों में सब कुछ।। ब्रह्म वाणी।। श्री जी साहेब जी भी धनी जी का निज नाम है।🎉🎉🎉🎉🎉
गीता और वेद पढ़कर पूर्ण ब्रह्म को जाना जाता तो सृष्टि के ब्रह्मा विष्णु महेश क्यों नहीं जान सके। कबीर जी पूर्ण ब्रह्म को क्यों नहीं जान सके। त्रेता युग के श्री राम पूर्ण ब्रह्म को क्यों नहीं जान सके। द्वापर के श्री कृष्ण गीता का उपदेश देने वाले पूर्ण ब्रह्म को क्यों नहींजान सके। जितने ऋषि महात्मा पीर प्रभु अवतार पूर्ण ब्रह्म को क्यों नहींजान सके। सब निराकार साकार रूपी दलदल में धसे रहे। किसी ने भी पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद को नहीं जाना। ऊपर जितने का नाम लिया गया है तथ्यों के साथ सब का जवाब मिल जाएगा। कलयुग बुद्ध शाखा में पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के आवेश अवतार श्री विजियाभिनंद बुद्धनिष्कलंक द्वारा जागृत बुद्धि से अखंड परमधाम जाहिर हुआ है जिसका किसी को पता ही नहीं था जब से सृष्टि बनी है आज तक। इसलिए कलयुगचारों युगों में श्रेष्ठ है।🎉🎉🎉🎉🎉🎉
पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के विधान को कोई बदल नहीं सकता जो बदलने की कोशिश करेगा उसके पेट की आंत निकल कर बाहर आ जाएगी। पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद का विधान क्याहै। यथा या कुरान या पुराण ए कागद दोऊ प्रमाण। याके मगज मायने हम पास अन्दर आए खोलें श्री प्राणनाथ।।। यह पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद का विधान है इसमें एक विधान को जो अपूर्ण बतायेगा समझ लो उसे पर खतरे की घंटी मंडरा रही है। भागवत ब्रह्म सृष्टि का साक्षी प्रमाणग्रंथ है। शास्त्र श्रवण श्री भागवत बुद्ध जागृत को ज्ञान।। श्री निजानंद पद्धति।। भागवत में पूर्ण ब्रह्म का नाम श्री कृष्णा बताया है लेकिन श्री कृष्णा भी तीन है। कृष्णा कृष्णा सब कोई कहे भेद न जाने कोए एक कृष्णा बैकुंठ का दूजा हैगोलोक तीजो अखंड धाम को जहां जाएं सब शौक़।। एक श्री कृष्णा रुक्मणी बैकुंठ नाथ विष्णु भगवान हैं जो भागवत प्रमाण से प्राकृतिक प्रलय में लय हो जाएगा दूसरे श्री कृष्ण राधा रानी गोलोक धाम में अखंड लीला कर रहे हैं। तीसरे श्री कृष्ण स्वामिनी अर्थात श्याम श्यामा जी निज धाम में विराजमान हैं यही पूर्ण ब्रह्म है इन्हीं की छाया रुपी ब्रह्म लीला गोलोक धाम में श्री कृष्ण राधा नाम से अखंड है। श्री महेश्वर तंत्र।। शिव पार्वती संवाद।। जिन जानो शास्त्रों में नहीं है शास्त्रों में सब कुछ।। ब्रह्म वाणी।। श्री जी साहेब जी भी धनी जी का निज नाम है।❤❤❤❤❤
पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के विधान को कोई बदल नहीं सकता। अगर कोई बदलने की कोशिश करता है तो उसके पेट की आंत निकल कर बाहर आ जाएगी। किसकी हैसियत है जो पूर्ण ब्रह्म के विधान में रोडे अटकाएं। पूर्ण ब्रह्म का विधानक्या है? या कुरान या पुराण ए कागद दोऊ प्रमाण याके मगज मायने हम पास अन्दर आए खोलें श्री प्राणनाथ।। एक विधान को अपूर्णबताना खतरे की घंटी से खाली नहीं है। भागवत ब्रह्म सृष्टि का साक्षी प्रमाण ग्रंथ है। शास्त्र श्रवण श्री भागवत, बुद्ध जागृत को ज्ञान।। श्री निजानंद पद्धति।। भागवत में पूर्ण ब्रह्म का नाम श्री कृष्णा बताया है लेकिन श्री कृष्णा भी तीन है। कृष्णा कृष्णा सब कोई कहे भेद न जाने कोए एक कृष्णा बैकुंठ का दूजा हैगोलोक तीजो अखंड धाम को जहां जाएं सब शौक़।। एक श्री कृष्णा रुक्मणी बैकुंठ नाथ विष्णु भगवान हैं जो भागवत प्रमाण से प्राकृतिक प्रलय में लय हो जाएगा दूसरे श्री कृष्ण राधा रानी गोलोक धाम में अखंड लीला कर रहे हैं। तीसरे श्री कृष्ण स्वामिनी अर्थात श्याम श्यामा जी निज धाम में विराजमान हैं यही पूर्ण ब्रह्म है इन्हीं की छाया रुपी ब्रह्म लीला गोलोक धाम में श्री कृष्ण राधा नाम से अखंड है। श्री महेश्वर तंत्र।। शिव पार्वती संवाद।। इसका खुलासा कलयुग बुद्ध शाखा में पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के आवेश अवतार श्री विजियाभिनंद बुद्धनिष्कलंक द्वारा जागृत बुद्धि से हुआ है इसलिए कलयुग चारों युगों में श्रेष्ठ है। जिन जानो शास्त्रों में नहीं है शास्त्रों में सब कुछ।। ब्रह्म वाणी।। श्री जी साहेब जी धनी जी का निज नाम है।🎉🎉🎉🎉😢😢
पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के विधान को कोई बदल नहीं सकता अगर बदलने की कोशिश करते हैं तो पेट की आंत निकाल कर बाहर आ जाएगी। किसकी हिम्मत है जो पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के विधान में रोड़े अटकाए। पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद का विधान क्या है। यथा -या कुरान या पुराण ए कागद दोऊ प्रमाण। याके मगज मायने हम पास अन्दर आए खोलें श्री प्राणनाथ।। एक विधान को अपूर्ण कहना खतरे की घंटी से खाली नहीं है। भागवत ब्रह्म सृष्टि का साक्षी प्रमाण ग्रंथ है। शास्त्र श्रवण श्री भागवत, बुद्ध जागृत को ज्ञान।। श्री निजानंद पद्धति।। भागवत में पूर्ण ब्रह्म का नाम श्री कृष्णाबताया है लेकिन श्री कृष्णा भी तीन है। कृष्णा कृष्णा सब कोई कहे भेद न जाने कोए एक कृष्णा बैकुंठ का दूजा हैगोलोक तीजो अखंड धाम को जहां जाएं सब शौक़।। एक श्री कृष्णा रुक्मणी बैकुंठ नाथ विष्णु भगवान हैं जो भागवत प्रमाण से प्राकृतिक प्रलय में लय हो जाएगा दूसरे श्री कृष्ण राधा रानी गोलोक धाम में अखंड लीला कर रहे हैं। तीसरे श्री कृष्ण स्वामिनी अर्थात श्याम श्यामा जी निज धाम में विराजमान हैं यही पूर्ण ब्रह्म है इन्हीं की छाया रुपी ब्रह्म लीला गोलोक धाम में श्री कृष्ण राधा नाम से अखंड है। श्री महेश्वर तंत्र।। शिव पार्वती संवाद।। इसका खुलासा कलयुग बुद्ध शाखा में पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के आवेश अवतार श्री विजियाभिनंद बुद्धनिष्कलंक द्वारा जागृत बुद्धि से हुआ है इसलिए कलयुग चारों युगों में श्रेष्ठ है। जिन जानो शास्त्रों में नहीं है शास्त्रों में सब कुछ।। ब्रह्म वाणी।। श्री जी साहेब जी धनी जी का निज नाम है।🎉🎉🎉🎉🎉
હદય પુર્વક કોટી કોટી પ્રણામ રમેશ ચંદ્ર પુરોહિત પોરબંદર અમારે ત્યાં બહુ વરસાદ ને કારણે વિતક પારાયણ જ્ઞાનયજ્ઞ મુલતવી રાખ્યું છે એક વીક પછી વરાપ થાય તો ચાલું કરીશું