पाकिस्तान से कृष्णा अपने देश घर वापसी होने से पहले ही गौरी ही जीत की शादी हो जाएगी और गौरी ही शिव गोपिका दोनों बच्चों को मां का प्यार देने लग जाएगी कि शिव को गौरी पहले से मां का प्यार देती है लेकिन बाद में गौरी के रूप में गोपिका को दूसरी बहुत प्यार करने वाली मां मिल जाएगी कि गोपिका ही गौरी को मां बोलने लग जाएगी कि गौरी बहुत खुश हो जाएगी कि शिव ने नहीं बल्कि गोपिका ने गौरी को मां बोलना शुरू कर दिया है जब गौरी जीत दोनों पति-पत्नी बन जाएंगे तब जाकर परिवार वालों को पता चल जाएगा कि कृष्णा जिंदा है लेकिन कृष्णा पाकिस्तान पहुंच चुकी है तो दूसरी तरफ जीत को पता चल जाएगा कि गौरी जीत के बच्चे की मां बनने वाली हैं लेकिन कृष्णा को किसी भी तरीके से अपने देश वापस आ जाएगी लेकिन कृष्णा को पता चल जाएगा कि गौरी गौरी की शादी हो गई है और अब गौरी बिल्कुल सुधरकर बहुत अच्छी इंसान बन गई है और शिव और गोपिका दोनों बच्चों को गौरी से मां का प्यार बहुत मिल रहा है कि दोनों बच्चे गौरी को अपनी सगी मां मान लिए हैं तो कृष्णा अपनी बहन गौरी से उसके पति जीत और दोनों बच्चों को नहीं दूर कर पाएंगी