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जाटों की सिर्फ और सिर्फ जाटों की होली दहन करने पर तुले हैं तभी तो कांग्रेस की सरकार थी तो यही चलता रहा बेनीवाल के साथ हैं जाट और गहलोत सरकार के खिलाफ रखा जाटों को अब ऊपर नीचे बीजेपी हैं तो जाटों को बीजेपी सरकार के खिलाफ जाहिर करवा दिया,,अब मुझे नहीं पता राजस्थान के तमाम जाट बेनीवाल को नेता मानते हैं या नहीं,,मगर फिलहाल स्वयं भू जाट नेता घोषित बेनीवाल की वजह से जाटों को पीछे धकेलने में कोई कसर बाकी नहीं हैं
डा. किरोड़ी लाल मीना जी को बीजेपी मेहनत के हिसाब से फल देने वाली नहीं है और मेहनत तो बाबा करे और फल भजनलाल को मिल यह बाबा के साथ धोखा है और ऐसा अन्याय सर्वसामान्य जनता स्वीकार नहीं करेंगी बाबा को उचित सम्मान मिलना चाहिए?
प्रहलाद गुंजल हाड़ौती के जमीनी नैता है और हाड़ौती के युवा नेताओं की पुरी टीम गुंजल जी के साथ खड़ी रहेगी और कांग्रेस पार्टी में आकर गुंजल जी ने राजनीति को जिंदा किया है और भविष्य परवान पर जायेंगे!
राजस्थान में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष कहां है हैं ही नहीं सीपी जोशी बस हंसते रहें, पुनिया जी को हटाना, पहलवान बेटियां के साथ न्याय नहीं करना , फिर राजेन्द्र सिंह राठौड़ व उनके पुत्रों द्वारा ब्यान बाज़ी, फिर राहुल कसवां का टीकट कटना और मैडम को दरकिनार करना मंत्रीमंडल में जाटों मेघवालों मीणाओ यादवों को तरजीह नहीं देना आदि कारण रहें और कांग्रेस के उभरते नेता डोटासरा जी ने इन मुद्दों को भुनाया डोटासरा जुली जी की जुगलबंदी जाटों दलितों की एकता काम कर गई, बाकी कांग्रेस को अधिक उछल कूद करने की कोई जरूरत नहीं है बीजेपी संभल जाती है तो सब कुछ ओके होने से देर नहीं लगेगी
आप पत्रकार होकर लोगों को भड़काने का कार्य कर रहे हैं और अरविंद चोटियां जी का बार बार हनुमान बेनीवाल को नीचा दिखाना हमारे लिए बिल्कुल भी असहनीय है।। हमारे लिए ना तो हरिश चौधरी जाट आइकन है और ना ही गोविंद डोटासरा जाट आइकन है,, जहां तक मैं जानते हूं हरिश चौधरी की हनुमान बेनीवाल की अदावत से ही फैमस हुआ है और गोविंद डोटासरा पिछले कुछ महीनों में फैमस हुआ है।। इनका जाट राजनीति में कोई बड़ा वजूद नहीं है।।