❤प्रममाता प्रथ्वी +प्रमपिता सुर्य =सर्वआत्माऔ का स्वामी परमात्मा ।खुदा अर्थात खुद+आ=स्वंय का आना इस सृष्टी में जबकि केवल उसका प्रकाश हि प्रथ्वी पर आता है वह स्वंय कभी नही आया हे और नही आयेगा यही विनय🎖️ जनता-जनार्दन से।उस प्राणस्वरुप दु:खनाशक सुखस्वरुप श्रेष्ट तेजस्वी अज्ञानता नाशक देवस्वरुप परमात्मा को हम सब अपनी अन्तर आत्मा में धारण करें वह परमात्मा हमारी बुद्धी को सत् मार्ग में प्रेरीत करे ।नित्य सुर्य का ध्यान करेंगे।हम सब अपनी प्रतीभा प्रखर करेंगे।हम सब सुखी स्वस्थ व्यस्त मस्त खुश रहे ऊपर वाले की असीम कृपा दृष्टि से🌻 🌤️🌻 जय मेघ,जय भारत,जय संविधान🎖️ ❤