संसार मे कोई भी भजन,जप,मंत्र,राग,रागिनी नही जो कर्म की रेख मिटाये।भ्रम मे न रहो।शबद कर्म की रेख मिटाये ,शबद शबद से जा मिलाए। कर्म सिद्धान्त स्वर्ग बैक्ण्ठ नरक भोगकर फिर मात लोक मे स्थूल शरीर मे जन्म लेना पड़ता है।शबद बिन कोई न उतरस पार ।
❤😮ओम सन्ती होती❤है से ही बाबाजी की बात करते हुए हैं जी जीवन में जय ऋी कीर्सन् मुन्योज्ञान योगीराज की बात करते हुए हैं जी जीवन में जय जय श्री जी जय जय जय हो गया है जी जीवन में पुज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्