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Mere papa bhi 18/6/2024 ko is duniya se alvida Kar gaye .... Pita ji apke charno me koti koti pranam.. Ap jaha bhi Rahe khus Rahe... Prabhu apke atman ko Shanti pradan kare!!!💐💐💐💐💐😌😌😌
भविष्य पुराण मे कल्कि अवतार के जन्म के समय इस रहस्य को विस्तार मे बता दिया गया है की इतने सारे पुराण क्यों हैँ हर पुराण मे अलग अलग सृस्टि अलग 2 देवता से सृस्टि की उतपत्ति क्यों बताई गयी है उस समय समस्त देवता कल्कि अवतार के समय स्तुति करने आते हैँ और बताते हैँ 18 महाकल्प मे उन सभी देवताओं ने पुराण पुरुष का पद भार संभाल के सृस्टि का कार्य किया है परमात्मा की इच्छा से और सब देवता एक एक करके कल्कि भगवान को अपने अपने कल्प की सृस्टि का वर्णन किया अर्यमा, ब्रह्मा, शिव, अग्नि, विश्वकर्मा, विष्णु और इन्द्र सभी ने अलग 2 महाकल्प मे सृस्टि का आरम्भ किया जैसे ब्रह्म कल्प की सृस्टि का वर्णन ब्रह्म पुराण, पदम कल्प की सृस्टि का वर्णन विष्णु पुराण, अग्नि कल्प की सृस्टि का वर्णन अग्नि पुराण है वायु कल्प मे महेंद्र द्वारा सृस्टि का वर्णन है जिस पर वायु पुराण है कुर्म कल्प मे भगवान कुर्म द्वारा सृस्टि हुई और उसपर कुर्म पुराण है, श्वेत वराह कल्प मे भगवान वराह द्वारा सृस्टि की उतपति हुई जिसपर वराह पुराण है वर्तमान मे भगबान वराह ने ही सृस्टि का निर्माण किया है और ये 18 महाकल्प प्रकृति के शरीर मे स्थित हैँ जिनमे सर्वप्रथम ब्रह्म कल्प प्रकट हुआ जिसमे निरंजन की भक्ति की जाती थी 😎 इस प्रकार सब देवताओं ने अपने कल्प की सृस्टि और अपने कल्प के देवताओं सहित कल्कि भगवान की स्तुति की उनका स्वागत किया 🙏🏻