अद्वितीय अप्रतिम मधुर सहज जय जो , अद्वितीय अप्रतिम मधुर सहज जय जो झूलन बिहारिणी बिहारी जू की दुल्हिन दूल्हा सरकार की जय ऐसे सेवा करते रहें आनंद वर्षा करते रहें
राम राम भाई साहब आपने बहुत ही सुंदर विनय पत्रिका का पद गाया है कृपया करके इसे थोड़ा सा इसे ठीक करने की कृपा करें गीता प्रेस से प्रकाशित विनय पत्रिका में देंखे इसमें एक अंतरा कम है और प्रारंभ में एक राम कहत चलु कम है