भाई लिचू बहुत से मुद्दों पर आप से असहमत हुआ हूं लेकिन इसे मुद्दे पर जो मेरे विचार थे आपने उनको वीडियो के माध्यम से लोगों को दिखाया बहुत अच्छा लगा। आपने बिल्कुल सही बोला की ये समाज की विफलता है की हम समाज के तौर पर खैर नहीं उतरे हैं। लेकिन राजनीति में अंधे इस समाज को कोन समझाए की नेता किसी का नहीं होता है चाहे वो बनीवाल हो या डांगा। राजनीति को साइड में रखकर हमें सिर्फ और सिर्फ समाज के तौर पर और अपने आराध्य के दिशा निर्देश पर चलना चाहिए तेजा जी की इज्जत से उपर कोई नहीं है जो इंसान अपनी जबान के लिए जान दे सकता है उसके मेले में ऐसी ओछी हरकत बिलकुल सहनीय नहीं है अभी भी समय है राजनीति को छोड़कर ऐसे मौकों पर कुछ उल्टा सीधा मत करो चुनाव आए तुम्हें तुम्हारे चुनाव मुबारक हो लेकिन ऐसे सामुदायक कामों में समाज को बदनाम मत करो और जो भी भाई अपने नेता से प्यार करता है करो लेकिन ऐसे मुद्दों पर उनका साथ मत दो नहीं तो वो एक तुम्हे भी इस्तमाल करके फैंक देंगे और तुम्हे पता भी नहीं चलेगा
मैं मानता हु की तेजाजी ऐक हजार साल से पुजे जातें हैं ,, परंतु आप भी 70 सालों से राजनीतिक में हो आप मंत्री बने सांसद बने विधायक बने पार्टियों के अध्यक्ष तक बने , पर आपने तेजाजी महाराज के आदर्शों को कहां कहां तक पहुंचाया सवाल इस बात का है ,, बात पुजवाने की नहीं है , पूजते तो भक्त हैं वो भी हमेशा, आपने तेजाजी महाराज का कभी नाम संसद और विधानसभाओं में लिया आपने कभी आपके मंच से तेजाजी महाराज का उद्घोष और नाम लिया ,, नहीं लिया फिर क्यो तेजा भक्त हनुमान जी बेनीवाल पर जल रहे हो ,, हनुमान जी को हमने जब से राजनीतिक में देखा वो अपने मंच से खुलेआम तेजाजी की जीवनी ओर उनके आदर्शों का गुणगान करते हैं ।। उनके मंच मैं तेजा गायन होता है उनकी जितनी भी रैलियां हो या ओर कुछ भी आंदोलन वहां तेजाजी महाराज के जयकारे के साथ सुरु हुआ,, यहां तक उनकी पार्टी जिसकी स्थापना हुई वो भी वीर तेजाजी मैदान मैं हुई,, हनुमान जी ने अपनी राजनीतिक के साथ साथ तेजाजी महाराज के आदर्शों को आगे बढ़ाया है वो हम कह रहे हैं , इसलिए तो खरनाल में तेजा भक्त सबसे ज्यादा हनुमान जी को मान सम्मान देते हैं इससे आपको तकलीफ किसलिए है , आप जरुर हनुमान जी के मार्गदर्शन पर चलने लगे हैं जो पैदल खरनाल आ रहे हैं इसमें हमें तो यही लगा की आपको हनुमान जी बेनीवाल की इष्या होने लग गई,, बाक़ी तेजाजी महाराज हज़ार वर्षों से यही थे आप और आपके दादा पङदादा भी यही थे वो तो शायद खुद को तेजाजी से बङा समझते थे होंगे तब तो वो यहां कभी आऐ और न नाम लिया, फिर क्यो तेजाजी महाराज को बदनाम कर रहे हो क्यो धार्मिक स्थल पर हुगदङबाजी कर रहे हैं बक्स दो तेजाजी महाराज और जनता को ,, यदी आप कुछ करने के लायक होंगे तो जनता अपने आप ही सम्मान देने लग जायेंगी, जय तेजाजी महाराज की ।।
विश्नोई समाज की एकता देखें भाई खेजडली मे मंदिर देखो यह होती है एकता विश्नोई की 🎉😊 मेरे को गर्व है विश्नोई समाज की एकता पर मैं खुद विश्नोई समाज से हूं कोई राजनीतिक पार्टी नहीं होती
लिचू भाई आपने बहुत अच्छी बात बताई हैं । मेरे ख्याल से ये बात किसी को भी बुरी नही लगेगी । सायद आपके बोलने से किसी को शर्म आए और गलत केंटेंट वीडियो, रील्स ना बनाए
आज 15 साल पहले तेजाजी को कठिनाई कोनिया रामपुरा राजस्थान में नागौर तेजाजी का आज 15 साल पहले इतना बड़ा नाम नहीं है तेजाजी का आज बहुत बड़ा नाम है तेजाजी का पूरा राजस्थान में नाम कर दिया तेजाजी का आदमी का गुण थोड़ी भूल जाए आज पूरा राजस्थान में तेजाजी का नाम बड़ा कर दिया
मैं मानता हु की तेजाजी ऐक हजार साल से पुजे जातें हैं ,, परंतु आप भी 70 सालों से राजनीतिक में हो आप मंत्री बने सांसद बने विधायक बने पार्टियों के अध्यक्ष तक बने , पर आपने तेजाजी महाराज के आदर्शों को कहां कहां तक पहुंचाया सवाल इस बात का है ,, बात पुजवाने की नहीं है , पूजते तो भक्त हैं वो भी हमेशा, आपने तेजाजी महाराज का कभी नाम संसद और विधानसभाओं में लिया आपने कभी आपके मंच से तेजाजी महाराज का उद्घोष और नाम लिया ,, नहीं लिया फिर क्यो तेजा भक्त हनुमान जी बेनीवाल पर जल रहे हो ,, हनुमान जी को हमने जब से राजनीतिक में देखा वो अपने मंच से खुलेआम तेजाजी की जीवनी ओर उनके आदर्शों का गुणगान करते हैं ।। उनके मंच मैं तेजा गायन होता है उनकी जितनी भी रैलियां हो या ओर कुछ भी आंदोलन वहां तेजाजी महाराज के जयकारे के साथ सुरु हुआ,, यहां तक उनकी पार्टी जिसकी स्थापना हुई वो भी वीर तेजाजी मैदान मैं हुई,, हनुमान जी ने अपनी राजनीतिक के साथ साथ तेजाजी महाराज के आदर्शों को आगे बढ़ाया है वो हम कह रहे हैं , इसलिए तो खरनाल में तेजा भक्त सबसे ज्यादा हनुमान जी को मान सम्मान देते हैं इससे आपको तकलीफ किसलिए है , आप जरुर हनुमान जी के मार्गदर्शन पर चलने लगे हैं जो पैदल खरनाल आ रहे हैं इसमें हमें तो यही लगा की आपको हनुमान जी बेनीवाल की इष्या होने लग गई,, बाक़ी तेजाजी महाराज हज़ार वर्षों से यही थे आप और आपके दादा पङदादा भी यही थे वो तो शायद खुद को तेजाजी से बङा समझते थे होंगे तब तो वो यहां कभी आऐ और न नाम लिया, फिर क्यो तेजाजी महाराज को बदनाम कर रहे हो क्यो धार्मिक स्थल पर हुगदङबाजी कर रहे हैं बक्स दो तेजाजी महाराज और जनता को ,, यदी आप कुछ करने के लायक होंगे तो जनता अपने आप ही सम्मान देने लग जायेंगी, जय तेजाजी महाराज की ।।
हम गुर्जर समाज से आते हैं और हमारे आराध्य देव भगवान श्री देवनारायण है मगर जहां भगवान देवनारायण का मंदिर है वहां पर आपको तेजाजी महाराज का मंदिर जरूर मिलेगा हम जितनी धूमधाम से भगवान देवनारायण की छठ सातम को मनाते हैं उतनी ही धूमधाम से तेजाजी महाराज की तेजा दशमी को मनाते हैं, मगर यह अब लगता है कि तेजाजी महाराज को एक लोक देवता ना रख कर के एक जाति विशेष के लोग सिर्फ अपना ही देवता बनाकर के मानेंगे,ह बाकी वीर तेजाजी महाराज तो 36 कोम के देवता है।।। 🙏🙏
Aaj lichu bhai ek dum shi baat boli aapne ithne neta h mla lekin tejaji ka nhi to mandir banaya ha nhi road banayi h koi vikash nhi kiya h khrnal ke log aur yh rajniti Dale Jo samaaj ke logo ko chutiya bana kar gotale kar rhe ha samaaj ke log aaps me ladh rhe h usi mele me saat Beth kar munch par koi goshna karke vikash karte to kithna vadiya lagta