Fairy Toonz Hindi is a dedicated Channel for Hindi Stories, Hindi Rhymes, Hindi Kahaniya, Panchatantra Tales in Hindi, Hindi Moral Stories, Dadi maa ki Kahaniyan, Playful Songs and lot more fun videos for kids and their parents. We delivers a wide range of stunning, colorful animated videos of most popular stories, Rhymes etc for children in Hindi Language for all who wants to learn with fun. Become a member of our Fairy Toonz family by subscribing us and get new videos every week! Subscribe to RU-vid @ ru-vid.com Follow us on Facebook : facebook.com/FairyToonz
*एक बुजुर्ग औरत मर गई, यमराज लेने आये। औरत ने यमराज से पूछा, आप मुझे स्वर्ग ले जायेगें या नरक। यमराज बोले दोनों में से कहीं नहीं। तुमनें इस जन्म में बहुत ही अच्छे कर्म किये हैं, इसलिये मैं तुम्हें सीधे प्रभु के धाम ले जा रहा हूं। बुजुर्ग औरत खुश हो गई, बोली धन्यवाद, पर मेरी आपसे एक विनती है। मैनें यहां धरती पर सबसे बहुत स्वर्ग - नरक के बारे में सुना है मैं एक बार इन दोनों जगहो को देखना चाहती हूं। यमराज बोले तुम्हारे कर्म अच्छे हैं, इसलिये मैं तुम्हारी ये इच्छा पूरी करता हूं। चलो हम स्वर्ग और नरक के रासते से होते हुए प्रभु के धाम चलेगें। दोनों चल पडें, सबसे पहले नरक आया। नरक में बुजुर्ग औरत ने जो़र जो़र से लोगो के रोने कि आवाज़ सुनी। वहां नरक में सभी लोग दुबले पतले और बीमार दिखाई दे रहे थे। औरत ने एक आदमी से पूछा यहां आप सब लोगों कि ऐसी हालत क्यों है। आदमी बोला तो और कैसी हालत होगी, मरने के बाद जबसे यहां आये हैं, हमने एक दिन भी खाना नहीं खाया। भूख से हमारी आतमायें तड़प रही हैं बुजुर्ग औरत कि नज़र एक विशाल पतिले पर पडी़, जो कि लोगों के कद से करीब 300 फुट ऊंचा होगा, उस पतिले के ऊपर एक विशाल चम्मच लटका हुआ था। उस पतिले में से बहुत ही शानदार खुशबु आ रही थी। बुजुर्ग औरत ने उस आदमी से पूछा इस पतिले में क्या है। आदमी मायूस होकर बोला ये पतिला बहुत ही स्वादिष्ट खीर से हर समय भरा रहता है। बुजुर्ग औरत ने हैरानी से पूछा, इसमें खीर है तो आप लोग पेट भरके ये खीर खाते क्यों नहीं, भूख से क्यों तड़प रहें हैं। आदमी रो रो कर बोलने लगा, कैसे खायें ये पतिला 300 फीट ऊंचा है हममें से कोई भी उस पतिले तक नहीं पहुँच पाता। बुजुर्ग औरत को उन पर तरस आ गया सोचने लगी बेचारे, खीर का पतिला होते हुए भी भूख से बेहाल हैं। शायद ईश्वर नें इन्हें ये ही दंड दिया होगा यमराज बुजुर्ग औरत से बोले चलो हमें देर हो रही है। दोनों चल पडे़, कुछ दूर चलने पर स्वर्ग आया। वहां पर बुजुर्ग औरत को सबकी हंसने,खिलखिलाने कि आवाज़ सुनाई दी। सब लोग बहुत खुश दिखाई दे रहे थे। उनको खुश देखकर बुजुर्ग औरत भी बहुत खुश हो गई। पर वहां स्वर्ग में भी बुजुर्ग औरत कि नज़र वैसे ही 300 फुट उचें पतिले पर पडी़ जैसा नरक में था, उसके ऊपर भी वैसा ही चम्मच लटका हुआ था। बुजुर्ग औरत ने वहां लोगो से पूछा इस पतिले में क्या है। स्वर्ग के लोग बोले के इसमें बहुत स्वादिष्ट खीर है। बुजुर्ग औरत हैरान हो गई उनसे बोली पर ये पतिला तो 300 फीट ऊंचा है आप लोग तो इस तक पहुँच ही नहीं पाते होगें उस हिसाब से तो आप लोगों को खाना मिलता ही नहीं होगा, आप लोग भूख से बेहाल होगें पर मुझे तो आप सभी इतने खुश लग रहे हो, ऐसे कैसे लोग बोले हम तो सभी लोग इस पतिले में से पेट भर के खीर खाते हैं औरत बोली पर कैसे,पतिला तो बहुत ऊंचा है। लोग बोले तो क्या हो गया पतिला ऊंचा है तो यहां पर कितने सारे पेड़ हैं, ईश्वर ने ये पेड़ पौधे, नदी, झरने हम मनुष्यों के उपयोग के लिये तो बनाये हैं हमनें इन पेडो़ कि लकडी़ ली, उसको काटा, फिर लकड़ीयों के टुकडो़ को जोड़ के विशाल सिढी़ का निर्माण किया उस लकडी़ की सिढी़ के सहारे हम पतिले तक पहुंचते हैं और सब मिलकर खीर का आंनद लेते हैं बुजुर्ग औरत यमराज कि तरफ देखने लगी यमराज मुसकाये बोले ईशवर ने स्वर्ग और नरक मनुष्यों के हाथों में ही सौंप रखा है,चाहें तो अपने लिये नरक बना लें, चाहे तो अपने लिये स्वर्ग ईशवर ने सबको एक समान हालातो में डाला हैं। उसके लिए उसके सभी बच्चें एक समान हैं, वो किसी से भेदभाव नहीं करता। वहां नरक में भी पेेड़ पौधे सब थे, पर वो लोग खुद ही आलसी हैं, उन्हें खीर हाथ में चाहीये,वो कोई कर्म नहीं करना चाहते, कोई मेहनत नहीं करना चाहते, इसलिये भूख से बेहाल हैं। क्योंकि ये ही तो ईश्वर कि बनाई इस दुनिया का नियम है,जो कर्म करेगा, मेहनत करेगा, उसी को मीठा फल खाने को मिलेगा।❤️❤️❤️❤️❤️
*नारद जी एक बार नगर में आए। एक पुराना मित्र उन्हें मिला संसार की विपत्तियों में फंसा हुआ। नारद जी ने कहा "यहां संकट में पड़े हुए हो। आओ तुम्हें स्वर्ग ले चलें"। उसने कहा "और क्या चाहिए।" दोनों पहुंच गए स्वर्ग में। जहां सुंदर पत्तों वाला सुंदर छाया वाला कल्पवृक्ष खड़ा था। नारद ने कहा "तुम इस वृक्ष के नीचे बैठो मैं अभी अंदर से मिल कर आता हूं।" नारद चले गए तो उस आदमी ने इधर-उधर देखा। सुंदर वृक्ष, सुंदर छाया, धीमी धीमी शीतल वायु। उसने सोचा "कितना उत्तम स्थान है यदि एक आराम कुर्सी भी होती तो मैं उस पर बैठ जाता।" उसे क्या मालूम वह था कल्पवृक्ष। उसके नीचे खड़े होकर जो इच्छा की जाए वह पूरी होती है। उसी समय पता नहीं कहां से एक आराम कुर्सी भी आ गई। वह उस पर बैठ गया। बैठकर उसने सोचा 'यदि एक पलंग भी होता तो थोड़ी देर के लिए लेट जाता मैं।" विचार करने की देर थी कि पलंग भी आ गया।वह लेट गया। लेटते ही सोचने लगा "'घर में होता तो पत्नी से कहता मेरी टांग दबा दे। मेरा सिर मल दे।" सोचते ही बहुत सी अप्सराएं वहां उपस्थित हो गई। कोई पांव दबाने लगी, कोई गीत गाने लगी । उस आदमी ने सब को देखा तो सोचा "यदि इन स्त्रियों के साथ मेरी पत्नी मुझे देख ले तो झाड़ू़ लेकर मेरी पिटाई ही कर डाले।" सोचना अभी समाप्त ही नही हुआ था कि पत्नी हाथों में झाड़ू लेकर आ गई। धड़ाधड़ उसे मारने लगी। अप्सराएँ भाग गई। वह पलंग से उठ कर दौड़ा। आगे-आगे वह पीछे पीछे झाडू को लिए हुए पत्नी। नारद जी ने लौटते हुए उसे दूर से देखा। पुकार कर बोले "मूर्ख सोचना ही था तो अच्छी बात सोचते यह क्या सोच बैठे तुम। यह तो कल्पवृक्ष है।" सो भाई जब भी सोचना अच्छी बात सोचना। बुरी बातें मत सोचना। मन और प्राण का गहरा संबंध है। जहां एक जाता है वहां दूसरा भी जाता है। मन को शांत करने के लिए प्राणायाम एक उत्तम साधन है।*❤️❤️