असत्य बोलने पर बोले गए झूठ को हमेशा याद रखना होता है, लेकिन सच बोलने वालों को कोई बात याद नहीं रखनी पड़ती है. सत्य उस दौलत के समान होता है, जिसे पहले खर्च करो और बाद में उसका जीवन भर आनंद प्राप्त करो, जबकि झूठ वह कर्ज है, जिससे क्षणिक सुख तो मिलता है, लेकिन उसका कर्ज जिंदगी भर चुकाना पड़ता है.