मध्यम परिवार का बच्चा छोटे रूम में बैठ कर पढ़ेगा उम्र गुजरेगा बूढ़ा होगा, फाँसी लगाएगा, रोयेगा अकेले में, ऐसा बना दिये है, यही है मैकाले, राजा का बेटा ही राजा बनेगा
Koi maab nahi seat bim rahi he full farjiwada ho raha he paper leak ho rahe he sab chor he aur sarkar choro ki vakalat kar rahi he koi dar nahi paper mafia ko kanoon ka 😢😢😢 sabse achha khud ka rojgaar kare
Ex DGP UTTRAKHAND JI KI BITIYA NATIONAL PLAYER REHTE HUE 1.5 SAAL KI PADHAI ME PHLE ATTEMPT ME HE 178 RANK KE SATH IPS BAN GAYI . TUM YHA MUKHARJEE NAGAR ME COACHING COACHING KAR RAHE HO.
@@M125g inki activities se khi lgta hai ki vision impaired hai 2020 me Inki harkatein dekh kar Google Kiya Inka rank To pata chala waha likha tha ki Inhone colour blind certificate bnvaya hai .
Ye puja khedkar mbbs Colg me medical certificate me 100% fit thi and upsc me physically disabled category 5 kese 😳😳😳😳 farzi family h iski and ias Abhisek Singh b disabled se lga h … upsc officer ews lga k ias bn rhe h like Ravi sihag …. Sav farzi h jail bejo inko
@@monayadav4945 Nikita khandelwal Rank -857 Batch -2014 Uttrakhand cadre Vision impaired -6 Ki category lga ke IAS bani hai ye madam bhi . Camera le kar ghumti hai .
उत्तर भारतीयों की घटिया सोच.. रोजगार मतलब सरकारी नौकरी, क्यूंकि इसमें काम कम, सैलरी ज्यादा, पेंशन का, और कयी फायदे, भ्रष्टाचार करने का जन्मसिद्ध अधिकार... IAS,IPS,IFS जैसी परीक्षाएं पास कर ली तो शादी का मोटा दहेज..500 करोड़ , या उससे भी ज्यादा ऊपरी कमाई... आगे चलकर नेता बनने का चांस और सात पुश्तों का कल्याण... उत्तर भारत में शिक्षा, कोचिंग ही फैलते उद्योग है... बाकी यहां पर घंटा भी नहिं है, इसीलिए इनमें नौकरी, धंधा करने पश्चिम और दक्षिण भारत के राज्यों में पलायन करना पड़ता है.. यहां के लोग अपनी लालच, मुफ्त खोरी से बिक जाएंगे लेकिन सुधरेंगे नहिं...
Khi yhi wjh to nhi hai paper leak ki Socha hoga ki paper leak karenge to sarkari nokri ki problem hi khatam ho jaegi Fir tum jese namune to hai hi mudde se bhatkane k liye
तुम अलग ही नशे मे हो, बेटा बात किसी संस्था की परिदर्शिता, नैतिकता का हैं, ना राजनीति में हैं कहा से विकास होगा बाहरी निवेश हो नही रहा है प्राइवेट मे नौकरी नही हैं युवा कहा जाए।
ज्यादा ज्ञान मत दे सरकारी नौकरी का शौक नहीं है किसी को यहाँ रोजगार के विकल्प हैं नहीं तो युवा करेगा क्या उसके पास पैसे हैं नहीं शिक्षा व्यवस्था लचर होने से बहुत से युवा वर्ग अच्छी शिक्षा नहीं ले पाते गरीबी के कारन हर कोई प्रोफेसनल डिग्री ले नहीं पाता भासा का भेदभाव सो अलग तो बेचारा युवा करेगा क्या लेह दे के एक ही विकल्प बचता है सरकारी नौकरी का और दक्षिण भारती राज्य तो कोटा सिस्टम ले आये है स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए. बिजनस के लिए बेरोजगार कोई लोन देता है नहीं सो विकल्प की कमी ही बेरोजगार युवा को सरकारी नौकरी की तरफ खींचती है
@@VipinKumar-fd8dxबाहरी निवेश केवल उत्तरी और पूर्वी भारत में नहिं हो रहा.. पश्चिम और दक्षिणी भारत में तो स्थिति ऐसी नहिं है.. नशे में तो आप लोग हो जो आज भी आपके. राज्यों को पिछड़ा रखने वाली Secular, वामपंथी, कॉंग्रेस जैसी पार्टियों को वोट देते रहते हो..