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ब्रह्म काल (सदाशिव), गीता अध्याय 11 श्लोक 32 में स्वयं कहता है कि मैं बढ़ा हुआ काल हूँ, सभी को खाने के लिए प्रकट हुआ हूँ। जबकि हम सभी शिव जी की दयालुता से परिचित हैं कि शिव जी ने अपनी जान की फिक्र किए बिना भस्मासुर को भस्म कड़ा दे दिया था। 🔅शिव vs सदाशिव शिव जी तीन लोक (स्वर्गलोक, पृथ्वी लोक और पाताल लोक) के और चार भुजा, सोलह कला के भगवान हैं। सदाशिव 21 ब्रह्मांड का और एक हजार भुजा व एक हजार कला का भगवान है। इसे धर्मग्रंथों में ब्रह्म काल भी कहा गया है क्योंकि यह गीता अध्याय 11 श्लोक 32 में स्वयं कहता है कि मैं बढ़ा हुआ काल हूँ, सभी को खाने के लिए प्रकट हुआ हूँ। 🔅शंकराचार्य की पुस्तक हिमालय तीर्थ के पृष्ठ 41 के अनुसार शिव जी इतने दयालु हैं कि किसी कारणवश विष्णु जी को अपना महल तक दे दिया था। जबकि सदाशिव (ब्रह्म काल) दयालु नहीं हैं यह प्रतिदिन एक लाख मनुष्य धारी प्राणियों को मारकर उनके शरीर से निकलने वाली गंध को खाता है। यानी यह दयालु नहीं है। अधिक जानकारी के लिए "शिव और सदाशिव में अंतर" से संबंधित देखिए वीडियो Factful Debates RU-vid Channel पर। 🔅 गीता अध्याय 14 श्लोक 3-5 के मुताबिक सदाशिव अर्थात ब्रह्म काल, तमगुण शिव जी का पिता है। अधिक जानकारी के लिए "शिव और सदाशिव में अंतर" से संबंधित देखिए वीडियो Factful Debates RU-vid Channel पर। 🔅 शिवपुराण, रुद्रसंहिता के अध्याय 6-7, 9 पृष्ठ 100-103, 110, विद्येश्वर संहिता पृष्ठ 25-26 के अनुसार सदाशिव ही काल रूपी ब्रह्म है जिसके पुत्र हैं श्री शिव जी हैं। जिससे पता चलता है कि शिव से अधिक शक्ति युक्त सदाशिव हैं।
वजह चाहे कुछ भी हो , मगर जांच सें कुछ भी नतीजा नहीं निकला l क्युंकी उसके पिछे मुस्लिम कलाकारों (साजिद खान) की साजिश थी l और उन कुत्तों के पीछे कांग्रेस सरकार का वरदहस्त था l
Ek glio ka hero bi MATLAB me bi tha jo aaj mout mera darvaja kharka rehi he kbi mene mard shrabi Ravan PK smet 100 hit filme ko pehle show me dekha tha aaj mera haal ye he ki desi ghee dekhe huye 2 saal 3 maheene ho ge hein
साजिश रची साजिद नाडियाडवाला ने, विश्वात्मा बहुत सुंदर राधे-राधे ही ऐसा सपना ही सपना है, जो लोगों को देखने नहीं देता शातिर बदमाश आराम से बचकर निकल जाया करते हैं और दुनिया भ्रमित रहती है, राम राम। क्या ईश्वर मंजूरी या लोग हैं कारण ये कोई नहीं जानता साधारण आदमी भी साधारण तरीके से संसार से विदा होता है, भ्रमित हो जाता है, हां कन्हैया कारण है तो आश्चर्य नहीं, ईश्वर ने नहीं की मौत, राम राम राम राम राम राम राम राम राम