वो गलियों के भुलक्कड़ रास्ते हर नुक्कड़ पर चाय और नाश्ते, चाचा के राजनीति कि बाते सड़कों से जाम के शोर है आते, शाम की महफ़िल का मैं दीवाना रोशन हैं सड़के, गंगा आरती में वो भीड़ का आना बाबा के दरबार की भक्ति माँ अन्नपूर्णा की शक्ति, संकटमोचन का आशीर्वाद गंगा का पावन घाट घंटो की आवाज से यहां सवेरा है धाटों पर साधु संतों का बसेरा है। यहाँ के लोगों का अलग ही व्यवहार है अनजानों से भी दोस्तों जैसा प्यार है। कितना कुछ लिख दू बनारस के प्यार में कम हैं. .
History Of Varanasi Ganga & Temple
अद्भुत भी महान भी, धर्म भी विज्ञानं भी, सनातन भी सम्मान भी, निर्मल घाट और श्मशान भी, भागीरथी और भगवान भी, अद्भुत और मनभावन है, धरती पर स्वर्ग सा पावन है यही बनारस काशी है… यही बनारस काशी है… भाषाओं का ज्ञान भी विद्या में धनवान भी, अद्वितीय और अविनाशी है, भोलेनाथ निवाशी है, मनमोहक शिवकाशी है, बाबा की नगरी काशी है यही बनारस काशी है
If you glance quickly in 21:42, Kriti Sanon is barefeet. With both of them barefeet, she is either marginally taller than Ranveer Singh or same height as him. That Kriti is such a giantess!
2: 02 bhot badhia baat boli, jo insaan acha hai vo har jagah acha hoga, har insaan k sath acha nature rkhega, or apni soch achi rkhega, or jo bura hai vo duare k lie hamesha bura sochega, jaha jaega buri tarah rhega, or har kisi k sath bura hi rhega bs bahr se kuch andar se kuch bahar gur andar zeher bn k rhega ye mera personal experience hai 😊
शिव सत्य है, शिव अनंत है, शिव अनादि है, शिव भगवंत है, शिव ओंकार है, शिव ब्रह्म है, शिव शक्ति है, शिव भक्ति है, आओ भगवान शिव का नमन करें, उनका आशीर्वाद हम सब पर बना रहे। ऊँ नम : शिवाय🙏🙏🙏
आज तो बाबा ने बाबा का वीडियो देखकर और बातें सुनकर इतना दिल खुश हो गया की रात भर सोने का भाव बाबा हुई याद करते रहो और बाबा का इस हफ्ते बार बार दिमाग में गूंज रहा है बाबा ने क्या कहा और अच्छी बात सबसे बढ़िया कहा जो मुसीबत मैं आपको बार बार सताए वही मित्रता जय भोलेनाथ
May kabi issa jaga nahi maarna pasand karaunga.....kaissa gatiya log kaisa ganda environment....may Hindu hu lakin ya bhoot ganda tradition hai....issa muja lagta hai
अन्तःकरण की शुद्धि कैसे की जाय? तो पुनः हम श्रुति की ओर ध्यान दें। बृहदारण्यकोपनिषद् में यह वर्णन आया है कि मन पिता है, वाक् स्त्री है तथा प्राण पुत्र है। ..मन एवास्यात्मा वाग्जाया प्राणः प्रजा. (बृहदारण्यकोपनिषद् १/४/१७) यानि जब वाक् (मन्त्र) का मन से योग कराया जायेगा तो प्राण रूपी पुत्र का साक्षात्कार होगा। जब मन, मन्त्र से एकीभूत होगा तो हमारे भीतर के मुख्य प्राण से साक्षात्कार होगा। जब इसी मुख्य प्राण से उद्गीथ होगा तो असुरों का पराभव होगा।
बहुत सुन्दर लगा हमारे बाबा के नगरी काशी में मेरे गुरु रहते हैं उनका नाम है काशी विश्वनाथ ऐ जो बताया और दिखाया उसे देख कर रौंगटे खड़े हो गए हर हर महादेव 🙏🏽🙏🏽