अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद झुन्झनू श्री हरिराम किवाड़ा का हार्दिक आभार व्यक्त करता है जो कारगिल के ऊपर हम लोगों की बातें पूरे देश और सैनिकों तक पहुंचाई उनका बहुत-बहुत आभार जैववीपी मीडिया का बहुत-बहुत आभार
झुंझुनू के वीर सैनिकों का इस सरकार ने छलावा किया है भारतीय सेना में भर्ती प्रक्रिया में अग्नी वीर भर्ती प्रक्रिया करके सामिको के साथ छलावा किया यह सरकार सनिको की पेंशन बंद करना चाहती है यह झूंठा दिखावा कर रही है🎉🎉🎉🎉
= आपके विचार अति सुन्दर , व्यावहारिक भी हैं , क्योंकि इतिहास गवाह हैं , कि भारत में घोर जातिगत भेदभाव तो रहा ही हैं , इसको नक्करा नही जा सकता हैं । इसी भेद भाव, शोषण के कारण ऐसे कई क्रांतिकारी कवि, साहित्यकार हुए , और शोषण के विरुद्ध बहुत कुछ बोला , लिखा......? भले मुंशी प्रेमचंद , कवि ओमप्रकाश वाल्मीकि, कन्हैयालाल सेठिया से लेकर बाबा साहिब भीमराव आंबेडकर तक सभी ने बोलकर_ लिखकर यही सन्देश दिया , महात्मा गांधी भी शोषण के विरुद्ध इसी कारण खड़े हुए , जबकि उनको क्या कमी थी ,वे तो दीवान( ठाकुर) के घर ही पैदा हुए थे ......? आंबेडकर के पिता भी बड़ौदा राजा की फोज में सूबेदार थे, वे अमेडकर खुद बड़ौदा ,राजा के वजीफा पर , उच्च शिक्षा तक पहुंचे , बाद वे अंग्रेजो या किसी राजा के बड़े अहलकार बनकर मोज कर सकते थे परंतु वे शोषण के विरुद्ध खड़े हुए, मौका मिला तो संविधान में शोषण से रक्षा_मुक्ति के कानून जोड़े , उन कानूनों पर एक्शन भी हो रहा हैं , फिर भी आजादी/ संविधान आने के ७६ साल बाद भी किसी न किसी रूप में शोषण जारी हैं , इसी साल देश तो छोड़ो, अपने ही प्यारे राजस्थान में दलितो / गरीबो/ कमजोरो की , barato , bandolio, घुड़ चढ़ी को रोका गया, इसी प्रकार बाड़मेर , शिव, चोहटन जैसे कई _ कई बीक्षेत्रों में दलितों/ पिछड़ों/ कमजोरो/ अल्प जातियो के मतदाताओं को मतदान से रोका, डराया, एजेंट बैठने नही दिया, पीटा गया , पुलिस केस भी हुए, दुबारा मतदान भी हुआ ......? इससे साफ जाहिर हो रहा हैं कि कवि ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता का शोषण का प्रतीक तथाकथित ठाकुर अभितक किसी न किसी रूप में जीवित ही हैं ......? MLAs osian, shiv , v कई बड़े अन्यों के उपदेश , महिमामयी कविताएं , यश_ बखान , ठाकुर _ किलो_ महलों का महिमा मंडन आभितक सिर्फ , उपमा मात्र ही लग रहा हैं , वे हकीकत में झांक कर, व्यव्हार में उतरकर परख क्यों नही रहे हैं , लगता हैं ,सिर्फ आंखे बंद कर डर भगाना चाहते हैं, और कुछ नहीं.......?