मोह
अंत समय में जिसके मुख में भगवान का नाम आये उसे कभी भी नरक नहीं मिलता है,लेकिन ऐसा नहीं होता क्यों की अंतिम समय इतना पीड़ा और मोह होता की भगवान का नाम नहीं आता।
इसी पर एक कहानी है ,
एक आदमी जो जीवन भर एक एक पैसा इकठा किया और बहुत ही जायद कंजूस था जो अपने परिवार के लोगो को हमेशा कोई भी काम करने के लिए मन करता रहता था,जब मौत का समय आया तो सब उसके पास बैठे थे, उनको लगा की पिताजी ने बहुत धन संग्रह कर के रखा होगा ,इशलिए कुछ इशारा कर रहे है की धन कहा रखा है, सब परेशान हो गए लेकिन कुछ समझ में नहीं आया , अंत में छोटा पुत्र ने अपना कान उनके मुख के पास लेकर गया तो पिता ने बोला की जब सब कोई यहाँ बैठा है तो हॉल का पंखा क्यों चला रखा है,यह ही है मोह
कन्नोज नगरी में एक पंडित होता है उसका पुत्र होता है अज़ामिन ,एक दिन अज़ामिन जंगल के रस्ते से जा रहे थे तो एक आदमी एक लड़की को संभोक करते देखता है तो उसका भी मन बिचलित हो जता है धीरे धीरे जितने भी बुरे काम थे उसके मन में आता गया और वो करता गया। एक दिन उसके गांव में एक ऋषिमुनि आये और लोगो से बोले की आज मै रात यही गुजरूंगा और वो भी किसी ब्राम्हिन के घर ,पर गांव में एक ही ब्राम्हिन का घर था जो बहुत ही ख़राब और बुरा थ। लेकिन ऋषिमुनि ने बोलै की मै उसीके घर पर रुकूंगा ,और रात वही गुजरा ,सुबह जब जाने लगे तो अज़ामिन बोले ऋषिवर आप को जो भी अच्छा लगे वो आप ले लीजिये, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं लिया और एक वचन लिया की आपका जो भी पुत्र पैदा लेगा उसका नाम आप नारायण रखोगे ,तो अज़ामिन ने बोला ठीक है और रख भी दिया ,अब हर समय नारायण तुम कहा हो ,क्या कर रहे ,ये लावो और दिन भर नारायण नारायण बोलता रहा।
जब अंत समय आ गया और यमलोक से आये उसको नरक ले जाने ,तभी उसने नारायण का नाम लिया तो बागवान ने आपने सैनिको को बोला ये कौन इतना पीड़ा में में मुझे पुकार रहा है देखो थोड़ा ,जब वो देखने आये तो यमलोक के जो लोग लेने आये थे वो दर के भाग गए,तभी यमराज नारायण जी के पाश गए और बोला की आप ने ये सही नहीं कियाजब हमलोग उसको नरक ले जाने के लिए गए थे फिर आपने लोगो क्यों भेजा ,वो बहुत ही पापी आदमी था, तब नारायण ने बोला की वो नारायण नारायण बोल रहा था तो मैंने देखने के लिए भेजा था। तब यमराज ने बोला वो आपको नहीं अपने पुत्र को बुला रहा था न की आपको नहीं, तब नारायण ने बोला ये मुझे नहीं पता लेकिन मरते वक्त वो मेरा नाम ले रहा था इशलिये मै उसे स्वर्ग में रखूँगा।
27 окт 2024