अद्भुत अद्भुत अद्भुत। जितनी अद्भुत है यह रचना, उतना ही अद्भुत है इसका काव्य पाठ। इससे पहले इस तरह से अंधा युग का काव्य पाठ कभी नहीं सुना। बहुत-बहुत धन्यवाद।
क्या बात क्या बात क्या बात !!! पुष्पा भारती जी वो भी अँधा युग के साथ !!! अरे मैं तो जिंदगी भर इसे कहानियाँ सुन सकता हूँ ,इतनी मीठी आवाज़ है इनकी !! मज़्ज़ा आ गया !!
जी क्या आप मुझे अपना नंबर दे सकते है? मुझे यह नाटक समझना है, मेरे कॉलज के सिलेबस में यह नाटक है, कृप्या आप मुझे फ़ोन पे यह नाटक समझा दे। आपके जवाब की प्रतीक्षा में। धन्यवाद।
हिन्दी कविता की टीम का ध्यान इस वीडियो के टाइटल की ओर दिलाना चाहता हूँ, कि धर्मवीर भारती जी का नाम सही कर दें । "भारती" के स्थान पर "भारी" लिख गया है। अन्यथा न लें।