आपका भ्लाॅग मुझे बहुत अच्छा लगता है। शान्ति और ढांढस बंधाता है। एक बात मैने पहले भी लिखा था,फिर लिखती हूं।संस्कृत का शब्द "अर्घ्य" होता है।अर्ध्य नहीं। अर्थात यदि अंग्रेजी अक्षरों मे लिखा जाय तो सही उच्चारण ARGHYA होगा,ARDHYA नही। दोनों शब्द अलग है और अर्थ भी अलग हैं।चूंकि हम सनातन धर्म और उससे संबंधित शब्दावली बहुत कम सुनने को मिलता है और हिन्दी व अन्य प्रादेशिक भाषाएं धीरे धीरे अवलुप्त होते जा रहे हैं इसलिए यदि आप लोग भी इधर थोड़ा ध्यान देंगे तो हमारी धरोहर कुछ हद तक बचाने की संभावना बनी रहेगी। मेरा उद्देश्य आपको दुःख देना कतई नही है अपितु जनसाधारण की शिक्षा है।आशा है बुरा नही मानेंगी और इधर ध्यान देंगी।नमस्कार। 😊