भक्तों प्रणाम, हमारे इस तिलक परिवार के लोकप्रिय यात्रा कार्यक्रम दर्शन में आप सभी का हार्दिक अभिनंदन..
हम आपको अपने इस कार्यक्रम के माध्यम से सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहर से परिपूर्ण हमारे भारत देश के विभिन्न धामों, मंदिरों एवं तीर्थ स्थानों की यात्रा करवाते आये हैं. इसी श्रंखला में आज हम आपको दर्शाने करवाने जा रहे हैं एक ऐसे मंदिर की जो भगवान् भोलेनाथ की ज़िद का जीता जागता साक्ष्य है और वो मंदिर है मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक नगर ग्वालियर में स्थित अचलेश्वर महादेव मंदिर।
मंदिर के बारे में:
भक्तों, भगवान् भोलेनाथ को समर्पित अचलेश्वर महादेव मंदिर ग्वालियर के इंदरगंज चौराहे के पास,चेंबर ऑफ कामर्स के मुख्य मार्ग पर ही स्थित है। जिसे अचलेश्वर रोड भी कहा जाता है। इस सुप्रसिद्ध प्राचीन मंदिर की विशेषता यह है की इसमें स्थित शिवलिंग रूप में महादेव स्वयंभू विराजमान है एवं यह बाकी मंदिरों की तरह किसी विशेष स्थान पर नहीं बल्कि नगर के व्यस्ततम इलाके में बीचो बीच स्थित है।
अतः श्रधालुओं को इस मंदिर तक पहुँचने के लिए मंदिर के समीप बने घने बाज़ार से होते हुए जाना होता है महादेव के इस अचलेश्वर स्वरुप का दर्शन करने दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. विशेषकर सोमवार के दिन बेलपत्र व दूध से भोलेनाथ का अभिषेक कर उनका तिलक चंदन से श्रृंगार भी करते हैं.
पूजन के समय डमरु और घंटे की ध्वनी से मंदिर और आस पास का पूरा क्षेत्र शिवमयी हो जाता है। वर्तमान में नवीनीकरण की दृष्टि से इस मंदिर का पुनर्निर्माण किया जा रहा है आप जब मंदिर में प्रवेश करते हैं तो सर्वप्रथम नंदी जी की प्रतिमा के दर्शन होते है उनका नमन कर आगे बढ़ने पर अचलेश्वर महादेव गणेश जी, पार्वती जी व नंदी जी के साथ विराजमान हैं अचलेश्वर महादेव का यह शिवलिंग सोने का मुकुट धारण किये हुए हैं इस मुकुट के उपरी हिस्से में महादेव जी की प्रतिमा उकेरी गई है। इसके चारों ओर बाहरी हिस्से मे 12 ज्योतिर्लिंगो के दर्शन किए जा सकते हैं। मान्यता है कि इस मंदिर में जो भी सच्चे मन से भगवान भोलेनाथ की वंदना करता है, भोलेनाथ उसकी मनोकामना जरूर पूरी करते है.
Disclaimer: यहाँ मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहाँ यह बताना जरूरी है कि तिलक किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
#devotional #temple #achleshwarmahadev #mahadev #hinduism #tilak
9 окт 2024