बिंदु खत्ता वाले,,, सिर्फ अपनी,, सम्मान भुमि याद रखें वही बहुत है,,,पुरे पहाड़ी गुरुदुरे में मिल जाते हैं,,,,, ज़मीन की खोज में आया था बिंदु खत्ता,,,समझ आया पहाड़ ही ठीक है,,,, रुद्रपुर ठीक है,,,, किराएदार मिल जाते हैं,,,,,,
"मिनी उत्तराखंड बिंदुखत्ता: प्राकृतिक सौंदर्य और पर्वतीय संस्कृति की धरोहर का संगम" राजस्व ग्राम, विकास का नया नाम। मंगल दा, अत्ता ना पत्ता, जगरनाथ का झत्ता.... ये गंगा सिंह जी का डायलॉग हुआ करता था। अब सब पुरानी बातें हो गई हैं।