नव बौद्ध mahar pakhandi rajniti सामाजिक वर्चस्व कर कारण वो 28 baraham kshatriya buddh aur 12 Arab Devi Devta बुद्ध भगवान और लींद्ध लिंद्ध करते है हर नव बौद्ध जानता है कि Professional Caste हो ही नही सकती और Social Status अलग ही बात होती है Social Status मतलब खुद ही खुदके पंथ का भंता , खुदका अलग धार्मिक स्थल ऐसा सिर्फ लामा धर्म मे नव बौद्धों के पास अधिकार है उसके सिवाय हर जाति को कोई निचला काम बाटा गया है नव बौद्ध यही चाहते है कि चाहे कुछ भी हो जाए शुद्र अपनी जाति कभी ना छोड़े इसलिए कर्मकांड और धर्म का धंधा चलाता है शुद्रो को जातियो और उपजाती मे बाटा ताकि आंबेडकरवाद का सच पता चलने पर भी लोग विरोध और प्रतिकार ही ना कर पाए Professional Caste की वजह से ऊँच नीच बनी ही रहे फिर एकता नही होगी और गुलामी बनी रहेगी हर जाति में खुदको महान बताने नवबौद्धों की चाटुकारिता बढ़ेगी इसी दमपर अच्छे अच्छे पद सिर्फ नवबौद्धों को मिले बाकी भिखारी की तरह रहे शुद्र कितना भी लड़े मरे आखिर में नीच ही रहेगा सछूत शुद्र अछूत शुद्र आपस मे लड़कर गुलाम रहते आए है क्योंकि नवबौद्धों को पता है जिस दिन खुदके कर्म से हटेगा या शूद्र जाती छोड़ेगा आंबेडकरवाद का अस्तित्व ही नही होगा😂😂😂😂😂😂😂😂 👉 लामा ग्रंथो मे शुद्रोकी औकात शुद्रो को उनकी औकात बताने के लिये समर्पित है जो ब्याज पर कर्जा लेकर कांवर ढोते है त्रि पिटक/budha & his Dhamma का तो कीर्तन पाठ करवाते है अपनी गुलामी की बेड़ियों को खुद मजबूत करते है और फर्जी सीना फुलाकर घूमते है.... शूद्र की लामा धर्म में क्या हैसियत है???? 1 - मनुष्यो में 4 वर्ण ब्राम्हण, क्षेत्रीय, वैश्य व शूद्र वीभाजन है बुद्ध कहते है ~ माझिम निकाय असलियां सुत 2 -शुद्र जिनकी पाप योनि में उत्पति हुई है अगर उनकी कन्याएं के साथ राजा संतान उत्पन करे तब भी वे राजा बन सकते हे। ~ कटहारी जातक 3 - शूद्र का प्रमुख कार्य तीनो वर्णो की सेवा करना है। ~ सुत निपात 404 4 - शूद्र को सन्चित धन से स्वामी कि रक्षा करनी चाहिये। ~ दीघ नीकाय सिंहला सुत अध्याय 2 5 - अगर कोई शुद्र शक्यो के साथ बैठ खाना खा ले तो इसके बाद इस स्थान को दूध से धोना चाइए। ~ भदसाल जातक 6- नारी को चुनाव लडने का अधिकार नहीं होना चाइए। वोह चुनाब लड़ेगी तो घर का काम कौन संभालेगा?? ~ अंबेडकर बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर सम्पूर्ण वाङ्मय खंड 40, पृष्ठ 467 - 468 7- आदिवासी जातियां मूर्ख होते हे। उन्हे चुनाव नही लड़ना चाहिए। मैं उनका प्रतिनिधित्व नहीं करता। ~ आम्बेडकर बाबा साहेब अम्बेडकर सम्पूर्ण वाङ्मय भाग 4 पेज 186 8- वह शूद्र जो ब्राम्हण के चरणो का धोवन पीता है राजा उससे कर TAX न ले। ~ विनय पिटक चूल बाग अध्याय ५ 9 - गाय का दूध शूद्र को छोड़ सभी वर्णों के लिए उपयुक्त है। शुद्र पी ले तो गाय की मृत्य हो जाति हे। ~ आंशका जातक 10- शूद्र केवल दूसरो का सेवक है इसके अतिरिक्त उसका कोइ अधिकार नही है। ~ दिध निकय ३/८ 11- यदि कोइ ब्राम्हण शूद्र को शिक्षा दे तो उस ब्राम्हण को चान्डाल की भाँति त्याग देना चाहिये। ~ सुत निपात 811 12 - यदि कोइ शूद्र संघ में घुस तो तो पिघला हुआ शीशा, लाख उसके कान में डाल देना चाहिये। यदि वह बुद्ध वचन का उच्चारण करे तो जीभ कटवा देना चाहिये। वेद स्मरण करे तो मरवा देना चाहिये। ~तिब्बती बौद्ध ग्रंथ "धोमाङ"(बहुशुत्र वचन) 47/8 13 - संघ में शूद्रों की बिना इजाजत आना मना हे। । ~ सुत निपात 808 14 - ब्राम्हण कान तक उठा कर प्रणाम करे, क्षत्रिय वक्षस्थल तक, वैश्य कमर तक व शूद्र हाथ जोड़कर एवं झुक कर प्रणाम करे। ~ बुद्धवंश 3/55 15 - ब्राम्हण की उत्पत्ति देवता से, शूद्रो की उत्पत्ति मार राक्षस से हुइ है। ~ थेरीगाथा 4/85/2 16 - यदि शूद् अपना कर्म करने से मना करे तो राजा द्वारा दंडनिय है। ~ खुदकपाठ 12 17-सच्चे ब्राह्मणों को शूद्रों से बात नहीं करनी चाइए। ~ अंगूतर निकाय 3/56/18 18- जो शूद्र अपने प्राण, धन तथा अपनी स्त्री को, ब्राम्हण के लिए अर्पित कर दे ,उस शूद्र का भोजन ग्राहय है। ~ जातक 544
@@vk-vd6te💩💩💩😂😂😂😂🧐🤨 Ro ro aur ro Koi nhi janta Na janna chahta h tere jhoot ko Hinduism 7th century m bana religion h to batao us time konsa kshtriya and baman the 💩💩💩💩😂😂😂 Bhudh m kabhi kahi koi caste ka zikar nhi h 😂😂🦾
नव बौद्ध mahar pakhandi rajniti सामाजिक वर्चस्व कर कारण वो 28 baraham kshatriya buddh aur 12 Arab Devi Devta बुद्ध भगवान और लींद्ध लिंद्ध करते है हर नव बौद्ध जानता है कि Professional Caste हो ही नही सकती और Social Status अलग ही बात होती है Social Status मतलब खुद ही खुदके पंथ का भंता , खुदका अलग धार्मिक स्थल ऐसा सिर्फ लामा धर्म मे नव बौद्धों के पास अधिकार है उसके सिवाय हर जाति को कोई निचला काम बाटा गया है नव बौद्ध यही चाहते है कि चाहे कुछ भी हो जाए शुद्र अपनी जाति कभी ना छोड़े इसलिए कर्मकांड और धर्म का धंधा चलाता है शुद्रो को जातियो और उपजाती मे बाटा ताकि आंबेडकरवाद का सच पता चलने पर भी लोग विरोध और प्रतिकार ही ना कर पाए Professional Caste की वजह से ऊँच नीच बनी ही रहे फिर एकता नही होगी और गुलामी बनी रहेगी हर जाति में खुदको महान बताने नवबौद्धों की चाटुकारिता बढ़ेगी इसी दमपर अच्छे अच्छे पद सिर्फ नवबौद्धों को मिले बाकी भिखारी की तरह रहे शुद्र कितना भी लड़े मरे आखिर में नीच ही रहेगा सछूत शुद्र अछूत शुद्र आपस मे लड़कर गुलाम रहते आए है क्योंकि नवबौद्धों को पता है जिस दिन खुदके कर्म से हटेगा या शूद्र जाती छोड़ेगा आंबेडकरवाद का अस्तित्व ही नही होगा😂😂😂😂😂😂😂😂 👉 लामा ग्रंथो मे शुद्रोकी औकात शुद्रो को उनकी औकात बताने के लिये समर्पित है जो ब्याज पर कर्जा लेकर कांवर ढोते है त्रि पिटक/budha & his Dhamma का तो कीर्तन पाठ करवाते है अपनी गुलामी की बेड़ियों को खुद मजबूत करते है और फर्जी सीना फुलाकर घूमते है.... शूद्र की लामा धर्म में क्या हैसियत है???? 1 - मनुष्यो में 4 वर्ण ब्राम्हण, क्षेत्रीय, वैश्य व शूद्र वीभाजन है बुद्ध कहते है ~ माझिम निकाय असलियां सुत 2 -शुद्र जिनकी पाप योनि में उत्पति हुई है अगर उनकी कन्याएं के साथ राजा संतान उत्पन करे तब भी वे राजा बन सकते हे। ~ कटहारी जातक 3 - शूद्र का प्रमुख कार्य तीनो वर्णो की सेवा करना है। ~ सुत निपात 404 4 - शूद्र को सन्चित धन से स्वामी कि रक्षा करनी चाहिये। ~ दीघ नीकाय सिंहला सुत अध्याय 2 5 - अगर कोई शुद्र शक्यो के साथ बैठ खाना खा ले तो इसके बाद इस स्थान को दूध से धोना चाइए। ~ भदसाल जातक 6- नारी को चुनाव लडने का अधिकार नहीं होना चाइए। वोह चुनाब लड़ेगी तो घर का काम कौन संभालेगा?? ~ अंबेडकर बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर सम्पूर्ण वाङ्मय खंड 40, पृष्ठ 467 - 468 7- आदिवासी जातियां मूर्ख होते हे। उन्हे चुनाव नही लड़ना चाहिए। मैं उनका प्रतिनिधित्व नहीं करता। ~ आम्बेडकर बाबा साहेब अम्बेडकर सम्पूर्ण वाङ्मय भाग 4 पेज 186 8- वह शूद्र जो ब्राम्हण के चरणो का धोवन पीता है राजा उससे कर TAX न ले। ~ विनय पिटक चूल बाग अध्याय ५ 9 - गाय का दूध शूद्र को छोड़ सभी वर्णों के लिए उपयुक्त है। शुद्र पी ले तो गाय की मृत्य हो जाति हे। ~ आंशका जातक 10- शूद्र केवल दूसरो का सेवक है इसके अतिरिक्त उसका कोइ अधिकार नही है। ~ दिध निकय ३/८ 11- यदि कोइ ब्राम्हण शूद्र को शिक्षा दे तो उस ब्राम्हण को चान्डाल की भाँति त्याग देना चाहिये। ~ सुत निपात 811 12 - यदि कोइ शूद्र संघ में घुस तो तो पिघला हुआ शीशा, लाख उसके कान में डाल देना चाहिये। यदि वह बुद्ध वचन का उच्चारण करे तो जीभ कटवा देना चाहिये। वेद स्मरण करे तो मरवा देना चाहिये। ~तिब्बती बौद्ध ग्रंथ "धोमाङ"(बहुशुत्र वचन) 47/8 13 - संघ में शूद्रों की बिना इजाजत आना मना हे। । ~ सुत निपात 808 14 - ब्राम्हण कान तक उठा कर प्रणाम करे, क्षत्रिय वक्षस्थल तक, वैश्य कमर तक व शूद्र हाथ जोड़कर एवं झुक कर प्रणाम करे। ~ बुद्धवंश 3/55 15 - ब्राम्हण की उत्पत्ति देवता से, शूद्रो की उत्पत्ति मार राक्षस से हुइ है। ~ थेरीगाथा 4/85/2 16 - यदि शूद् अपना कर्म करने से मना करे तो राजा द्वारा दंडनिय है। ~ खुदकपाठ 12 17-सच्चे ब्राह्मणों को शूद्रों से बात नहीं करनी चाइए। ~ अंगूतर निकाय 3/56/18 18- जो शूद्र अपने प्राण, धन तथा अपनी स्त्री को, ब्राम्हण के लिए अर्पित कर दे ,उस शूद्र का भोजन ग्राहय है। ~ जातक 544
नव बौद्ध mahar pakhandi rajniti सामाजिक वर्चस्व कर कारण वो 28 baraham kshatriya buddh aur 12 Arab Devi Devta बुद्ध भगवान और लींद्ध लिंद्ध करते है हर नव बौद्ध जानता है कि Professional Caste हो ही नही सकती और Social Status अलग ही बात होती है Social Status मतलब खुद ही खुदके पंथ का भंता , खुदका अलग धार्मिक स्थल ऐसा सिर्फ लामा धर्म मे नव बौद्धों के पास अधिकार है उसके सिवाय हर जाति को कोई निचला काम बाटा गया है नव बौद्ध यही चाहते है कि चाहे कुछ भी हो जाए शुद्र अपनी जाति कभी ना छोड़े इसलिए कर्मकांड और धर्म का धंधा चलाता है शुद्रो को जातियो और उपजाती मे बाटा ताकि आंबेडकरवाद का सच पता चलने पर भी लोग विरोध और प्रतिकार ही ना कर पाए Professional Caste की वजह से ऊँच नीच बनी ही रहे फिर एकता नही होगी और गुलामी बनी रहेगी हर जाति में खुदको महान बताने नवबौद्धों की चाटुकारिता बढ़ेगी इसी दमपर अच्छे अच्छे पद सिर्फ नवबौद्धों को मिले बाकी भिखारी की तरह रहे शुद्र कितना भी लड़े मरे आखिर में नीच ही रहेगा सछूत शुद्र अछूत शुद्र आपस मे लड़कर गुलाम रहते आए है क्योंकि नवबौद्धों को पता है जिस दिन खुदके कर्म से हटेगा या शूद्र जाती छोड़ेगा आंबेडकरवाद का अस्तित्व ही नही होगा😂😂😂😂😂😂😂😂 👉 लामा ग्रंथो मे शुद्रोकी औकात शुद्रो को उनकी औकात बताने के लिये समर्पित है जो ब्याज पर कर्जा लेकर कांवर ढोते है त्रि पिटक/budha & his Dhamma का तो कीर्तन पाठ करवाते है अपनी गुलामी की बेड़ियों को खुद मजबूत करते है और फर्जी सीना फुलाकर घूमते है.... शूद्र की लामा धर्म में क्या हैसियत है???? 1 - मनुष्यो में 4 वर्ण ब्राम्हण, क्षेत्रीय, वैश्य व शूद्र वीभाजन है बुद्ध कहते है ~ माझिम निकाय असलियां सुत 2 -शुद्र जिनकी पाप योनि में उत्पति हुई है अगर उनकी कन्याएं के साथ राजा संतान उत्पन करे तब भी वे राजा बन सकते हे। ~ कटहारी जातक 3 - शूद्र का प्रमुख कार्य तीनो वर्णो की सेवा करना है। ~ सुत निपात 404 4 - शूद्र को सन्चित धन से स्वामी कि रक्षा करनी चाहिये। ~ दीघ नीकाय सिंहला सुत अध्याय 2 5 - अगर कोई शुद्र शक्यो के साथ बैठ खाना खा ले तो इसके बाद इस स्थान को दूध से धोना चाइए। ~ भदसाल जातक 6- नारी को चुनाव लडने का अधिकार नहीं होना चाइए। वोह चुनाब लड़ेगी तो घर का काम कौन संभालेगा?? ~ अंबेडकर बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर सम्पूर्ण वाङ्मय खंड 40, पृष्ठ 467 - 468 7- आदिवासी जातियां मूर्ख होते हे। उन्हे चुनाव नही लड़ना चाहिए। मैं उनका प्रतिनिधित्व नहीं करता। ~ आम्बेडकर बाबा साहेब अम्बेडकर सम्पूर्ण वाङ्मय भाग 4 पेज 186 8- वह शूद्र जो ब्राम्हण के चरणो का धोवन पीता है राजा उससे कर TAX न ले। ~ विनय पिटक चूल बाग अध्याय ५ 9 - गाय का दूध शूद्र को छोड़ सभी वर्णों के लिए उपयुक्त है। शुद्र पी ले तो गाय की मृत्य हो जाति हे। ~ आंशका जातक 10- शूद्र केवल दूसरो का सेवक है इसके अतिरिक्त उसका कोइ अधिकार नही है। ~ दिध निकय ३/८ 11- यदि कोइ ब्राम्हण शूद्र को शिक्षा दे तो उस ब्राम्हण को चान्डाल की भाँति त्याग देना चाहिये। ~ सुत निपात 811 12 - यदि कोइ शूद्र संघ में घुस तो तो पिघला हुआ शीशा, लाख उसके कान में डाल देना चाहिये। यदि वह बुद्ध वचन का उच्चारण करे तो जीभ कटवा देना चाहिये। वेद स्मरण करे तो मरवा देना चाहिये। ~तिब्बती बौद्ध ग्रंथ "धोमाङ"(बहुशुत्र वचन) 47/8 13 - संघ में शूद्रों की बिना इजाजत आना मना हे। । ~ सुत निपात 808 14 - ब्राम्हण कान तक उठा कर प्रणाम करे, क्षत्रिय वक्षस्थल तक, वैश्य कमर तक व शूद्र हाथ जोड़कर एवं झुक कर प्रणाम करे। ~ बुद्धवंश 3/55 15 - ब्राम्हण की उत्पत्ति देवता से, शूद्रो की उत्पत्ति मार राक्षस से हुइ है। ~ थेरीगाथा 4/85/2 16 - यदि शूद् अपना कर्म करने से मना करे तो राजा द्वारा दंडनिय है। ~ खुदकपाठ 12 17-सच्चे ब्राह्मणों को शूद्रों से बात नहीं करनी चाइए। ~ अंगूतर निकाय 3/56/18 18- जो शूद्र अपने प्राण, धन तथा अपनी स्त्री को, ब्राम्हण के लिए अर्पित कर दे ,उस शूद्र का भोजन ग्राहय है। ~ जातक 544
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇 Neela 🐴 ke anusar kshatriya rajput manuwadi hai bhimta Neela 🐴 ka shoshan Kiya 🤣🤣 lekin kshatriya rajput Shakya इक्ष्वाकु वंश ka gautam bhimta Neela 🐴 ka didi ka boyfriend hai bhimta Neela 🐴 ko 1956 mein pata chala kshatriya rajput gautam buddh bhimta Neela 🐴 ka didi ka boyfriend hai isiliye bhimta Neela 🐴 ab kshatriya rajput gautam buddh ko Neela janeu pahna kar Jijaji banayga 🤣🤣🤣🤣🤣 इसलिए सब एक साथ कहो जय डिम जय झोपडपट्टी जय ढाबाशाहेब आंबटकर जय African malmutnivasi Uganda ka rahne wala मूत निवासी जय Neela भेड़ियार 🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣 **हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22
@@user-zy3zu8yi8rबौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇 Neela 🐴 ke anusar kshatriya rajput manuwadi hai bhimta Neela 🐴 ka shoshan Kiya 🤣🤣 lekin kshatriya rajput Shakya इक्ष्वाकु वंश ka gautam bhimta Neela 🐴 ka didi ka boyfriend hai bhimta Neela 🐴 ko 1956 mein pata chala kshatriya rajput gautam buddh bhimta Neela 🐴 ka didi ka boyfriend hai isiliye bhimta Neela 🐴 ab kshatriya rajput gautam buddh ko Neela janeu pahna kar Jijaji banayga 🤣🤣🤣🤣🤣 इसलिए सब एक साथ कहो जय डिम जय झोपडपट्टी जय ढाबाशाहेब आंबटकर जय African malmutnivasi Uganda ka rahne wala मूत निवासी जय Neela भेड़ियार 🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣 **हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇 Neela 🐴 ke anusar kshatriya rajput manuwadi hai bhimta Neela 🐴 ka shoshan Kiya 🤣🤣 lekin kshatriya rajput Shakya इक्ष्वाकु वंश ka gautam bhimta Neela 🐴 ka didi ka boyfriend hai bhimta Neela 🐴 ko 1956 mein pata chala kshatriya rajput gautam buddh bhimta Neela 🐴 ka didi ka boyfriend hai isiliye bhimta Neela 🐴 ab kshatriya rajput gautam buddh ko Neela janeu pahna kar Jijaji banayga 🤣🤣🤣🤣🤣 इसलिए सब एक साथ कहो जय डिम जय झोपडपट्टी जय ढाबाशाहेब आंबटकर जय African malmutnivasi Uganda ka rahne wala मूत निवासी जय Neela भेड़ियार 🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣 **हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22
नव बौद्ध mahar pakhandi rajniti सामाजिक वर्चस्व कर कारण वो 28 baraham kshatriya buddh aur 12 Arab Devi Devta बुद्ध भगवान और लींद्ध लिंद्ध करते है हर नव बौद्ध जानता है कि Professional Caste हो ही नही सकती और Social Status अलग ही बात होती है Social Status मतलब खुद ही खुदके पंथ का भंता , खुदका अलग धार्मिक स्थल ऐसा सिर्फ लामा धर्म मे नव बौद्धों के पास अधिकार है उसके सिवाय हर जाति को कोई निचला काम बाटा गया है नव बौद्ध यही चाहते है कि चाहे कुछ भी हो जाए शुद्र अपनी जाति कभी ना छोड़े इसलिए कर्मकांड और धर्म का धंधा चलाता है शुद्रो को जातियो और उपजाती मे बाटा ताकि आंबेडकरवाद का सच पता चलने पर भी लोग विरोध और प्रतिकार ही ना कर पाए Professional Caste की वजह से ऊँच नीच बनी ही रहे फिर एकता नही होगी और गुलामी बनी रहेगी हर जाति में खुदको महान बताने नवबौद्धों की चाटुकारिता बढ़ेगी इसी दमपर अच्छे अच्छे पद सिर्फ नवबौद्धों को मिले बाकी भिखारी की तरह रहे शुद्र कितना भी लड़े मरे आखिर में नीच ही रहेगा सछूत शुद्र अछूत शुद्र आपस मे लड़कर गुलाम रहते आए है क्योंकि नवबौद्धों को पता है जिस दिन खुदके कर्म से हटेगा या शूद्र जाती छोड़ेगा आंबेडकरवाद का अस्तित्व ही नही होगा😂😂😂😂😂😂😂😂 👉 लामा ग्रंथो मे शुद्रोकी औकात शुद्रो को उनकी औकात बताने के लिये समर्पित है जो ब्याज पर कर्जा लेकर कांवर ढोते है त्रि पिटक/budha & his Dhamma का तो कीर्तन पाठ करवाते है अपनी गुलामी की बेड़ियों को खुद मजबूत करते है और फर्जी सीना फुलाकर घूमते है.... शूद्र की लामा धर्म में क्या हैसियत है???? 1 - मनुष्यो में 4 वर्ण ब्राम्हण, क्षेत्रीय, वैश्य व शूद्र वीभाजन है बुद्ध कहते है ~ माझिम निकाय असलियां सुत 2 -शुद्र जिनकी पाप योनि में उत्पति हुई है अगर उनकी कन्याएं के साथ राजा संतान उत्पन करे तब भी वे राजा बन सकते हे। ~ कटहारी जातक 3 - शूद्र का प्रमुख कार्य तीनो वर्णो की सेवा करना है। ~ सुत निपात 404 4 - शूद्र को सन्चित धन से स्वामी कि रक्षा करनी चाहिये। ~ दीघ नीकाय सिंहला सुत अध्याय 2 5 - अगर कोई शुद्र शक्यो के साथ बैठ खाना खा ले तो इसके बाद इस स्थान को दूध से धोना चाइए। ~ भदसाल जातक 6- नारी को चुनाव लडने का अधिकार नहीं होना चाइए। वोह चुनाब लड़ेगी तो घर का काम कौन संभालेगा?? ~ अंबेडकर बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर सम्पूर्ण वाङ्मय खंड 40, पृष्ठ 467 - 468 7- आदिवासी जातियां मूर्ख होते हे। उन्हे चुनाव नही लड़ना चाहिए। मैं उनका प्रतिनिधित्व नहीं करता। ~ आम्बेडकर बाबा साहेब अम्बेडकर सम्पूर्ण वाङ्मय भाग 4 पेज 186 8- वह शूद्र जो ब्राम्हण के चरणो का धोवन पीता है राजा उससे कर TAX न ले। ~ विनय पिटक चूल बाग अध्याय ५ 9 - गाय का दूध शूद्र को छोड़ सभी वर्णों के लिए उपयुक्त है। शुद्र पी ले तो गाय की मृत्य हो जाति हे। ~ आंशका जातक 10- शूद्र केवल दूसरो का सेवक है इसके अतिरिक्त उसका कोइ अधिकार नही है। ~ दिध निकय ३/८ 11- यदि कोइ ब्राम्हण शूद्र को शिक्षा दे तो उस ब्राम्हण को चान्डाल की भाँति त्याग देना चाहिये। ~ सुत निपात 811 12 - यदि कोइ शूद्र संघ में घुस तो तो पिघला हुआ शीशा, लाख उसके कान में डाल देना चाहिये। यदि वह बुद्ध वचन का उच्चारण करे तो जीभ कटवा देना चाहिये। वेद स्मरण करे तो मरवा देना चाहिये। ~तिब्बती बौद्ध ग्रंथ "धोमाङ"(बहुशुत्र वचन) 47/8 13 - संघ में शूद्रों की बिना इजाजत आना मना हे। । ~ सुत निपात 808 14 - ब्राम्हण कान तक उठा कर प्रणाम करे, क्षत्रिय वक्षस्थल तक, वैश्य कमर तक व शूद्र हाथ जोड़कर एवं झुक कर प्रणाम करे। ~ बुद्धवंश 3/55 15 - ब्राम्हण की उत्पत्ति देवता से, शूद्रो की उत्पत्ति मार राक्षस से हुइ है। ~ थेरीगाथा 4/85/2 16 - यदि शूद् अपना कर्म करने से मना करे तो राजा द्वारा दंडनिय है। ~ खुदकपाठ 12 17-सच्चे ब्राह्मणों को शूद्रों से बात नहीं करनी चाइए। ~ अंगूतर निकाय 3/56/18 18- जो शूद्र अपने प्राण, धन तथा अपनी स्त्री को, ब्राम्हण के लिए अर्पित कर दे ,उस शूद्र का भोजन ग्राहय है। ~ जातक 544
नव बौद्ध mahar pakhandi rajniti सामाजिक वर्चस्व कर कारण वो 28 baraham kshatriya buddh aur 12 Arab Devi Devta बुद्ध भगवान और लींद्ध लिंद्ध करते है हर नव बौद्ध जानता है कि Professional Caste हो ही नही सकती और Social Status अलग ही बात होती है Social Status मतलब खुद ही खुदके पंथ का भंता , खुदका अलग धार्मिक स्थल ऐसा सिर्फ लामा धर्म मे नव बौद्धों के पास अधिकार है उसके सिवाय हर जाति को कोई निचला काम बाटा गया है नव बौद्ध यही चाहते है कि चाहे कुछ भी हो जाए शुद्र अपनी जाति कभी ना छोड़े इसलिए कर्मकांड और धर्म का धंधा चलाता है शुद्रो को जातियो और उपजाती मे बाटा ताकि आंबेडकरवाद का सच पता चलने पर भी लोग विरोध और प्रतिकार ही ना कर पाए Professional Caste की वजह से ऊँच नीच बनी ही रहे फिर एकता नही होगी और गुलामी बनी रहेगी हर जाति में खुदको महान बताने नवबौद्धों की चाटुकारिता बढ़ेगी इसी दमपर अच्छे अच्छे पद सिर्फ नवबौद्धों को मिले बाकी भिखारी की तरह रहे शुद्र कितना भी लड़े मरे आखिर में नीच ही रहेगा सछूत शुद्र अछूत शुद्र आपस मे लड़कर गुलाम रहते आए है क्योंकि नवबौद्धों को पता है जिस दिन खुदके कर्म से हटेगा या शूद्र जाती छोड़ेगा आंबेडकरवाद का अस्तित्व ही नही होगा😂😂😂😂😂😂😂😂 👉 लामा ग्रंथो मे शुद्रोकी औकात शुद्रो को उनकी औकात बताने के लिये समर्पित है जो ब्याज पर कर्जा लेकर कांवर ढोते है त्रि पिटक/budha & his Dhamma का तो कीर्तन पाठ करवाते है अपनी गुलामी की बेड़ियों को खुद मजबूत करते है और फर्जी सीना फुलाकर घूमते है.... शूद्र की लामा धर्म में क्या हैसियत है???? 1 - मनुष्यो में 4 वर्ण ब्राम्हण, क्षेत्रीय, वैश्य व शूद्र वीभाजन है बुद्ध कहते है ~ माझिम निकाय असलियां सुत 2 -शुद्र जिनकी पाप योनि में उत्पति हुई है अगर उनकी कन्याएं के साथ राजा संतान उत्पन करे तब भी वे राजा बन सकते हे। ~ कटहारी जातक 3 - शूद्र का प्रमुख कार्य तीनो वर्णो की सेवा करना है। ~ सुत निपात 404 4 - शूद्र को सन्चित धन से स्वामी कि रक्षा करनी चाहिये। ~ दीघ नीकाय सिंहला सुत अध्याय 2 5 - अगर कोई शुद्र शक्यो के साथ बैठ खाना खा ले तो इसके बाद इस स्थान को दूध से धोना चाइए। ~ भदसाल जातक 6- नारी को चुनाव लडने का अधिकार नहीं होना चाइए। वोह चुनाब लड़ेगी तो घर का काम कौन संभालेगा?? ~ अंबेडकर बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर सम्पूर्ण वाङ्मय खंड 40, पृष्ठ 467 - 468 7- आदिवासी जातियां मूर्ख होते हे। उन्हे चुनाव नही लड़ना चाहिए। मैं उनका प्रतिनिधित्व नहीं करता। ~ आम्बेडकर बाबा साहेब अम्बेडकर सम्पूर्ण वाङ्मय भाग 4 पेज 186 8- वह शूद्र जो ब्राम्हण के चरणो का धोवन पीता है राजा उससे कर TAX न ले। ~ विनय पिटक चूल बाग अध्याय ५ 9 - गाय का दूध शूद्र को छोड़ सभी वर्णों के लिए उपयुक्त है। शुद्र पी ले तो गाय की मृत्य हो जाति हे। ~ आंशका जातक 10- शूद्र केवल दूसरो का सेवक है इसके अतिरिक्त उसका कोइ अधिकार नही है। ~ दिध निकय ३/८ 11- यदि कोइ ब्राम्हण शूद्र को शिक्षा दे तो उस ब्राम्हण को चान्डाल की भाँति त्याग देना चाहिये। ~ सुत निपात 811 12 - यदि कोइ शूद्र संघ में घुस तो तो पिघला हुआ शीशा, लाख उसके कान में डाल देना चाहिये। यदि वह बुद्ध वचन का उच्चारण करे तो जीभ कटवा देना चाहिये। वेद स्मरण करे तो मरवा देना चाहिये। ~तिब्बती बौद्ध ग्रंथ "धोमाङ"(बहुशुत्र वचन) 47/8 13 - संघ में शूद्रों की बिना इजाजत आना मना हे। । ~ सुत निपात 808 14 - ब्राम्हण कान तक उठा कर प्रणाम करे, क्षत्रिय वक्षस्थल तक, वैश्य कमर तक व शूद्र हाथ जोड़कर एवं झुक कर प्रणाम करे। ~ बुद्धवंश 3/55 15 - ब्राम्हण की उत्पत्ति देवता से, शूद्रो की उत्पत्ति मार राक्षस से हुइ है। ~ थेरीगाथा 4/85/2 16 - यदि शूद् अपना कर्म करने से मना करे तो राजा द्वारा दंडनिय है। ~ खुदकपाठ 12 17-सच्चे ब्राह्मणों को शूद्रों से बात नहीं करनी चाइए। ~ अंगूतर निकाय 3/56/18 18- जो शूद्र अपने प्राण, धन तथा अपनी स्त्री को, ब्राम्हण के लिए अर्पित कर दे ,उस शूद्र का भोजन ग्राहय है। ~ जातक 544
भंते मेरे गांव में वर्षा वास में बुद्ध और उनका धम्म ग्रंथ पढ़ा जाता है। और आसोक विजयादशमी को ग्रंथ समाप्त होता है और फिर उस दिन भोजन दान दिया जाता है।भंते मेरा सवाल है कि हर गांव में वर्षा वास के दिनों मे बुद्ध और उनका धम्म ग्रंथ पढ़ना चाहिए क्या। और बुद्ध के समय ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शूद्र वर्ण व्यवस्था थी क्या।अगर नही थे तो बुद्ध और उनका धम्म ग्रंथ से ब्राह्मण शब्द निकाल देना चाहिए क्या। बुद्ध के पूर्व और बुद्ध थे तो फिर बुद्ध की जन्म की भविष्य वाणी केवल बौद्ध भंते ही क्यों नही कर सकते। बुद्ध की शिक्षा बौद्ध भंते ही कर सकते है।इसलिए हमारी संस्कृति में कोई ब्राह्मण घुसपेठ क्यों।क्या बुद्ध और उनका धम्म ग्रंथ में कुछ शब्द अपडेट करना चाहिए क्या। बुद्ध और धम्म ग्रंथ को और मधुर सुंदर मोहक बना सकते हैं क्या जय भीम जय सम्राट अशोक नमो budhay
नव बौद्ध mahar pakhandi rajniti सामाजिक वर्चस्व कर कारण वो 28 baraham kshatriya buddh aur 12 Arab Devi Devta बुद्ध भगवान और लींद्ध लिंद्ध करते है हर नव बौद्ध जानता है कि Professional Caste हो ही नही सकती और Social Status अलग ही बात होती है Social Status मतलब खुद ही खुदके पंथ का भंता , खुदका अलग धार्मिक स्थल ऐसा सिर्फ लामा धर्म मे नव बौद्धों के पास अधिकार है उसके सिवाय हर जाति को कोई निचला काम बाटा गया है नव बौद्ध यही चाहते है कि चाहे कुछ भी हो जाए शुद्र अपनी जाति कभी ना छोड़े इसलिए कर्मकांड और धर्म का धंधा चलाता है शुद्रो को जातियो और उपजाती मे बाटा ताकि आंबेडकरवाद का सच पता चलने पर भी लोग विरोध और प्रतिकार ही ना कर पाए Professional Caste की वजह से ऊँच नीच बनी ही रहे फिर एकता नही होगी और गुलामी बनी रहेगी हर जाति में खुदको महान बताने नवबौद्धों की चाटुकारिता बढ़ेगी इसी दमपर अच्छे अच्छे पद सिर्फ नवबौद्धों को मिले बाकी भिखारी की तरह रहे शुद्र कितना भी लड़े मरे आखिर में नीच ही रहेगा सछूत शुद्र अछूत शुद्र आपस मे लड़कर गुलाम रहते आए है क्योंकि नवबौद्धों को पता है जिस दिन खुदके कर्म से हटेगा या शूद्र जाती छोड़ेगा आंबेडकरवाद का अस्तित्व ही नही होगा😂😂😂😂😂😂😂😂 👉 लामा ग्रंथो मे शुद्रोकी औकात शुद्रो को उनकी औकात बताने के लिये समर्पित है जो ब्याज पर कर्जा लेकर कांवर ढोते है त्रि पिटक/budha & his Dhamma का तो कीर्तन पाठ करवाते है अपनी गुलामी की बेड़ियों को खुद मजबूत करते है और फर्जी सीना फुलाकर घूमते है.... शूद्र की लामा धर्म में क्या हैसियत है???? 1 - मनुष्यो में 4 वर्ण ब्राम्हण, क्षेत्रीय, वैश्य व शूद्र वीभाजन है बुद्ध कहते है ~ माझिम निकाय असलियां सुत 2 -शुद्र जिनकी पाप योनि में उत्पति हुई है अगर उनकी कन्याएं के साथ राजा संतान उत्पन करे तब भी वे राजा बन सकते हे। ~ कटहारी जातक 3 - शूद्र का प्रमुख कार्य तीनो वर्णो की सेवा करना है। ~ सुत निपात 404 4 - शूद्र को सन्चित धन से स्वामी कि रक्षा करनी चाहिये। ~ दीघ नीकाय सिंहला सुत अध्याय 2 5 - अगर कोई शुद्र शक्यो के साथ बैठ खाना खा ले तो इसके बाद इस स्थान को दूध से धोना चाइए। ~ भदसाल जातक 6- नारी को चुनाव लडने का अधिकार नहीं होना चाइए। वोह चुनाब लड़ेगी तो घर का काम कौन संभालेगा?? ~ अंबेडकर बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर सम्पूर्ण वाङ्मय खंड 40, पृष्ठ 467 - 468 7- आदिवासी जातियां मूर्ख होते हे। उन्हे चुनाव नही लड़ना चाहिए। मैं उनका प्रतिनिधित्व नहीं करता। ~ आम्बेडकर बाबा साहेब अम्बेडकर सम्पूर्ण वाङ्मय भाग 4 पेज 186 8- वह शूद्र जो ब्राम्हण के चरणो का धोवन पीता है राजा उससे कर TAX न ले। ~ विनय पिटक चूल बाग अध्याय ५ 9 - गाय का दूध शूद्र को छोड़ सभी वर्णों के लिए उपयुक्त है। शुद्र पी ले तो गाय की मृत्य हो जाति हे। ~ आंशका जातक 10- शूद्र केवल दूसरो का सेवक है इसके अतिरिक्त उसका कोइ अधिकार नही है। ~ दिध निकय ३/८ 11- यदि कोइ ब्राम्हण शूद्र को शिक्षा दे तो उस ब्राम्हण को चान्डाल की भाँति त्याग देना चाहिये। ~ सुत निपात 811 12 - यदि कोइ शूद्र संघ में घुस तो तो पिघला हुआ शीशा, लाख उसके कान में डाल देना चाहिये। यदि वह बुद्ध वचन का उच्चारण करे तो जीभ कटवा देना चाहिये। वेद स्मरण करे तो मरवा देना चाहिये। ~तिब्बती बौद्ध ग्रंथ "धोमाङ"(बहुशुत्र वचन) 47/8 13 - संघ में शूद्रों की बिना इजाजत आना मना हे। । ~ सुत निपात 808 14 - ब्राम्हण कान तक उठा कर प्रणाम करे, क्षत्रिय वक्षस्थल तक, वैश्य कमर तक व शूद्र हाथ जोड़कर एवं झुक कर प्रणाम करे। ~ बुद्धवंश 3/55 15 - ब्राम्हण की उत्पत्ति देवता से, शूद्रो की उत्पत्ति मार राक्षस से हुइ है। ~ थेरीगाथा 4/85/2 16 - यदि शूद् अपना कर्म करने से मना करे तो राजा द्वारा दंडनिय है। ~ खुदकपाठ 12 17-सच्चे ब्राह्मणों को शूद्रों से बात नहीं करनी चाइए। ~ अंगूतर निकाय 3/56/18 18- जो शूद्र अपने प्राण, धन तथा अपनी स्त्री को, ब्राम्हण के लिए अर्पित कर दे ,उस शूद्र का भोजन ग्राहय है। ~ जातक 544
नव बौद्ध mahar pakhandi rajniti सामाजिक वर्चस्व कर कारण वो 28 baraham kshatriya buddh aur 12 Arab Devi Devta बुद्ध भगवान और लींद्ध लिंद्ध करते है हर नव बौद्ध जानता है कि Professional Caste हो ही नही सकती और Social Status अलग ही बात होती है Social Status मतलब खुद ही खुदके पंथ का भंता , खुदका अलग धार्मिक स्थल ऐसा सिर्फ लामा धर्म मे नव बौद्धों के पास अधिकार है उसके सिवाय हर जाति को कोई निचला काम बाटा गया है नव बौद्ध यही चाहते है कि चाहे कुछ भी हो जाए शुद्र अपनी जाति कभी ना छोड़े इसलिए कर्मकांड और धर्म का धंधा चलाता है शुद्रो को जातियो और उपजाती मे बाटा ताकि आंबेडकरवाद का सच पता चलने पर भी लोग विरोध और प्रतिकार ही ना कर पाए Professional Caste की वजह से ऊँच नीच बनी ही रहे फिर एकता नही होगी और गुलामी बनी रहेगी हर जाति में खुदको महान बताने नवबौद्धों की चाटुकारिता बढ़ेगी इसी दमपर अच्छे अच्छे पद सिर्फ नवबौद्धों को मिले बाकी भिखारी की तरह रहे शुद्र कितना भी लड़े मरे आखिर में नीच ही रहेगा सछूत शुद्र अछूत शुद्र आपस मे लड़कर गुलाम रहते आए है क्योंकि नवबौद्धों को पता है जिस दिन खुदके कर्म से हटेगा या शूद्र जाती छोड़ेगा आंबेडकरवाद का अस्तित्व ही नही होगा😂😂😂😂😂😂😂😂 👉 लामा ग्रंथो मे शुद्रोकी औकात शुद्रो को उनकी औकात बताने के लिये समर्पित है जो ब्याज पर कर्जा लेकर कांवर ढोते है त्रि पिटक/budha & his Dhamma का तो कीर्तन पाठ करवाते है अपनी गुलामी की बेड़ियों को खुद मजबूत करते है और फर्जी सीना फुलाकर घूमते है.... शूद्र की लामा धर्म में क्या हैसियत है???? 1 - मनुष्यो में 4 वर्ण ब्राम्हण, क्षेत्रीय, वैश्य व शूद्र वीभाजन है बुद्ध कहते है ~ माझिम निकाय असलियां सुत 2 -शुद्र जिनकी पाप योनि में उत्पति हुई है अगर उनकी कन्याएं के साथ राजा संतान उत्पन करे तब भी वे राजा बन सकते हे। ~ कटहारी जातक 3 - शूद्र का प्रमुख कार्य तीनो वर्णो की सेवा करना है। ~ सुत निपात 404 4 - शूद्र को सन्चित धन से स्वामी कि रक्षा करनी चाहिये। ~ दीघ नीकाय सिंहला सुत अध्याय 2 5 - अगर कोई शुद्र शक्यो के साथ बैठ खाना खा ले तो इसके बाद इस स्थान को दूध से धोना चाइए। ~ भदसाल जातक 6- नारी को चुनाव लडने का अधिकार नहीं होना चाइए। वोह चुनाब लड़ेगी तो घर का काम कौन संभालेगा?? ~ अंबेडकर बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर सम्पूर्ण वाङ्मय खंड 40, पृष्ठ 467 - 468 7- आदिवासी जातियां मूर्ख होते हे। उन्हे चुनाव नही लड़ना चाहिए। मैं उनका प्रतिनिधित्व नहीं करता। ~ आम्बेडकर बाबा साहेब अम्बेडकर सम्पूर्ण वाङ्मय भाग 4 पेज 186 8- वह शूद्र जो ब्राम्हण के चरणो का धोवन पीता है राजा उससे कर TAX न ले। ~ विनय पिटक चूल बाग अध्याय ५ 9 - गाय का दूध शूद्र को छोड़ सभी वर्णों के लिए उपयुक्त है। शुद्र पी ले तो गाय की मृत्य हो जाति हे। ~ आंशका जातक 10- शूद्र केवल दूसरो का सेवक है इसके अतिरिक्त उसका कोइ अधिकार नही है। ~ दिध निकय ३/८ 11- यदि कोइ ब्राम्हण शूद्र को शिक्षा दे तो उस ब्राम्हण को चान्डाल की भाँति त्याग देना चाहिये। ~ सुत निपात 811 12 - यदि कोइ शूद्र संघ में घुस तो तो पिघला हुआ शीशा, लाख उसके कान में डाल देना चाहिये। यदि वह बुद्ध वचन का उच्चारण करे तो जीभ कटवा देना चाहिये। वेद स्मरण करे तो मरवा देना चाहिये। ~तिब्बती बौद्ध ग्रंथ "धोमाङ"(बहुशुत्र वचन) 47/8 13 - संघ में शूद्रों की बिना इजाजत आना मना हे। । ~ सुत निपात 808 14 - ब्राम्हण कान तक उठा कर प्रणाम करे, क्षत्रिय वक्षस्थल तक, वैश्य कमर तक व शूद्र हाथ जोड़कर एवं झुक कर प्रणाम करे। ~ बुद्धवंश 3/55 15 - ब्राम्हण की उत्पत्ति देवता से, शूद्रो की उत्पत्ति मार राक्षस से हुइ है। ~ थेरीगाथा 4/85/2 16 - यदि शूद् अपना कर्म करने से मना करे तो राजा द्वारा दंडनिय है। ~ खुदकपाठ 12 17-सच्चे ब्राह्मणों को शूद्रों से बात नहीं करनी चाइए। ~ अंगूतर निकाय 3/56/18 18- जो शूद्र अपने प्राण, धन तथा अपनी स्त्री को, ब्राम्हण के लिए अर्पित कर दे ,उस शूद्र का भोजन ग्राहय है। ~ जातक 544
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇 Neela 🐴 ke anusar kshatriya rajput manuwadi hai bhimta Neela 🐴 ka shoshan Kiya 🤣🤣 lekin kshatriya rajput Shakya इक्ष्वाकु वंश ka gautam bhimta Neela 🐴 ka didi ka boyfriend hai bhimta Neela 🐴 ko 1956 mein pata chala kshatriya rajput gautam buddh bhimta Neela 🐴 ka didi ka boyfriend hai isiliye bhimta Neela 🐴 ab kshatriya rajput gautam buddh ko Neela janeu pahna kar Jijaji banayga 🤣🤣🤣🤣🤣 इसलिए सब एक साथ कहो जय डिम जय झोपडपट्टी जय ढाबाशाहेब आंबटकर जय African malmutnivasi Uganda ka rahne wala मूत निवासी जय Neela भेड़ियार 🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣 **हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇👇 Neela 🐴 ke anusar kshatriya rajput manuwadi hai bhimta Neela 🐴 ka shoshan Kiya 🤣🤣 lekin kshatriya rajput Shakya इक्ष्वाकु वंश ka gautam bhimta Neela 🐴 ka didi ka boyfriend hai bhimta Neela 🐴 ko 1956 mein pata chala kshatriya rajput gautam buddh bhimta Neela 🐴 ka didi ka boyfriend hai isiliye bhimta Neela 🐴 ab kshatriya rajput gautam buddh ko Neela janeu pahna kar Jijaji banayga 🤣🤣🤣🤣🤣 इसलिए सब एक साथ कहो जय डिम जय झोपडपट्टी जय ढाबाशाहेब आंबटकर जय African malmutnivasi Uganda ka rahne wala मूत निवासी जय Neela भेड़ियार 🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣 **हगनवबौद्ध को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22
@@vk-vd6te बाबा साहब का और बुद्ध को समझना तुम्हारे जैसे ब्राह्मण का काम नहीं है । तुम बौद्ध धर्म में छल कपट से घुसे और उसमे घाल मेल कर दिए ब्राह्मणों की औकात नहीं है ।कुछ अच्छा काम करने की। बाबा साहब ने कभी नहीं कहा था।आदिवासी,और महिला के बारे में उनका उद्देश कुछ और होगा क्योंकि बाबा साहब स्वत्रंता,समता, बंधुता ,न्याय मानवतावादी थे ओ कोई ब्राह्मणवादी नहीं थे। बाबासाहेब को समझना तुम्हारे बस की बात नहीं है।
Very nice good videos news Jay bhim jai bauddh Jay Bharat Jay Samvidhan Jay Bharat Jay vigyan Jai Samrat Ashoka Jay Bharat Vandami bhante Ji Vandami bhante Ji Vandami bhante Ji
नव बौद्ध mahar pakhandi rajniti सामाजिक वर्चस्व कर कारण वो 28 baraham kshatriya buddh aur 12 Arab Devi Devta बुद्ध भगवान और लींद्ध लिंद्ध करते है हर नव बौद्ध जानता है कि Professional Caste हो ही नही सकती और Social Status अलग ही बात होती है Social Status मतलब खुद ही खुदके पंथ का भंता , खुदका अलग धार्मिक स्थल ऐसा सिर्फ लामा धर्म मे नव बौद्धों के पास अधिकार है उसके सिवाय हर जाति को कोई निचला काम बाटा गया है नव बौद्ध यही चाहते है कि चाहे कुछ भी हो जाए शुद्र अपनी जाति कभी ना छोड़े इसलिए कर्मकांड और धर्म का धंधा चलाता है शुद्रो को जातियो और उपजाती मे बाटा ताकि आंबेडकरवाद का सच पता चलने पर भी लोग विरोध और प्रतिकार ही ना कर पाए Professional Caste की वजह से ऊँच नीच बनी ही रहे फिर एकता नही होगी और गुलामी बनी रहेगी हर जाति में खुदको महान बताने नवबौद्धों की चाटुकारिता बढ़ेगी इसी दमपर अच्छे अच्छे पद सिर्फ नवबौद्धों को मिले बाकी भिखारी की तरह रहे शुद्र कितना भी लड़े मरे आखिर में नीच ही रहेगा सछूत शुद्र अछूत शुद्र आपस मे लड़कर गुलाम रहते आए है क्योंकि नवबौद्धों को पता है जिस दिन खुदके कर्म से हटेगा या शूद्र जाती छोड़ेगा आंबेडकरवाद का अस्तित्व ही नही होगा😂😂😂😂😂😂😂😂 👉 लामा ग्रंथो मे शुद्रोकी औकात शुद्रो को उनकी औकात बताने के लिये समर्पित है जो ब्याज पर कर्जा लेकर कांवर ढोते है त्रि पिटक/budha & his Dhamma का तो कीर्तन पाठ करवाते है अपनी गुलामी की बेड़ियों को खुद मजबूत करते है और फर्जी सीना फुलाकर घूमते है.... शूद्र की लामा धर्म में क्या हैसियत है???? 1 - मनुष्यो में 4 वर्ण ब्राम्हण, क्षेत्रीय, वैश्य व शूद्र वीभाजन है बुद्ध कहते है ~ माझिम निकाय असलियां सुत 2 -शुद्र जिनकी पाप योनि में उत्पति हुई है अगर उनकी कन्याएं के साथ राजा संतान उत्पन करे तब भी वे राजा बन सकते हे। ~ कटहारी जातक 3 - शूद्र का प्रमुख कार्य तीनो वर्णो की सेवा करना है। ~ सुत निपात 404 4 - शूद्र को सन्चित धन से स्वामी कि रक्षा करनी चाहिये। ~ दीघ नीकाय सिंहला सुत अध्याय 2 5 - अगर कोई शुद्र शक्यो के साथ बैठ खाना खा ले तो इसके बाद इस स्थान को दूध से धोना चाइए। ~ भदसाल जातक 6- नारी को चुनाव लडने का अधिकार नहीं होना चाइए। वोह चुनाब लड़ेगी तो घर का काम कौन संभालेगा?? ~ अंबेडकर बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर सम्पूर्ण वाङ्मय खंड 40, पृष्ठ 467 - 468 7- आदिवासी जातियां मूर्ख होते हे। उन्हे चुनाव नही लड़ना चाहिए। मैं उनका प्रतिनिधित्व नहीं करता। ~ आम्बेडकर बाबा साहेब अम्बेडकर सम्पूर्ण वाङ्मय भाग 4 पेज 186 8- वह शूद्र जो ब्राम्हण के चरणो का धोवन पीता है राजा उससे कर TAX न ले। ~ विनय पिटक चूल बाग अध्याय ५ 9 - गाय का दूध शूद्र को छोड़ सभी वर्णों के लिए उपयुक्त है। शुद्र पी ले तो गाय की मृत्य हो जाति हे। ~ आंशका जातक 10- शूद्र केवल दूसरो का सेवक है इसके अतिरिक्त उसका कोइ अधिकार नही है। ~ दिध निकय ३/८ 11- यदि कोइ ब्राम्हण शूद्र को शिक्षा दे तो उस ब्राम्हण को चान्डाल की भाँति त्याग देना चाहिये। ~ सुत निपात 811 12 - यदि कोइ शूद्र संघ में घुस तो तो पिघला हुआ शीशा, लाख उसके कान में डाल देना चाहिये। यदि वह बुद्ध वचन का उच्चारण करे तो जीभ कटवा देना चाहिये। वेद स्मरण करे तो मरवा देना चाहिये। ~तिब्बती बौद्ध ग्रंथ "धोमाङ"(बहुशुत्र वचन) 47/8 13 - संघ में शूद्रों की बिना इजाजत आना मना हे। । ~ सुत निपात 808 14 - ब्राम्हण कान तक उठा कर प्रणाम करे, क्षत्रिय वक्षस्थल तक, वैश्य कमर तक व शूद्र हाथ जोड़कर एवं झुक कर प्रणाम करे। ~ बुद्धवंश 3/55 15 - ब्राम्हण की उत्पत्ति देवता से, शूद्रो की उत्पत्ति मार राक्षस से हुइ है। ~ थेरीगाथा 4/85/2 16 - यदि शूद् अपना कर्म करने से मना करे तो राजा द्वारा दंडनिय है। ~ खुदकपाठ 12 17-सच्चे ब्राह्मणों को शूद्रों से बात नहीं करनी चाइए। ~ अंगूतर निकाय 3/56/18 18- जो शूद्र अपने प्राण, धन तथा अपनी स्त्री को, ब्राम्हण के लिए अर्पित कर दे ,उस शूद्र का भोजन ग्राहय है। ~ जातक 544
नव बौद्ध mahar pakhandi rajniti सामाजिक वर्चस्व कर कारण वो 28 baraham kshatriya buddh aur 12 Arab Devi Devta बुद्ध भगवान और लींद्ध लिंद्ध करते है हर नव बौद्ध जानता है कि Professional Caste हो ही नही सकती और Social Status अलग ही बात होती है Social Status मतलब खुद ही खुदके पंथ का भंता , खुदका अलग धार्मिक स्थल ऐसा सिर्फ लामा धर्म मे नव बौद्धों के पास अधिकार है उसके सिवाय हर जाति को कोई निचला काम बाटा गया है नव बौद्ध यही चाहते है कि चाहे कुछ भी हो जाए शुद्र अपनी जाति कभी ना छोड़े इसलिए कर्मकांड और धर्म का धंधा चलाता है शुद्रो को जातियो और उपजाती मे बाटा ताकि आंबेडकरवाद का सच पता चलने पर भी लोग विरोध और प्रतिकार ही ना कर पाए Professional Caste की वजह से ऊँच नीच बनी ही रहे फिर एकता नही होगी और गुलामी बनी रहेगी हर जाति में खुदको महान बताने नवबौद्धों की चाटुकारिता बढ़ेगी इसी दमपर अच्छे अच्छे पद सिर्फ नवबौद्धों को मिले बाकी भिखारी की तरह रहे शुद्र कितना भी लड़े मरे आखिर में नीच ही रहेगा सछूत शुद्र अछूत शुद्र आपस मे लड़कर गुलाम रहते आए है क्योंकि नवबौद्धों को पता है जिस दिन खुदके कर्म से हटेगा या शूद्र जाती छोड़ेगा आंबेडकरवाद का अस्तित्व ही नही होगा😂😂😂😂😂😂😂😂 👉 लामा ग्रंथो मे शुद्रोकी औकात शुद्रो को उनकी औकात बताने के लिये समर्पित है जो ब्याज पर कर्जा लेकर कांवर ढोते है त्रि पिटक/budha & his Dhamma का तो कीर्तन पाठ करवाते है अपनी गुलामी की बेड़ियों को खुद मजबूत करते है और फर्जी सीना फुलाकर घूमते है.... शूद्र की लामा धर्म में क्या हैसियत है???? 1 - मनुष्यो में 4 वर्ण ब्राम्हण, क्षेत्रीय, वैश्य व शूद्र वीभाजन है बुद्ध कहते है ~ माझिम निकाय असलियां सुत 2 -शुद्र जिनकी पाप योनि में उत्पति हुई है अगर उनकी कन्याएं के साथ राजा संतान उत्पन करे तब भी वे राजा बन सकते हे। ~ कटहारी जातक 3 - शूद्र का प्रमुख कार्य तीनो वर्णो की सेवा करना है। ~ सुत निपात 404 4 - शूद्र को सन्चित धन से स्वामी कि रक्षा करनी चाहिये। ~ दीघ नीकाय सिंहला सुत अध्याय 2 5 - अगर कोई शुद्र शक्यो के साथ बैठ खाना खा ले तो इसके बाद इस स्थान को दूध से धोना चाइए। ~ भदसाल जातक 6- नारी को चुनाव लडने का अधिकार नहीं होना चाइए। वोह चुनाब लड़ेगी तो घर का काम कौन संभालेगा?? ~ अंबेडकर बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर सम्पूर्ण वाङ्मय खंड 40, पृष्ठ 467 - 468 7- आदिवासी जातियां मूर्ख होते हे। उन्हे चुनाव नही लड़ना चाहिए। मैं उनका प्रतिनिधित्व नहीं करता। ~ आम्बेडकर बाबा साहेब अम्बेडकर सम्पूर्ण वाङ्मय भाग 4 पेज 186 8- वह शूद्र जो ब्राम्हण के चरणो का धोवन पीता है राजा उससे कर TAX न ले। ~ विनय पिटक चूल बाग अध्याय ५ 9 - गाय का दूध शूद्र को छोड़ सभी वर्णों के लिए उपयुक्त है। शुद्र पी ले तो गाय की मृत्य हो जाति हे। ~ आंशका जातक 10- शूद्र केवल दूसरो का सेवक है इसके अतिरिक्त उसका कोइ अधिकार नही है। ~ दिध निकय ३/८ 11- यदि कोइ ब्राम्हण शूद्र को शिक्षा दे तो उस ब्राम्हण को चान्डाल की भाँति त्याग देना चाहिये। ~ सुत निपात 811 12 - यदि कोइ शूद्र संघ में घुस तो तो पिघला हुआ शीशा, लाख उसके कान में डाल देना चाहिये। यदि वह बुद्ध वचन का उच्चारण करे तो जीभ कटवा देना चाहिये। वेद स्मरण करे तो मरवा देना चाहिये। ~तिब्बती बौद्ध ग्रंथ "धोमाङ"(बहुशुत्र वचन) 47/8 13 - संघ में शूद्रों की बिना इजाजत आना मना हे। । ~ सुत निपात 808 14 - ब्राम्हण कान तक उठा कर प्रणाम करे, क्षत्रिय वक्षस्थल तक, वैश्य कमर तक व शूद्र हाथ जोड़कर एवं झुक कर प्रणाम करे। ~ बुद्धवंश 3/55 15 - ब्राम्हण की उत्पत्ति देवता से, शूद्रो की उत्पत्ति मार राक्षस से हुइ है। ~ थेरीगाथा 4/85/2 16 - यदि शूद् अपना कर्म करने से मना करे तो राजा द्वारा दंडनिय है। ~ खुदकपाठ 12 17-सच्चे ब्राह्मणों को शूद्रों से बात नहीं करनी चाइए। ~ अंगूतर निकाय 3/56/18 18- जो शूद्र अपने प्राण, धन तथा अपनी स्त्री को, ब्राम्हण के लिए अर्पित कर दे ,उस शूद्र का भोजन ग्राहय है। ~ जातक 544
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु chuddhist 🔔🔔 👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु chuddhist pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo Neela 🐴 हगनवबौद्ध ab kshatriya rajput Gautam buddh ko Neela janeu pahna kar papaji banayga Neela 🐴 हगनवबौद्ध ko 1956 mein pata chala kshatriya rajput Gautam buddh Neela 🐴 ka didi ka boyfriend hai 🤣 🤣**हगनवबौद्ध neela 🐴 को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु chuddhist 🔔🔔 👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु chuddhist pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo Neela 🐴 हगनवबौद्ध ab kshatriya rajput Gautam buddh ko Neela janeu pahna kar papaji banayga Neela 🐴 हगनवबौद्ध ko 1956 mein pata chala kshatriya rajput Gautam buddh Neela 🐴 ka didi ka boyfriend hai 🤣 🤣**हगनवबौद्ध neela 🐴 को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22
@@vk-vd6te अभी भी भ्रमित करने की आदत गई नहीं है ,, अगर ब्राह्मण बौद्ध थे तो बौद्धों के इतिहास को तहस-नहस क्यों किया,, बौद्धों के मठों पर कब्जा करके बुद्ध की मूर्तियों को नेस्तनाबूद क्यों किया,, आज भी बौद्ध स्थलों को तहस-नहस कर रहें हैं क्यों ,, बौद्धों से आज भी ईर्ष्या करता है ब्राह्मण,, अगर अंग्रेज़ भारत मे नही आते तो इस ब्राह्मणों ने तो बौद्ध संस्कृति को ही खतम कर दिया था,, और ये महोदय भ्रमित करने की निरर्थक कोशिश कर रहे हैं,,, सावधान रहना होगा बहुजन समाज को ऐसे गपोडियों से,,✅✅✅✅✅👍👍👍
वंदामि भंते! नमो बुद्धाय!! देसना स्थानीय भासा में होवै तो किसीक? हिंदी पर संस्कृत रो असर है जदकै स्थानीय भासावां पर पाली प्राकृत रो. परिव्राजक-पाबू, प्रर्वतन-पबण
JAIBHIM all new migrating members of Buddha religion with peace and non-violence with great happiness and achievements your goals Namo buddhhay .......... Pratap
सारी बीमारी की जड़ यही है, कुछ लोग बुद्ध धम्म की शिक्षा तो ले लेते हैं लेकिन उनके मन में से जातीय गंदगी कभी साफ ही नहीं होती। इस बात पर सबसे अधिक जोर दिया जाना चाहिए कि अगर कोई बौद्ध बनता है तो मन से आत्मा से बने सिर्फ ढोंग करने के लिए नहीं 👍👍🙏🙏
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु chuddhist 🔔🔔 👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु chuddhist pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo Neela 🐴 हगनवबौद्ध ab kshatriya rajput Gautam buddh ko Neela janeu pahna kar papaji banayga Neela 🐴 हगनवबौद्ध ko 1956 mein pata chala kshatriya rajput Gautam buddh Neela 🐴 ka didi ka boyfriend hai 🤣 🤣**हगनवबौद्ध neela 🐴 को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22
मैं तो सोच🤔 रहा हूं पेरियर की बेटी क्या मजबूरी रही होगी जो उसको अपने बूढ़े पिता से शादी करने के लिए विवश थी । लगाता है महान समाज सुधारक पेरियर ने अपनी बेटी का जरुरत से ज्यादा कल्याण कर दिया था😂😂पेरियार ने अपने ही बेटी से जो उससे 40 साल छोटी थी विवाह किया था,उस समय पेरियार की उम्र 70 वर्ष था,,सोचो 70 वर्ष की उम्र में ये इंसान इतना हवसी था की अपनी भी बेटी नहीं छोड़ा,,ऐसा इंसान आपका आदर्श हो सकता है हमारा नहीं,,जाओ तुम भी पेरियार की कुकर्मो को अपनाओ कोई नही रोकेगा” beti khod Neela भेड़ियार ko beti or wife mein farak pata nahin wah bhi bhokta hai gajab 🤣
मैं तो सोच🤔 रहा हूं पेरियर की बेटी क्या मजबूरी रही होगी जो उसको अपने बूढ़े पिता से शादी करने के लिए विवश थी । लगाता है महान समाज सुधारक पेरियर ने अपनी बेटी का जरुरत से ज्यादा कल्याण कर दिया था😂😂पेरियार ने अपने ही बेटी से जो उससे 40 साल छोटी थी विवाह किया था,उस समय पेरियार की उम्र 70 वर्ष था,,सोचो 70 वर्ष की उम्र में ये इंसान इतना हवसी था की अपनी भी बेटी नहीं छोड़ा,,ऐसा इंसान आपका आदर्श हो सकता है हमारा नहीं,,जाओ तुम भी पेरियार की कुकर्मो को अपनाओ कोई नही रोकेगा” beti khod Neela भेड़ियार ko beti or wife mein farak pata nahin wah bhi bhokta hai gajab 🤣🤣
मैं तो सोच🤔 रहा हूं पेरियर की बेटी क्या मजबूरी रही होगी जो उसको अपने बूढ़े पिता से शादी करने के लिए विवश थी । लगाता है महान समाज सुधारक पेरियर ने अपनी बेटी का जरुरत से ज्यादा कल्याण कर दिया था😂😂पेरियार ने अपने ही बेटी से जो उससे 40 साल छोटी थी विवाह किया था,उस समय पेरियार की उम्र 70 वर्ष था,,सोचो 70 वर्ष की उम्र में ये इंसान इतना हवसी था की अपनी भी बेटी नहीं छोड़ा,,ऐसा इंसान आपका आदर्श हो सकता है हमारा नहीं,,जाओ तुम भी पेरियार की कुकर्मो को अपनाओ कोई नही रोकेगा” beti khod Neela भेड़ियार ko beti or wife mein farak pata nahin wah bhi bhokta hai gajab 🤣
*🇮🇳✝️🌷🌾💐🕯❤ कृषचिअनटी कोई जाति-धर्म नहीं बल्कि स्वर्गीय सौंदर्य और सुगंध है इसमें प्रेम, सत्य, विनम्रता, कोमलता, मानवता, पवित्रता, धर्मपरायणता, और सभी रूहानी उपहार शामिल हैं। आमीन🙏*
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु chuddhist 🔔🔔 👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु chuddhist pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo Neela 🐴 हगनवबौद्ध ab kshatriya rajput Gautam buddh ko Neela janeu pahna kar papaji banayga Neela 🐴 हगनवबौद्ध ko 1956 mein pata chala kshatriya rajput Gautam buddh Neela 🐴 ka didi ka boyfriend hai 🤣 🤣**हगनवबौद्ध neela 🐴 को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22
बौद्ध धर्म में जितने भी बुद्ध हुवे सब ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में हुवे है- आज कल कुछ लोग अज्ञानतावश बौद्ध धम्म को दलितों का हितैषी समझने की भूल कर रहे है और धर्म बदल रहे है इन लोगो के ये जानकारी होना जरुरी है की बुद्ध के अनुसार बोधिसत्व कभी शूद्र कुल में पैदा नहीं होते- महाबोधिवंश के अनुसार 28 बार बुद्ध का जन्म हुवा है ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में और भविष्य में बुद्ध फिर से मैत्रेय (ब्राह्मण) नाम से जन्म लेंगे-:- 1-Trsnamkara Buddha ---- क्षत्रिय 2-Medhamkara Buddha ---क्षत्रिय 3-saranamkara Buddha ..ब्राह्मण 4-Dīpamkara Buddha ----ब्राह्मण 5-Kaundinya Buddha ---- क्षत्रिय 6-Mamgala Buddha ----- ब्राह्मण 7-Sumanas Buddha ------ क्षत्रिय 8-Raivata Buddha --------- ब्राह्मण 9-Sobhita Buddha ----------क्षत्रिय 10-Anomadassi Buddha--- ब्राह्मण 11-Padma Buddha-----------क्षत्रिय 12-Narada Buddha ----------क्षत्रिय 13-Padmottara Buddha---- क्षत्रिय 14-Sumedha Buddha -------क्षत्रिय 15-Sujata Buddha...............क्षत्रिय 16-Piyadassi Buddha ------ब्राह्मण 17-Atthadassi Buddha ----क्षत्रिय 18--Dhammadassi Buddha-क्षत्रिय 19-Siddhattha Buddha----- ब्राह्मण 20-Tisya Buddha --------- क्षत्रिय 21-Pusya Buddha -------- क्षत्रिय 22-Vipassi Buddha -------- क्षत्रिय 23-Sikhi Buddha ----------- क्षत्रिय 24-Visvabhu Buddha ----- क्षत्रिय 25-Krakucchanda Buddha-ब्राह्मण 26-Kanakamuni Buddha---ब्राह्मण 27-Kasyapa Buddha -------ब्राह्मण 28-Gautam Buddha -------क्षत्रिय 29-Maitreya Buddha ----- ब्राह्मण आप सोच रहे होंगे की बुद्ध केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय कुल में ही क्यों पैदा होते है इसका जवाब हमें बौध्य ग्रन्थ ललितविस्तार से मिलता है-- बोधिसत्व हीनकुलो में ,चांडाल कुलो में ,रथकार कुलो में ,निषाद कुलो में उत्पन्न नही होते है ,किन्तु दो ही कुलो ब्राह्मण कुल और क्षत्रिय कुलो में ही होते है ,जब लोक में ब्राह्मणो का वर्चस्व हो तब ब्राहमण कुल में और जब क्षत्रियों का वर्चस्व हो तब क्षत्रियो कुल में उत्पन्न होते है | ” - ललितविस्तार ३/२६ (पृष्ठ ६०-६१ ) 👇 वैश्य ,शूद्र , इनका स्त्री kinnar क्यों नहीं बन सकते बुद्ध और बोधिसत्व बौद्ध धम्म गुरु लामा नहीं तो प्रूफ करो पाखंडी नवबुद्धु chuddhist 🔔🔔 👈 ka baudh dhamm pakhandi नवबुद्धु chuddhist pakhandi ka hai 🤣 agar proof nahin kar saka to yah 28 barahaman kshatriya ko ko Jijaji bulaya karo Neela 🐴 हगनवबौद्ध ab kshatriya rajput Gautam buddh ko Neela janeu pahna kar papaji banayga Neela 🐴 हगनवबौद्ध ko 1956 mein pata chala kshatriya rajput Gautam buddh Neela 🐴 ka didi ka boyfriend hai 🤣 🤣**हगनवबौद्ध neela 🐴 को ज्ञान की कमी है इसीलिए 28 barahman Kshatriya buddh ka 💩 💩 हगा हुआ जरूर खाएं**👇 सर्प काटने और विष खाने पर, पाखाना पिलाने की अनुमति देता हूं । - गौतम बुद्ध त्रिपिटक-विनयपिटक-महावग्ग - 3/6/7 पृ० 22
@@vk-vd6te toh aaj ke Brahmin Bodh kyon nahi ban rahe hai agar Brahmin ke Ghar main Buddha paida huwe hain. Aisa sirf book main Nazar ata hai par real life main aisa Nazar nahi ata ki koi Brahmin ya Kshatriya Bodh dharm apna le .
@@XyzAbc-sm7eh vampanthi Tohar khandaan mein aaj tak koi buddh ya baudh dhamm ka Guru Lama nahin bana aur nahin ban Sakta hai 🤣🤣🤣 gautam buddh kshatriya rajput hai to vampanthi mai khudwane aata hai
Sun ne walo me mostly senior citizens ya badi age group ke log hai..isme badlaav laane ki Zarurat hai. Humhe apne teenagers or Jawan logo ko is Andolan se dhamm ki or lana hai .. Jai Bhim Namo Buddhay.