Very True Sir. Those days were the Golden days of our country. Kalaam Sir and Vajpayi ji ke jaise desh ko koi aur nahi mil sakte. I will also include in the list of honest politicians” Manmohan Singh Ji” as well.
लेकिन हम अटल बिहारी वाजपेई के कुछ निर्णय के सख्त खिलाफ में जो उन्होंने भेदभाव वाले निर्णय लिए सरकारी कर्मचारियों की पेंशन खत्म कर दी और नेताओं की पेंशन चालू रखी और दूसरी बात सबसे अहम बात कलाम साहब का मुकाबला किसी मंत्री आ गया नेट से नहीं कर सकते वह महान पुरुष है और नेताओं महापुरुष में अंतर होता है
अरे साहब,आपकी बाते बिल्कुल सत्य है लेकिन आपको कॉमेंट करने से पहले थोड़ी बहुत पढ़ाई भी करनी चाहिए थी जब ये कॉमेंट करना था क्योंकि ये कोई देशहित में छोटी मोटी बाते नहीं थी इसके लिए लोकसभा में बहस चली थी जब ये लोगों की सहमति से पास हुआ था और राज्यसभा में भी एनडीए सरकार की कोई ज्यादा सीट नहीं थी फिर भी राज्यसभा से भी पास हुआ क्योंकि देश में बेरोजगारी बहुत ज्यादा थी जब ये act पारित हुई थी। और जहां तक बात रही नेताओं की भेदभाव वाली अगर नेताओं की भी पेंशन बंद की जाती तो फिर ये विधेयक पारित नही होता क्युकी नेताजी लोगों के कैरियर का सवाल था उनकी भी पेंशन बंद हो जाती सो बहुमत नहीं देते इनलोग😅,,,, जब ये पेंशन बंद हुए थे भाई।और अटल बिहारी बाजपेई जी को गलत कहना मुर्ख के समान हैं भाई क्योंकी बहुत महान नेता और पूर्व प्रधानमंत्री चंदशेखर जी एवम् पीवी नरसिम्हा राव जी अटल जी को राजनीति के गुरु मानते थे ये कोई आम बात नहीं हैं विपक्ष के नेता के साथ ऐसा व्यवहार करना और तो और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी तो भीष्म पितामह कहे थे,पंडित जवाहरलाल नेहरु जी भी एक बार उनको परशंसा किए थे इतना बुद्धिमान बायक्ति थे अटल जी और भी बहुत सारी बाते हैं अटल जी के बारे में कहना इतना आसान नही है,इसलिए आप पढ़े लिखे होकर के ऐसी टिप्पणी करना कुछ विचारने योग्य हैं आपको थोड़ी आत्म बिस्लेसन करनी चाहिए जब कॉमेंट करते तो अच्छा लगता।