Paramdham Darshan Parivar :- Contact No.6353299594 हम तुम एक वतन के, अपनी रूह नहीं दोए।। हम सब सखियां धाम से साथ में आई थी और साथ में ही जाना है। धनी हम पर मेहर कर के धाम के सुख देते हैं । उनकी मेहर हम पर सदैव बनी रहे ऐसे कार्य करें। साथ में मीठा बोले,सुंदर साथ के प्रति सदैव सेवा का भाव हृदय में रहे , वाणी मंथन व चितवन में प्रतिदिन बैठे। यही कुछ गुण हैं जो धनी को प्रिय है। अगरआपको कुछ भी वाणी, बीतक,चर्चनी व चितवनी संबंधित पूछना हो तो निसंकोच हमें संपर्क( Whatsapp )करें. हमें अति प्रसन्नता होगी Contact No.6353299594
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प्रणाम जी, मेरो नाम प्रजापती गौतम हो र माफ गर्नु होला तर म जस्तो कामै नलाग्ने निकम्मा भातमारा कोइ अरु छैन यहाँ कतै किन की : १. जता गए पनि मेरो काम निजानन्दीहरुलाई होच्याउने, धम्क्याउने अनि चिढ्याउने मात्रै हो र यो सबै मेरो धन्दागीरी हो | २. अरुको बर्चस्व कधापी नबढोस र केवल मेरो व्यक्तिगत र श्री कृष्ण प्रणामी सेवा समितिको मात्रै जगजगी कायम होस्, यो नै मेरो असीम चाहना हो | ३. सत्यसँग मेरो कुनै सम्बन्ध छैन, बेकारको बाद विवाद खडा गरी आफ्नो र अरु सबैको समय बर्बाद गरी हिड्नु मेरो धेरै अघि देखिको अटूट बानी हो | ४. आफ्नो सम्पूर्ण उर्जा वास्तविक महापुरुषहरुको खेदो खन्नमै लगाउनु पर्छ भन्ने सोच विचारधारा भएको प्रखर स्वघोषित विद्वान हुँ | ५. केवल आफ्नो गुण अङ्ग अनि इन्द्रियको भक्ति गर्ने एक अहंकारी पुजारी हुँ म र मलाई मेरो कामबासना र संसारी इच्छाहरु सँग मात्रै सम्बन्ध छ | ६. राम रतन दास, जगदीश चन्द्र आहुजा र राजनका चेलाहरु सबै मेरो सौतिनी भाइ बहिनीहरु हुन र तिनीहरलाइ घृणा गरी, द्वेषको डढेलो फैलाउनुनै मेरो वास्तविक धर्म अनि कर्तब्य रुपी आहार हो | ७. प्रतिभारुपी कोपिला च्याट्ट चुढ़याउनुनै मेरो सौन्दर्य हो र मलाई आफू भन्दा अघि कोइ उर्भर प्रतिभा बढेको सह्य हुदैन | ८. वास्तविक तर्क राख्ने सज्जनहरु सँग मलाई डर लाग्छ | ९. टाउकै फुटाएपनि श्री प्राणनाथजीलाई श्री कृष्णजी भन्दा तल्लो दर्जाको राख्नु अनि देखाउनुनै मेरो जीत हो | १०. शास्त्रको नाममा गोरखधन्दा गरी गोबिन्द भेडाझैँ सपनाको महलहरु खडा गर्नुनै मेरो आनन्दको श्रोत हो | ११. आफ्नो चेलाहरुले मलाई मात्रै मानी राखून, म बाहेक अन्यत्र कतै नजाउन् र अरु कसैको सेवामा नलागून चाहे त्यो स्वयं श्री प्राणनाथजी नै किन नहोस किनकी शिष्यहरुको मोह गर्नु सार्है प्यारो लाग्छ मलाई र उनीहरुको मान सम्मान बिना म एक पल पनि बाच्न सक्दिन | १२. कुनै प्रवाहीले स्वयं १०८ आचार्य महाराज श्री बाट तारतम लिएको देख्दा बडो आदर लाग्छ तर कुनै कृष्ण प्रणामीले झुक्केर पनि अहूजा पन्थ पट्टि लागेको सुन्दा पनि सहन नै गर्न सक्दिन म | १३. नीति-नियम भनेको सानालाई मात्र हो , मलाई चाहिं होइन किनकी मैले जे गरे पनि सर्वमान्य हुनु पर्छ | १४. अरु कसैलाई त त्रसित पार्न दोजख र नर्कको बहाना देखाउछु तर म स्वयंलाई न त दोजख को भय छ न त नर्कको नै किन भने अखिरमा मेरो कुकर्महरुको खाताको हिसाब भइ म बहिश्तमै जाने हो क्यार! अनि ठिक त्यसको विपरीत बाचुन्जेल अरुलाई भने परमधाम बेचेर सकेसम्म सुखसयलको जीविकोपार्जन गर्ने हो (यो भित्रि रहस्य अरु कसैलाई नभन्नु होला है!) | १५. पहिलो श्रेणीको कपटी र पाखण्डी (मुनाफिक) भन्दा पनि केहि फरक नपर्ला मलाई यहाँहरुले | १६. आफ्नो गुट बाहेक अरुबाट आउन सक्ने कुनै पनि आक्रामक प्रश्नहरुदेखी त बिशेष डर लाग्छ र त्यस्तो समयमा कुटनीतिक जवाफ दिन म माहिर छु | १७. मैले (हामीले) जे गरे पनि चल्छ र हाम्रो संगठनलाई कसैले केहि गर्न सक्दैन किनभने हामी झुण्ड बनाएर हिड्ने गर्छौ | १८. मेरो देखाउने दाँत एउटा छ भने वास्तविक दाँत अर्को छ र छल गरी भोला समाजलाई प्रहार हानेर घाइते बनाउनुमा नै मेरो बीरता लुकेको छ | १९. दुष्ट कलियुगे गुरु-चेलामा हुने समस्त गुण छ म (हामी) सँग | २०. मेरो (हाम्रो) नीति भनेको धार्मिक संस्थाको सक्रिय सदस्य-संख्या बढाउनु मात्र हो, तर गुणस्तर साधक निर्माणमा वा कायममा कुनै चासो राख्नु हैन |
Paramdham Darshan Parivar :- हम तुम एक वतन के, अपनी रूह नहीं दोए।। हम सब सखियां धाम से साथ में आई थी और साथ में ही जाना है। धनी हम पर मेहर कर के धाम के सुख देते हैं । उनकी मेहर हम पर सदैव बनी रहे ऐसे कार्य करें। साथ में मीठा बोले,सुंदर साथ के प्रति सदैव सेवा का भाव हृदय में रहे , वाणी मंथन व चितवन में प्रतिदिन बैठे। यही कुछ गुण हैं जो धनी को प्रिय है। अगरआपको कुछ भी वाणी, बीतक,चर्चनी व चितवनी संबंधित पूछना हो तो निसंकोच हमें संपर्क( Whatsapp )करें. हमें अति प्रसन्नता होगी No.6353299594
Sach kaha aapne sakhi ek believe hi jo hame piya se mila sakta hai agar hame atoot biswas hai to dhani hamse door nahi hamre samne hi beithe hai Aapke shri charnon mein koti koti prem pranam ji❤ 🙏🏾🙏🏾
Paramdham Darshan Parivar :- हम तुम एक वतन के, अपनी रूह नहीं दोए।। हम सब सखियां धाम से साथ में आई थी और साथ में ही जाना है। धनी हम पर मेहर कर के धाम के सुख देते हैं । उनकी मेहर हम पर सदैव बनी रहे ऐसे कार्य करें। साथ में मीठा बोले,सुंदर साथ के प्रति सदैव सेवा का भाव हृदय में रहे , वाणी मंथन व चितवन में प्रतिदिन बैठे। यही कुछ गुण हैं जो धनी को प्रिय है। अगरआपको कुछ भी वाणी, बीतक,चर्चनी व चितवनी संबंधित पूछना हो तो निसंकोच हमें संपर्क( Whatsapp )करें. हमें अति प्रसन्नता होगी No.6353299594
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Aaj shubah se kuch n kuch mann bechen tha samjh bhi nahi aa rha tha kuch miss h Anand aa gaya satsang sun kr iswar har pal sath h bahut samjhata pr hum bache bahut nadan h🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹
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Prem pranam ji aap Ke shree charno me koti koti prem pranam ji 🙏🙏👌👌🌹🌹🙏👌👌🌹🙏👌👌🌹🙏 jay Shree Raj syama ji 🙏 raj ki piyare sakhe hmari chitvan kyo lahti hme kyo nhi dikhte h
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Guru ji Prem pranam jitna momino ko mara tha utna nahin lekin pitaai jarur kar rahi hai Guru ji Maya Prem pranam Guru Ji bahut pyari badi Sundar bahut acchi video hai kash ki aapke bataye nakshe kadam per main chal paaun aur dhani Ji se mil paaun
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Raj ji maharaj apni shakhiyo ko kabhi dukh nahideskte he fire itna kast kyo dete he paramdham ji ka darshan dene me ap se me kehti hu ki ap batay parnam ji
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Pranam sundar saath ji 🙏 🙏 jab tak man sansar ke sukh or dukh me lga rhega tab Tak chitvan nhi lagegi Dil se sab ko nikal kar ek dhani ko Dil me bithane se hi dhani ji or dham dikhenge pranam ji