Aap satvik bhojan khana suru kar dijiye... Wait kam Ho jayega..... Within 3 month..... Daily activities same kar dijiye....... Earning kar hi rhe Ho.. Kafi h satisfaction rakhiye
आज वीडियो मुझे अत्याधिक रूचिकर लगी. काश बचपन मे आप जैसा गुरु मिला होता 😍😍 कोशिका, विभाजन, 60 टर्न, tilomer.... इत्यादि. Ye सब क्यों है?? इनका काम क्या है? ये सब आज पता चला. बचपन मे ये सब पढाई तो गयी लेकिन रट्टामार पढाई गयी. विद्यार्थि ना तो कमजोर होते है और ना ही brilliant होते है. उन्हें बस समझने की आवश्यकता होती है जिसे केवल कोई आप जैसा शानदार शिक्षक की samjha सकता है.
@@anengineer152 aachi baat koi nahi sunta jab ramayan mahabharat me itne chamatkar hue hain uspe tumhe sanp sungh jata hai kya ,science bhi vahi se ayi hai or puri duniya me gayi ye sab faltu baten hai tum log dogle ho
सर जी आपका वीडियो देखते देखते अब हमें भी लगने लगा है कि हम लोग भी ज्ञान देने वाला गुरु अगर अच्छा ज्ञान देता है तो कोई भी मनुष्य ज्ञान को accept कर लेगा ❤❤
संसार की भलाई के लिए ऐसे कर्म करो जो भविष्य में संसार अच्छे बदलाव हों. ये ही तों इंसान का असली अमर होने का वरदान है. अपने शुभ विचारों के माध्यम से संसार को अच्छे विचार धारण करवाना और विचारों के माध्यम और कर्मो के माध्यम को भी कर्म योग काहा जाता है. बिना विचारों के कोई ऐसा इंसान नहीं जो कर्म कर सके. सारा रेहेश्य मस्तिसक ही है
आपने मरने जीने के बारे मे साइटिफिक तरीके से समझाया उन वैज्ञानिक जिन्होने इस रहस्य पर रिचर्स की उन्हे प्रणाम करते है आपका भी आभार प्रकट करते है जो आपने उस रहस्य को हमे सरल शब्दो मे समझाया
यही प्रकृति है अगर अमर हो गए तो खड़े रहने की जगह भी नहीं बचेगी, यही वास्तविकता है हवा पानी और आग चांद तारे सूरज और प्राकृतिक चीजे अमर है जब इंसान का कोई वजूद ही नहीं फिर भी खुद को सबसे बड़ा समझता है जात पात और धर्म मजहब का क्या वजूद , समय के साथ सब बदलते है और मानवता समय के साथ गहरे अंधकार की ओर जा रही है इसका कोई अंत नहीं...🙂↕️
सर एक बार ops, nps और ups के मुद्दे पर भी डिटेल्स वीडियो बनाए क्योकि अभी तक जितने भी वीडियो देखे हैं क्लियर नही हो पाया है आपके वीडियो देखने के बाद ही पूरी बाते समझ में आयेगी
मृत्यु भी वरदान है विश्राम है अन्यथा लोग इसके लिए भीख मांगते। जन्म के समय जैसा ही अज्ञात के प्रति भय ही डर का कारण है। जीवन एक लय है जिसके लिए उत्थान और पतन दोनों का होना आवश्यक है।
Pranam Gurudev ❤ Ur student from Ranchi, Jharkhand age 20 UPSC ki preparation nai karta par pichle 2 Saalo se apka har video dekh raha hu adbhut gyan mila hai
सर यह वीडियो मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण था और यह विषय मेरे जीवन में सबसे ज्यादा महत्व भी रखता है। क्योंकि मुझे ऐसा लगता है कि जब तक हम जीवित रहते हैं तब तक ही हमारी इस दुनिया की गई मेहनत हमारे काम की रहती हैं। इसलिए हमारी की गई मेहनत को काम में लेने के लिए हमारा जीवित रहना जरूरी है। और यह तभी संभव है जब इस दुनिया में मौजूद कम से कम 5% लोग सिर्फ इन्सान को लम्बे समय तक जीवित रखने के लिए खोज करे।
देखिये जिनको भी यह बात फालतु लगती हैं उनकों एक बात हमेशा याद रखनी चाहिए की इन्सान के लिए कुछ भी असंभव नहीं हैं। हां यह बात सही है कि इंसान के लिए हमेशा के लिए अमर होना तो असंभव है।
Ram name satya hai manta hu ram name satya hai. Agar ram name satya hai to kisi ke janamdeen ya shadi me bolo ram name satya hai. Tumhara ram name satya hai nahi kar deeta to kahna. Aur ab bhi bolo ram name satya hai. Ye tumhara apana najriya hai
धर्मपाल सिंह गुर्जर गुढ़ा जो की एक मेराथन धावक है उत्तरप्रदेश के निवासी हैं जिनका जन्म 1897 मे हुआ जो अभी जीवित है 127 साल उम्र । 114 साल उम्र में विदेश में मेराथन जीतकर स्वर्ण पदक प्राप्त किया
गुरुजी, आपने बोला Hayflick के अनुसार कोई भी व्यक्ति 125 साल से अधिक जीवित नहीं रह सकता पर भारत के "शिवानंद बाबा, पद्मश्री" जोकि बनारस/कोलकाता में रहते हैं, उनके अनुसार वो तो 128 साल के हैं और अभी जीवित हैं...🤔
Ha apne sahi kaha israel ne ek pure oxigen centar banaya tha jisme usne senior citizens ko 3 month pure oxigen di thi uske baad result ye aya ki unke cells apne adge se yong ho gaye hai aur unke kaafi saare organ jaise lungs , liver brain bhi kaafi strong and healthy ho gaya tha aur bhi bahot kuch tha but mujhe yaad nahi aa Raha
अगर दुनिया में मूर्ख ना हो तो ज्ञानी की कदर नहींहोती मृत्यु और जीवन यह प्राकृतिक का नियम है और प्राकृतिक के नियम को कोई नहीं बदल सकता मनुष्य हो या जीव जंतु हर जानदार चीज के लिए मौत है।
सर जी मेरी दादी का जन्म 1912 का हैं और आज भी जीवित हैं और खुद का कटकर्म (*दैनिक कार्य) कर लेती हैं और भगवान ने चाहा तो 125 वर्ष का भी रिकॉर्ड तोड़ देगी ❤❤ सर जी खानपान का बहुत ही ज्यादा फर्क पड़ता हैं
Mere bhi dadaji ke chacha mere pardada aabhi 90 saal ke hai chasma lagane ki jarurat nhi padti, chal phir lete Hain bina lathi ke koi bimari nhi hai abhi Tak😊😊
@@neerajsaini1889देसी खानपान जो आज nhi हैं यूरिया खा रहे हैं सब, आज भी देखता हु गांव के बूढ़े लोगो की डाइट है जो आज अपनी भी नहीं हैं देसी खाना देसी रहना*** (म्हारो प्यारो राजस्थान)
ये विज्ञान हैं भईया कभी न कभी अमर बना कर ही दम लेगा. ये जैविक क्रियाये हैं जिनको समझने केबाद इसको परिवर्तन भी किया जी सकता हैं. संभावनाएं अनंत हैं. विज्ञान की कोई सीमा नहीं.
एक संत थे देवरहा बाबा जो 500 वर्ष जिंदा रहे ये बात इंटरनेट पर उपलब्ध हैं इनके बारे में आपने राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद जी ने भी बताया है कृपया देखकर बताए
इंसान अमर नहीं होता, आत्मा अमर होती है। इंसान जो बुरे काम करता है उसे इंसानी जीवन में ही उसका फल मिलता है। अगर आपने काम, क्रोध, मोह, हंकार पर काबू पा लिया तब आप भगवान का रूप हो जाते हैं। भगवान अमर होते हैं। आपका शरीर मर जाएगा लेकिन आपकी आत्मा अमर हो जाएगी। आप जीवन और मरण के चक्र से मुक्त हो जाएँगे। यह तब संभव होगा जब आप धर्म के नक्शे कदम पर चलते हैं। धर्म कोई भी हो कोई फर्क नहीं पड़ता।
Sahi kaha bhai ye sab rishi muniyon ne hazaro saal phele hi khoj liya tha or khoj kya liya tha banaya hi unhone bus ye vedeshi log isse साइंस के नाम par chutia bana rahe hain.
@@AmitKumar-pg4hs serial or picture me dikhate hain or bachpan se sunta aya hun ki atma hoti or mukt na hone par bhoot ban jati jo bageshwar dham vale baba bhi bolte hain
Mere gurudev batate hai ki devta bhi manushya janm ke liye taraste hai kyuki moksh manushya janm me hi sambhaw hai swarg bhi amar lok nahi hai weh ek restaurent ki tarah hai jinki bhakti kamai adhik hoti hai punya jada hote hai weh swarg jaate hai hazaro lakho saal jeete hai waha devta raza aur bahut se pad dete hai aur jaise hi punya khatam patak dete hai dharti lok me kisi bhi yoni me to amar koi bhi nahi hai sirf parmatma ke alawa baki sab naswan hai amar hone ke liye tatvadarshi sant ki sharan khojo unki pehchan Geeta ji me bata rakhi hai ki jo sant sansar Roopi Ulte Latke ped ke sabhi bhag bata dega ki patte daar tane jad koun hai iska rahasya bata denge weh tatvadarshi sant honge unki batai gai bhakti marg par chalne se manushya jab antim samay aata hai to uska moksh ho jata hai yani ki 84 lakh yoniyon se chutkara mil jata hai atma amar lok pahuch jaati hai jaha use 24 siddhiya prapt hoti hai jo kisi bhi devi devta ya bhagwan ke pass nahi hai
गुरुजी आपके चैनल पर कम से कम 100 मिलियन सब्सक्राइबर्स होने चाहिए ।। आपका बोलना लगता है की लेक्चर के टेलोमर्स का अंत ना हो, बस चलता रहे ।। श्रद्धा कपूर के 90 मिलियन हैं कौन मूर्ख हैं जो गलत औरतों को सब्सक्राइब करते है।।
इंसान की आयु 100000 बर्ष थी। (सतयुग में) फिर एक जीरो कम हो गई तब 10000 बर्ष (त्रेतायुग में) फिर एक जीरो कम हो गई तब 1000 बर्ष (द्वापरतुग में) फिर एक जीरो कम हो गई तब 100 बर्ष (कलयुग में) और कलयुग के अंत तक इंसान की आयु में एक जीरो और कम हो जाएगी। मतलब इंसान की आयु 10 बर्ष की रह जाएगी। और यह सच है...
Sahi kaha bhai or vedishi log science ke naaam par humara chutia bana raha hai isliye ab bharat ko adhyatam ki or bhadna chaiye or ye vedishi padai chod deni chaiye english etc sabko sanskrit padhni chaiye or bhajan me magan raho bus umar to lambi ho hi jayegi
Death of cells is due to lack of enzyme "Telomerase" which forms guanine rich nucleotide. As we getting old telomerase enzyme decreases and at the end cell suicide itself due to shortning of telomere. Basically we can call cell suicide itself due to shortning of chromosomes. This will teach you under PhD on microbiology. Neet aspirants should know this because I'm. Thank you Ankit sir for covering every topics of defferent syllabus, I'm neet aspirant and finally I found a worthy channel on RU-vid.
माफी चाहूंगा आत्मा के देह त्यागते ही शरीर का अंत हो जाता है ये अवधारणा कब की समाप्त हो चुकी है मेडिकल साइंस इसका खंडन कर चुका है उदाहरण को सहजता से लीजिएगा अनुचित टिपणी नही करूंगा कोई सब साक्ष्य के आधार पर निम्न है प्रतिदिन करोड़ो लोग रक्त दान कर रहे है शरीर से निकलने के बाद कई महीनो पैकेट में पड़ा रहता है फिर जा कर किसी शरीर में अगला सफर तय करता है किडनी का मरने के बाद या जीवित वायक्ति के शरीर से निकालने के बाद अन्य शरीर में प्रत्यारोपण कर दिया जाता है यह प्रक्रिया कुछ घंटों की है हार्ट ट्रांसप्लांट भी इसका उदाहरण है भविष्य में ब्रेन ट्रांसप्लांट की तैयारी है जिसको सभी कहते है कि ये नही हो पाएगा 100 साल पहले चांद पर इंसानी कदम का पड़ना मूर्खतापूर्ण विचार था मगर आज ये सत्य है बाकी आप समझ ही गए होंगे कि शरीर कई अंग आत्मा से आजाद हो कर भी जीवित रहते है और अनुकूल परस्थितियों मिलने पर अन्य शरीर की आत्मा के संपर्क में भी कार्य करते है उमीद करूंगा की कोई अनुचित टिप्पणी प्राप्त ना हो धन्यवाद सर
भाई आध्यात्मिक जो राह है वह साइंस से होकर नहीं निकलती है। भगवान ने बनाया इंसान को सारी सृष्टि को और 21 ब्रह्मांड में सभी अविनाशी है यानी जन्म मृत्यु के चक्र में है अमर होना है तो उसके लिए संत रामपाल जी महाराज का एक बार सृष्टि रचना सत्संग जरूर सुन ले आपको अमर होने का रास्ता दिख जाना है वह लोग जहां पर सभी लोग अमर हैं तथा मृत्यु नहीं होती है उसका नाम है सतलोक। वहां जाने के बाद अमर हो जाते हैं मोक्ष मिल जाता है इस जन्म मृत्यु के चक्र से बाहर निकल जाते हैं। भक्ति मार्ग, साइंस से बिल्कुल अलग है भगवान ने बनाया है साइंस को, इस साइंस से ऊपर स्पिरिचुअल रहा शुरू होती है। इसलिए ज्ञान गंगा पुस्तक पढ़े। जो सभी वेद और शास्त्रों से प्रमाणित ज्ञान है।