कुछ युवाओं के संदेश के क्रम में पहुंचा अमिताभ बच्चन के पैतृक गांव बाबू पट्टी।
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जनपद में विकासखंड गौरा, तहसील रानीगंज का बाबू पट्टी गांव अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, अभिषेक एवं ऐश्वर्या राय का इंतजार पलक पांवडे बिछा कर कर रहा है।
अमिताभ के पिता डॉ हरिवंश राय बच्चन यहीं पैदा हुए थे बाद में वे इलाहाबाद चले गए।
अन्य गांवों की तरह ही अमिताभ का गांव है। जाने के लिए सामान्य सी सड़क और जिस जगह डॉक्टर हरिवंश राय बच्चन का मकान था वहां केवल मिट्टी का ढूहा आपको देखने के लिए मिलेगा।
पद्म पुरस्कारों के अलावा दर्जनों देश-विदेश के अलंकरण से विभूषित डॉ हरिवंश राय बच्चन के समय का एक पुराना कुआं जिसका जीर्णोद्धार बाद में कराया गया था, किंतु वह आधे से अधिक पट चुका है।
वहां शीतला मां का एक छोटा सा मंदिर भी है जहां उनके खानदान के लोग पूजा पाठ करते थे।
उस मंदिर के पास नीम का एक पुराना पेड़ भी है जिसे कोई बताने वाला आज नहीं बचा है।
कौन बनेगा करोड़पति में जब प्रतापगढ़ की एक लड़की ने प्रतिभाग किया और उसके परिजन ने अमिताभ से उनके गांव जाने का अनुरोध किया था तो उनका कहना था कि, इस बारे में हम अभिषेक, ऐश्वर्या और जया आपस में बात कर रहे थे कि शीघ्र ही हम गांव में जाएंगे और वहां के लिए कुछ करेंगे; किंतु यह कहे हुए भी काफी दिन बीत गया।
गांव के लोगों ने उस समय भी पूजा पाठ किया था जब कुली फिल्म के दौरान वे घायल हुए थे।
2020 में सदी के महानायक को कोरोना होने के बाद भी यहां के लोगों ने पूजा पाठ किया था।
जब अमर सिंह के साथ जया बच्चन अपने ससुराल बाबू पट्टी पहुंची थी तो गांव की महिलाओं ने जया की आरती उतारा था।
अपने ससुराल में स्वागत से अभिभूत जया ने कहा था कि मैं शीघ्र ही अमित, अभिषेक और ऐश्वर्या के साथ गांव में आऊंगी।
बच्चियों के लिए डिग्री कालेज और अन्य विकास के कार्यक्रम यहां संपादित किए जाएंगे, किंतु अफसोस। तत्कालीन सांसद सी एन सिंह ने 17 फरवरी 2004 को एक पुस्तकालय का शिलान्यास किया था 22 लाख की लागत से।
इस पुस्तकालय का लोकार्पण 5 मार्च 2006 को जया बच्चन ने किया था।
पुस्तकालय भी अब धीरे-धीरे जीर्ण शीर्ण अवस्था में पहुंच रहा है।
नाम पुस्तकालय का है किंतु एक भी पुस्तक वहां देखने के लिए नहीं मिलेगी।
सुनील यादव ने वहां गुमटी में चाय पान की दुकान खोल रखा है जिनके पास चाभी रहती है।
सुबह वे पुस्तकालय का ताला खोल देते हैं शाम को बंद कर चाबी अपने साथ ले जाते हैं।
गांव के प्रधान पति के अलावा वहां के जागरूक युवा ऋषभ द्विवेदी इत्यादि ने अमिताभ को अपने गृह ग्राम आने का अनुरोध ज्ञापित किया।
ऋषभ हर महीने अमिताभ बच्चन को ट्वीट करते हैं गांव आने के लिए।
ग्राम और क्षेत्र वासियों के अनुरोध के साथ मैं भी अपना निवेदन बच्चन परिवार तक इस वीडियो के माध्यम से संप्रेषित करना चाहता हूं कि उन्हें गांव जरूर आना चाहिए;
कल किसने देखा है।
पूर्वजों की माटी पर उन्हें जरूर आना चाहिए अन्यथा प्रकृति उन्हें माफ नहीं करेगी।
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।
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11 фев 2021