है शौक यही अरमान यही,
हम कुछ करके दिखलायेंगे
मरने वाली दुनिया में हम,
अमरों में नाम लिखायेंगे |
जो लोग गरीब भिखारी हैं,
जिन पर न किसी की छाया है
हम उनको गले लगायेंगे
हम उनको सुखी बनायेंगे
जो लोग हारकर बैठे हैं,
उम्मीद मार कर बैठे हैं
हम उनके बुझे दिमागों में
फिर से उत्त्साह जगाएंगे
जो लोग अँधेरे घर में हैं,
अपनी ही नहीं नज़र में हैं
हम उनके कोने कोने में
उद्द्यम का दीप जलाएंगे |
रामनरेश त्रिपाठी
14 авг 2020