मैं जैन नहीं हूँ परंतु जैन धर्म और जैन संस्कार , सादगी बहुत उच्च है जो मन मे घर कर जाती हैं . मेरी भगवान श्री जी के चरणो मे प्रर्थना की जैन धर्म सदा बढ़ता फूलता रहे l 🙏🏻🙏🏻
DIGAMBAR and SHETAMBAR MUST UNITED HO JAO, ALL JAIN'S MUST UNITED HO JAO, Our Populations is Just 00.03% and Continues Decreasing , Please SAVE JAINISM
हम 'ही' सब कुछ है यूं कहता है 'ही' सदा, तुम तो तुच्छ कुछ नहीं, और 'भी' का कहना है हम भी हैं तुम भी हो सब कुछ, प्रभु से प्रार्थना है, 'ही' से हीन हो जगत यह अभी हो या कभी भी हो, 'भी' से भेंट सभी की हो. यह शब्द दिगम्बर जैनाचार्य श्री विद्यासागर जी के जीवन पर बनी Documentry मे है, यह Documentary RU-vid पर free available है "VIDYODAY" नाम से सभी जैन बंधु को एक बार जरूर देखना चाहिए जैन धर्म का सूक्ष्म ज्ञान भी मिलेगा इसमें उनके जीवन से 😊 जय जिनेन्द्र, जय श्री अंतरिक्ष पारसनाथ भगवान 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Please make video on Lumpy Virus it is killing cattle like anything in Kutch& Saurashtra..and the medicines that are being given are also new and not improving the health condition of cows....
Jai jinendra अगर यह प्रतिमा गोबर से बनी है तो यह चमत्कारी प्रतिमा कुएँ में कैसे रही इतने साल?? और आप कहते हैं कि यह प्रतिमा रावण के रिश्तेदार ने बनाई थी तो उस वक्त तक तो पार्शवनाथ भगवान इस धरा पर आए ही नही थे । कृपया करके मेरी शंका का समाधान करें । धन्यवाद । जय जिनेंद्रर जय अंतरिक्ष पार्शवनाथ ।
भगवान कल्कि का अभी अवतार नहीं हुआ है।फिर भी उनकी कथायें धर्मग्रंथों में हैं।और भगवान कल्कि के कई मंदिर भी बन गये हैं ।तथा वहाँ भगवान कल्कि की पूजा भी होती रहती है। ठीक उसी प्रकार रावण के समय में जैन धर्मग्रंथों में भगवान पार्श्वनाथ का भी नाम रहा होगा।और इसीलिये उस समय उनकी प्रतिमा भी बना दी गयी होगी।क्योंकि ऐंसे धर्मग्रंथों की रचना करनेवाले मुनि लोग त्रिकालदर्शी होते हैं।उनसे भूत भविष्य वर्तमान का कुछ भी नहीं छुपा रहता है। 🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽
प्रणाम, सबसे पहले आपको श्री अंतरीक्ष पार्श्वनाथ भगवान की पूरी कथा जाननी होगी इस Playlist के ज़रिये आप उनकी पूरी कथा जान सकते हैं : ru-vid.com/video/%D0%B2%D0%B8%D0%B4%D0%B5%D0%BE-t5hjTe5KA6E.html प्रतिमा जी भले किसी भी पदार्थ से बनी हो लेकिन यह प्रतिमा जी को विद्या द्वारा निर्माण किया गया था, इसलिए सिर्फ गोबर नहीं बल्कि विद्या शक्ति भी इसमें शामिल है, कुछ परमात्मा की प्रतिमाएं विशिष्ट समय में विशिष्ट व्यक्तियों द्वारा निर्मित की जाती है जो युगों युगों तक विद्यमान रहती है, उदाहरण के लिए गिरनार में बिराजमान श्री नेमिनाथ भगवान, शंखेश्वर के पार्श्वनाथ भगवान ! जिस समय पार्श्वनाथ भगवान नहीं थे उस समय उनकी प्रतिमा जी का निर्माण कैसे हो सकता है ? आज भी भीनमाल नगर में 72 जिनालय अपनी भव्यता लिए खड़ा है, यह जिनालय में आनेवाली चौबीसी अर्थात् आनेवाले अगले 24 तीर्थंकर परमात्मा भी बिराजमान है, कई लोग उनकी पूजा करते हैं, भक्ति करते हैं ! अगली चौबीसी तो अभी हुई नहीं फिर उनको कैसे पूजा जा रहा है ? तो इसका उत्तर यह है कि शास्त्रों में अगली चौबीसी का वर्णन आता है, अर्थात् ऐसा ज़रूरी नहीं है कि जो तीर्थंकर परमात्मा अभी जन्मे भी नहीं है उनका उल्लेख न हो ! गिरनार के नेमिनाथ भगवान पिछली चौबीसी के है.. उनकी कथा आप यदि जानेंगे तो इस शंका का समाधान आराम से हो जाएगा
sabhi teerthankar parigrah ke poorn tyagi hote h to wo kapde na utare ye kaise ho sakta h sabhi teerthankar digamber the to mool parampra ka virodh swetambario dwara kyu ?
Taale khul rahe hai kya iski khushi manane ke bajaay kya abhi bhi hume digambar shwetambar hi karna hai? Parmatma har jeev ke hai. Antariksh Parshwanath dada ki jay. 🙏🙏
Ye pratima parmatma ki hai aur parmatma hum sabke hai. Unhone kabhi koi bhedbhav nahi kiya toh hum kyon kar rahe hai. Please ab to ye digambar shwetambar chodo. JAIN BANO JAIN.
श्वेतांबर हो या दिगम्बर जैन धर्म की प्रभावना हो और लोग धर्म का अधिक से अधिक पालन करके मोक्ष मार्ग की ओर आगे बढ़े यही लक्ष्य होना चाहिए।यदि श्वेतांबर और दिगंबर जैन धर्म में तुलना करनी हो तो कौनसा फिरका जैन धर्म के नियमो का ज्यादा पालन करता है और जैन धर्म की प्रभावना और जयजयकार जैनों में और अन्य धर्म के लोगों में अधिक करता है,इन मुद्दों पर बहस होनी चाहिए।
मेहुल भाई भगवान पार्श्वनाथ कहो। पार्श्वनाथ दादा कहकर भगवान का अपमान मत करो। क्यो जैनागम मे पार्श्वनाथ दादा यह नाम कही उल्लेख नही भगवान पार्श्वनाथ का उल्लेख है एक तो आपको को जैन धर्म के मुलतत्व ज्ञान का पता नही और बाते ज्ञान की कर रहे है। वितरागी भगवान को रागी बनाकर तुम लोग पाप के बंध बंधे जा रहे है।