जी बिलकुल एक शंख हो सकता है, पर ज्यादातर अभिषेक के लिए दक्षिणावर्ती और बजाने के लिए वामवर्ती शंख का उपयोग किया जाता है । पर अगर बजाने वाले वामवर्ती से भी अभिषेक किया जाए तो कोई दोष नही है । शंख के धोने की विधि अवश्य जान लें।
जी इसपर टिप्पणी करना तो मुश्किल होगा, क्योंकि हाल ही में पंडित जी ने हमारे पड़ोस में शंख से शिवलिंग का अभिषेक करवाया है । हां हिंदू ग्रंथो में समय के साथ इतना फेर बदल किया गया है, कि निष्कर्ष पर पहुंचना मुश्किल हो जाता है । प्रसिद्ध धारावाहिक रामायण में भी पूजनीय श्री रामानंद सागर ने प्रभु श्री राम को शिवलिंग का अभिषेक शंख से ही करते हुए दिखाया है , इसलिए आपके विचारो का हम सम्मान कर सकते हैं, पर उसपर अमल करना थोड़ा कठिन होगा ।
Jesa ap ko thik lage main ek acharya hun or Brahman bhi hun 15 saal ki age se veda adhyan puran pade hua hai shastra ka gyan shree ram g ki kripa se hai is lie btaea aap bhi pade to pata lga jae ga Jai shree sita ramचूंकि शंखचूड़ विष्णु भक्त था अत: लक्ष्मी-विष्णु को शंख का जल अति प्रिय है और सभी देवताओं को शंख से जल चढ़ाने का विधान है। परंतु शिव ने उसका वध किया था अत: शंख का जल शिव को निषेध बताया गया है। इसी वजह से शिवजी को शंख से जल नहीं चढ़ाया जाता है। Shiv puran me hi likha hai kise pe mat vishvash kare khud pade
Sirji WhatsApp no jo diya hai woh connect nahi ho raha hai mujhe ek sankh ki jarurt hai woh wala sankh chahiya jiski dwani bhi acchi ho pani bhi bhagwan par arpan kar sake pls reply
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जी प्रभु, एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव ने शंखचूड़ का वध किया था और शंखचूड़ की भस्म से शंख की उत्पत्ति हुई इसलिए शंख से शिव को जल चढ़ाना निषेध बताया गया है । पर इस कथा में सत्यता प्रतीत नही होती, क्योंकि हम सब जानते है शंख की उत्पत्ति सागर मंथन के समय हुई थी, उन्हे लक्ष्मी का भाई माना जाता है, शंख और चक्र स्वयं मां पार्वती की शोभा बढ़ाते हैं, और श्री राम ने भी लंका विजय से पूर्व रामेश्वरम में शंख से ही शिवलिंग पर जल चढ़ाया था ऐसा बताया और दिखाया भी जाता है । इसलिए हम दोनो मत का सम्मान कर सकते हैं । _/\_