भाई लोगो विराट सर के मन में भी आया होगा कि माँ को आगे बिठाना चाहिए पर आजकल की औरतो के आगे आदमी बेबस हो जाता है l यदि माँ को आगे बिठा देते तो घर में कलह होना तय था l ये संस्कार तो बहु में होने चाहिए कि सासु माँ को आगे बिठाया जाय और खुद पीछे बैठे l माँ तो पीछे बैठकर भी खुश हैं l माँ बाप की खुशियां तो अपने बेटे बहु की खुशी में ही होती है l माँ बाप को पलकों पर उठाकर रखों यारों..जो निःस्वार्थ प्रेम माँ बाप करते हैं वो कोई नहीं करता है l