अपूर्व एवं विलक्षण कहानी।कथा वाचन स्वर प्रशंसनीय है।मनुष्य की परीक्षा प्रति क्षण होती रहती है, जीवन भर।धीर जन वे हैं जो विकार का कारण उपस्थित होने पर भी मन,वचन और कर्म से विचलित नहीं होते।महाकवि कालिदास ने रघुवंशम् में कहा है- "विकारहेतौ सति विक्रियन्ते येषां न चेतांसि स एव धीरा:।"