राष्ट्र हित चिंतक, इंडिया नही भारत बोलो का नारा बुलंद करने वाले,
संत शिरोमणी जैनाचार्य 108 श्री विद्यासागर जी
महामुनिराज की सल्लेखना पूर्वक समाधि विगत अष्टमी तिथि 17/02/24 को धर्म नगरी चंद्रगिरि तीर्थ क्षेत्र डोंगरगढ़ में हो गई थी , ऐसे अपराजेय साधक , महान संत का सल्लेखना पूर्वक समाधि छत्तीसगढ़ की धरा पर होना विश्व पटल पर छत्तीसगढ़ का अमिट स्थान बनाता है।
आचार्य श्री के इतने गुण है जिसे पूरा बोल पाना हमारे बस में नहीं। आचार्य श्री ने इस देश को , समाज को इतना कुछ दिया है की हम उन्हें कैसे लौटाए। हज़ारो जीवन लग जायेगे फिर भी उनके उपकार नहीं चूका पाएंगे। लेकिन उनके बातये मार्ग दर्शन पर चल कर उनका सपना ज़रूर साकार कर पाएंग। और वही हमारी सच्ची विनयांजलि होगी।
नमोस्तु भगवन।
नृत्यरचना एवं बोल - नैनिका कासलीवाल (भिलाई)
गाने के बोल एवं गायक - अवशेष जैन (जबलपुर)
11 окт 2024