Тёмный

आदमी का बच्चा कहानी लेखक यशपाल 

Alpana Verma अल्पना वर्मा
Подписаться 57 тыс.
Просмотров 3,5 тыс.
50% 1

Aadmi ka Bachcha Hindi Story by Writer Yashpal
आदमी का बच्चा कहानी लेखक यशपाल
Check the playlist for other chapters
Ek duniya samanantar(Kahani Sangrah)
• Chief ki daawat /चीफ क...
Hindi Stories playlist
• Neelkanth। नीलकंठ। कहा...
Munshi Premchand ki kahaniyan
• ईदगाह /Idgaah /Part 1/...
Harishankar Parsai
• इंस्पेक्टर मातादीन चाँ...
Shailesh Matiyani
• पोस्टमैन कहानी /Postma...
Yashpal
• अभिशप्त / यशपाल /पूरी...
Mohan Rakesh
• Laharon ke Rajhans -P...
Jaishankar Prasad
• 14.Jaishankar Prasad j...
Mannu Bhandari
• 9.Mannu Bhandari मन्नू...
Agyey
• 3.Agyey rachanawali अज...
Bhishm Sahni
• 2.Bhishm Sahni भीष्म स...
Aachary Ramchandra Shukl
• 1.Aachary Ramchandr Sh...
Mahadevi Verma
• 8.Mahadevi Verma Ji मह...
Sahity Sagar
• Sahity Sagar
UGC/NET Syllabus Stories/Novels
• चंद्रदेव से मेरी बातें...
Video prepared and presented by Alpana Verma
स्कूली कक्षा के पाठ्यक्रम की विडियो हेतु मेरे दूसरे चैनल पर जाएँ.
/ alpanaverma
Blog
padho-seekho.b...

Опубликовано:

 

17 окт 2024

Поделиться:

Ссылка:

Скачать:

Готовим ссылку...

Добавить в:

Мой плейлист
Посмотреть позже
Комментарии : 4   
@manishpandey5435
@manishpandey5435 Год назад
Great
@HarishKumar-bi1kk
@HarishKumar-bi1kk Год назад
Bhuat Bhuat sunder video madam ji 👌👌👌👌👌 madam ji app Bhaut acha boll tha Ho ji 🧡🧡💚💚💙💙💐💐💐💐💐💐💐💐🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 love you madam ❤❤
@SurajSingh-iz9wl
@SurajSingh-iz9wl Год назад
Mam iss kahani ka saar bhi bataye please
@AlpanaVerma2
@AlpanaVerma2 Год назад
किसी मिल के विलायती शिक्षा प्राप्त चीफ इंजीनियर बग्गा साहब की एक ही सन्तान है डौली, जो दिन भर स्कूल में रहती है और शाम को आया 'बिंदी' के साथ समय व्यतीत करती है। माँ-बाप दिन भर व्यस्त रहते हैं और शाम की चाय के समय डौली सजी संवरी पाँच-सात मिनट के लिए माँ-बाप से बतियाती है। पाँचवे वर्ष की डौली के लिए बग्गा साहब कोई भाई-बहन नहीं चाहते और शिक्षाक्रम पूरा करवा कर उसे विलायत भेजना चाहते हैं। वे डॉली को गरीब घर के बच्चों के साथ खेलने के विरुद्ध हैं। बँगले के माली की कोठरी से छोटे बच्चे के रोने की आवाज़ सुन कर डौली वहाँ जाना चाहती है लेकिन माँ की डाँट फटकार से अटक जाती है ,वह माँ से अपनी इच्छा प्रकट करती है। “मामा, हमको माली का बच्चा ले दो, हम उसे प्यार करेंगे।" इधर बग्गा साहब के घर में विचित्र नस्ल की कुतिया थी, उसने पिल्ले दिए और डौली पिल्लों से खेलने लगी। साहब ने पिल्लों को मेहतर से कह गरम पानी में गोता देकर मरवा दिया। डौली को स्कूल से वापिस आने पर पता चला कि भूखा चेऊँ- चेऊँ करते पिल्ले को मरवा दिया गया तो दुःखी हुई। इस घटना के दो दिन बाद माली के छोटे बच्चे के रोने की आवाज आई तो आया बिंदी ने डौली की उपस्थिति में 'मामा अर्थात मेमसाहब' से कहा वह भूख के कारण रो रहा है तो प्रतिक्रिया में डौली बोल उठी- 'मामा, माली के बच्चे को मेहतर से गरम पानी में डुबवा दो तो फिर नहीं रोयेगा। डौली को समझाया जाता है कि आदमी के बच्चे को ऐसे नहीं मारा जाता। डौली का बालसुलभ मन इस तर्क को समझ ही नहीं पाता कि कुतिया के पिल्ले और आदमी के बच्चे में क्या अन्तर है। लेखक ने भारतीय समाज में व्याप्त वर्ग भेद और अभिजात्य संस्कृति, सोच और व्यवहार पर व्यंग्य किया है। कहानी की कथावस्तु डौली की सोच द्वारा एक प्रश्नचिन्ह अंकित कर जाती है। कहानी में आभिजात्य वातावरण में पल रहे बच्चे के बाल-सुलभ हृदय का चित्रण किया गया है।
Далее
परदा कहानी - यशपाल
20:43
8 Rules of Positive Parenting | Riri trivedi
7:46
Просмотров 256 тыс.