एक ईश्वरीय चिंगारी के पीछे अनंत शक्ति होती है। बड़े बड़ों को वह ज्ञान पढ़ा देता है। बिड़ला मनुष्य ऐसे होते हैं। पिछले पांच हजार वर्षों में जब से पृथ्वी पर जीवन सृजन हुआ है, मुठ्ठी भर लोगों ने ईश्वर की एक चिंगारी को देखा है, ईश्वर साक्षात्कार किया है और सर्वोच्च परमात्य ब्रह्म ज्ञान प्राप्त किया है। एक सौ वर्ष में दो एक ही ईश्वर साक्षात्कार प्राप्त कर पाता है। धन्यवाद आपको। सादर प्रणाम करता हूं। ❤😊। प्रणाम।
ईश्वर साक्षात्कार के बाद मनुष्य असाधारण रूप से बदल जाते हैं। वह मनुष्य बच्चों की तरह हरकतें करते हैं। संसार उसे पागल कहती हैं। परन्तु जैसे ही सर्वोच्च परमात्य ब्रह्म ज्ञान प्राप्त कर लेता है वैसे ही उस मनुष्य से सभी डरते हैं क्योंकि वह ब्रह्म बन जाता है। ईश्वर स्वयं अपने भक्त को प्रेरणा देते रहते है। धन्यवाद आपको। सादर प्रणाम करता हूं। ❤😊।