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ईश्वर क्या है,इसकी अनुभूति कैसे होती है ?स्वामी विवेकानन्द परिव्राजक 

Brahmadan ब्रह्मदान
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ब्रह्मदान आश्रम
स्थान= ग्राम- बिनाई , पोस्ट- फुलगेडिआ, थाना- नारायणगढ़, जिला- पश्चिम मेदिनीपुर, पश्चिम बंगाल- 721437
मो. - 9002843043,9002843063
आचार्य रमेशार्यः- 9537649082
बैंक विवरण - ACCOUNT NAME- BRAHMADAN TRUST
ACCOUNT NUMBER- 39466456465
NEME OF THE BANK- STATE BANK OF INDIA
IFSC CODE- SBIN0014095
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Phone Pay/ Paytm / Google Pay = 9537649082
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24 авг 2024

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Комментарии : 37   
@simpleyoga9024
@simpleyoga9024 25 дней назад
सादर प्रणाम एवं आभार स्वामी जी
@aadeshchoudhary3175
@aadeshchoudhary3175 4 месяца назад
🕉
@shyamnarayantiwari2068
@shyamnarayantiwari2068 Год назад
ॐ ।सादर अभिवादन ।
@kasturpatel9911
@kasturpatel9911 Год назад
Namaste swami ji
@channisandhu8358
@channisandhu8358 Год назад
Thanks
@Hare_2152
@Hare_2152 9 месяцев назад
ईश्वर परम कृष्ण सच्चिदानंद विग्रह अनादीरादी गोविंद सर्व कारण कारएम
@simasahu6405
@simasahu6405 Год назад
सादर नमस्ते स्वामी जी
@dr.bhupendrasharma
@dr.bhupendrasharma 3 года назад
ओम
@arjundhindsa3083
@arjundhindsa3083 Год назад
आदरणीय सादर नमस्ते स्वामी जी। 🙏
@pradeeptanwar9803
@pradeeptanwar9803 2 года назад
ऊं
@aaloksahu1330
@aaloksahu1330 Год назад
सादर नमस्ते जी 🙏🏻☀️🚩🔥💥🌺🙏🏼
@gajanansahu3169
@gajanansahu3169 9 месяцев назад
ईश्वर सभी प्राणियों की चेतना है जिसे हम आत्मा कहते हैं ईश्वर को भौतिक आंखों से नहीं देखा जा सकता किंतु मन की आंखों से देख सकते हैं जिसे हम तीसरा नेत्र या दिव्या दृष्टि कहते हैं दिव्या दृष्टि प्राप्त करने के लिए पूर्ण सद्गुरु की आवश्यकता होती है जो पल भर में हमें स्वयं का दर्शन करती है ईश्वर अलौकिक प्रकाश स्वरूप है
@webmace
@webmace 8 месяцев назад
1. " ईश्वर सभी 'प्राणियों' की चेतना है ..". और ." ईश्वर अलौकिक प्रकाश स्वरूप है ." .. इन दोनों में मतभेद है. " चेतना" है या " प्रकाश" ??, किसी एक बात पर स्थिर रहिये. . . कौन सी बात सही है ??? - जब पृथ्वी एक आग/गैस का गोला थी, तब कोई भी प्राणी नहीं था, उस समय जब प्राणी ही नहीं था, तो 'चेतना' भी नहीं थी, तब "ईश्वर" था क्या ?? 2. " दिव्या " ❌❌❌ ==> " दिव्य " ✅✅✅ 3. " मन की आंखों से देख सकते हैं " ===> " मन की आँखें " ...ये क्या अजीब बात कह दी आपने..
@aryasamajvadicperchar7022
@aryasamajvadicperchar7022 2 года назад
🙏🏼🙏🏼🙏🏼
@baijayantimalabrahma3711
@baijayantimalabrahma3711 Год назад
Sadare Namaste Guruji ,🙏🙏🙏
@Hare_2152
@Hare_2152 10 месяцев назад
Ishvar sakar he mano ya mano ok
@munnalal-ui6lb
@munnalal-ui6lb Год назад
ईश्वर और परमात्मा अलग-अलग हैं। इसका निर्णय रामायण से ही करते हैं। लेकिन जागृत बुद्धि के बिना इसका निर्णय को नहीं कर सकता। हम जागृत बुद्धि के आधार से ही इसका मनन कर रहे हैं। इसलिए ध्यान देकर ग्रहण करें। कोई भी दुनिया का महर्षि वर्णन नहीं कर सकता। क्योंकि उसके पास जागृत बुद्धि नहीं है। जागृत बुद्धि इस 28 वें कलयुग में आई है इसलिए कलयुग चारों युगों में श्रेष्ठ है। आइए ईश्वर अंश जीव अविनाशी।। रामायण।। ईश्वर निराकार है और जीव उसका अंश है ईश्वर जीव प्रकृति से संसार बना है। अब परमात्मा के बारे में विचार करते हैं। सोहम मसि ईति ब्रह्म अखडां दीपसिखा सोई परचम प्रचंडा।। रामायण सुंदरकांड।। आत्मा और परमात्मा नश्वर जड़ जगत से सर्वदा अलग है ऐसा ही वेद कहते हैं। आत्मा और परमात्मा अखंड एकरस अद्वैत शाश्वत है।
@webmace
@webmace 8 месяцев назад
" ईश्वर निराकार है " ===> जी नहीं ईश्वर सिर्फ 'निराकार' ही नहीं है, . ईश्वर "साकार" और "निराकार" दोनों का मिश्रण है, है कि नहीं ?? 2. आप अपने चारोँ ओर देख ही रहे होंगे कि "पदार्थ" हैं, और अनेकों "शक्तियां" है। हमारे ही शरीर में पदार्थ ( अस्थि , मांस, मज्जा, रक्त, आंत आदि पदार्थ हैं, जो कि 'साकार' हैं ), और शक्तियां ( Softwares ) यानी श्वसन सिस्टम , पाचन सिस्टम, Muscle Power, Sensory System, आदि है, जो कि 'निराकार' हैं . कृपया उत्तर दें कि क्या आप इस बात से सहमत हैं ?? - इसी प्रकार ईश्वर "साकार" और "निराकार" दोनों का मिश्रण है, है कि नहीं ??
@akbarali-ct4nk
@akbarali-ct4nk 4 месяца назад
Iswar ko modi aur yogi ke alwa bharat me koi jan nahi sakta. Nafrat ko jiten bhi kadai se age badhaoge iswar ki prapti me jyada sahayak hoga.
@rishitsinha8398
@rishitsinha8398 9 месяцев назад
जन्म-जन्मान्तर के संचित पापकर्मों को कैसे नष्ट करें?
@Cookwithme-zf8sb
@Cookwithme-zf8sb 4 месяца назад
Sir global warming per baten Karen prakrutik Ko nasht Na Karen prakrutik nasht ho rahi hai Dharm tabhi Bach payega jab ham prakrutik aur Sahyog ke rakhenge prakrutik ki or Dhyan de global warming per Dhyan de global warming per baten charcha ki jaaye Dharm Dharm Insaniyat se bada nahin ho sakta Dharm ko thoda piche chhodkar global warming per Dhyan den
@bhimlalpaudel4454
@bhimlalpaudel4454 9 месяцев назад
आत्मा एक निरिह दूर्बल कुछ भी अपने आप कर नसकनेबाला शरिरका शोषण करनेवाला एक चरम निष्ठुर आततायी परजिवि तत्व ह‌ै जो छिपछिपकर किसिको कोई बिगार नकरनेवाला निर्दोष पदार्थ एबं शरीरका दोहन करनेवाला चरम लम्पट भोगी हर शरीर के माध्यमसे हर सुख काम दुख भोगनेवाला सबसे कठोर अघोर लम्पट स्वार्थी अदृष्य माहापापी परजिवी तत्व है कोई शक?
@webmace
@webmace 8 месяцев назад
1. आपने "निर्दोष" शब्द लिखा है और फिर " शरीर का शोषण " " निष्ठुर " आतताई " " शरीर का दोहन करने वाला " भी लिखा है, कृपया परस्पर विरोधी बात न लिखें,
@bhimlalpaudel4454
@bhimlalpaudel4454 8 месяцев назад
@@webmace शरीर और पदार्थ का दोष नहिं होगा न, पदार्थ ने अपने आपके लिए किसिका बुराई या भलाई तो कभि न करता न। ईस लिए पदार्थ सदैब निर्दोष है।छिपछिपकर निर्दोष पदार्थको उपभोग करनेवाला आत्मा और जो भि हो वो है दोषी। भोगके लिए निर्दोषों(पदार्थ, शरीर)को ज्यादा से ज्यादा उपयोग करनेवाला आततायी निष्ठुर नहिं तो क्या भला करनेवाला गुणकारी मै कैसे कहुं ?
@webmace
@webmace 8 месяцев назад
@@bhimlalpaudel4454 आत्मा वो सॉफ्टवेयर है, जिसके होने से शरीर "जीवित",और न होने से "मृत" कहलाता है, 1. क्या ये बात सही है?? 2. तो क्या "आत्मा" ही "जीवन" है ? उत्तर दीजिए।
@bhimlalpaudel4454
@bhimlalpaudel4454 8 месяцев назад
@@webmace आत्मा सफ्टवेयर जैसा लगता तो है लेकिन सफ्टवेयर हो तो ये कैसे अजर ,अमर, अविनाशी,अनन्त ,करानेवाला , एक शरिरसे दुसरे शरीरमे प्रवेश करनेवाला, भोगनेवाला हो सकता है। ये तो शरीर विखरने के वाद फासफुस ह‍ोना चाहिए। और एक प्रकारके शरीरका आत्मा दुसरे शरीरमे काम करने मे समर्थ होना सम्भब नहिं लगता क्योंकि ये तो बदलता हि नहिं। कुछ मोडिफाई न करके दुसरे शरीरमे काम करता है ऐसा तो मानने के सिवाय होने को मुझे लगता नहीं। और सफ्टवेयर एक शरीरके मुत्यु के वाद दुसरे शरीरमे प्रवेश करता है वैसा होगा मुझे नहिं लगता।
@webmace
@webmace 8 месяцев назад
Reminder 1 - उत्तर दीजिए ?????????????????
@akbarali-ct4nk
@akbarali-ct4nk 4 месяца назад
Kya iswar ko bhi koi banata hai.
@subhasisdas369
@subhasisdas369 3 месяца назад
Atama galat matlab kiyun bata rehe hain atma ta param satya '' NA ATMA BABESHU '' iss sholk ki meaning batayie jara fir manjaunga , kise murkh bana rehe hain , atma kab se car bana ne legi baba , jara gyani baniye fir Gyan banta . 🫵🏻
@bhimlalpaudel4454
@bhimlalpaudel4454 8 месяцев назад
उत्तर आना भि तो चाहिए न। जब उत्तर न😢हिं आता बिभिन्न तरिकेसे शब्दजालको उपयोग करते है। मै आत्मा जानता नहिं, ईश्वर है क्या, होता कैसा है? जो लिखा ह‌‌ै, जो सुने है वैसा है या नहिं वो भि पता नहिं। विनम्र भाव से नजाननेका स्वीकार कभि न करते है सभि गुरुओं।अनुभूति तो भिन्न भिन्न लोगों लोगो मे भिन्न भिन्न होता है। एक हि उही ईश्वर भिन्न भिन्न अनुभुत कैसे हो गया? जबकि अनुभूति करनेवाला आत्मा तो सबमे एक हि प्रकारका होगा। कुछ करे हि बिना भि तो वो आत्मा ने ईश्वरको क्यों अनुभूति नहिं करता? आत्मा क्यो मुक्ति चाहता है? शास्त्रो मे लिखा है, ऋषिओं ने ध्यान योग करने अनुभव से पाया है, कृष्ण ने गीतामे कहा है,.... ये सब बातसे कभि कुछ मतलब/ अर्थ बनता है क्या? बोल देनेसे होगा क्या? होनेसे होगा न। होने को तो सब गुरुजी कुछ बताते नहिं । जो हमने न करके प्रकृतिमे हो रहा है वो ईश्वरने कर रहा है बोलदेनेसे होगा क्या? सब गुरुजी हम सबको हजारो सालसे आत्मा परमात्मा ईश्वर.... का चक्करमे इतना उलझा रहे है कि हमको पता हि न चलता...
@Hare_2152
@Hare_2152 10 месяцев назад
Aur vo ishvar shree krishna ji he nirakarvadio
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