🚩दिंडी यात्रा का आयोजन
सामाजिक समरसता का अनूठा व अद्भुत उदाहरण, पंढरपूर यात्रा या जिसे दिंडी इस नाम से साधारण जन जानते हैं यह महाराष्ट्र का प्रसिद्ध उत्सव है । जिसमें जात पात, पंथ -धर्म, ऊंच -नीच, वृद्ध युवा ,पुरुष -महिला ऐसा कोई भी भेद नहीं रहता जो देवशयनी एकादशी अर्थात आषाढी एकादशी के दिन संपन्न होता है । महाराष्ट्र की लगभग ८०० वर्षों की संत परंपरा का यह आयोजन इस वर्ष उज्जैन में भी प्रतीकात्मक रुप से प्रारंभ किया गया । उज्जैन चूंकि धार्मिक नगरी के नाम से विख्यात है । अतः समग्र हिंदू समाज के बैनर पर आयोजित इस उत्सव में बड़ी संख्या में सभी समाज जन, समाज प्रमुख, सामाजिक संगठन व संत जन सम्मिलित हुये । सभी का उत्साह चरम पर था तथा सभी का उत्तम प्रतिसाद मिला । भक्तजन पूरे रास्ते जय जय रामकृष्ण हरी, जय हरी विठ्ठल विठ्ठल विठ्ठल और पांडुरंग भगवान के अभंग और श्री भजन गाते हुये चल रहे थे । यात्रा शहीद पार्क से प्रारंभ हुई और गजानन महाराज मंदिर, सेठीनगर पर समाप्त हुई । यात्रा में प्रमुख रुप से श्री ज्ञानदास जी महाराज (संत दादूराम आश्रम) । मौनी श्री महाराज (रामानंद आश्रम) प्रांत समरसता संयोजक, मुकेश दिसावल, पूर्व निगम अध्यक्ष श्री सोनू गेहलोतजी, पूर्व महापौर श्रीमती मीना जोनवाल, सामाजसेवी कार्यकर्ता सौ. राजश्री जोशी जी, सर्वश्री चिंतामण राठौरजी, अमर दिसावल, शेखर दिसावल, श्रीपादजी जोशी, विश्वास घोडगांवकर, मुकुंद गोखले (अध्यक्ष भागवत धर्म सेवा न्यास ) विशेष रुप से उपस्थित थे ।
21 окт 2024