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उदयपुर का अमरनाथ माना जाने वाला भगवान शिव का प्राचीन गुप्तेश्वर महादेव मंदिर | 4K | दर्शन 🙏 

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संगीत एवम रिकॉर्डिंग - सूर्य राजकमल
लेखक - रमन द्विवेदी
भक्तों नमस्कार! प्रणाम! सादर नमन और अभिनन्दन.... भक्तों आज हम आपके साथ जिस मंदिर की यात्रा करने जा रहे हैं ये मानव निर्मित मंदिर नहीं एक प्रकृतिक गुफा है। ये उदयपुर का सबसे प्राचीन व प्रमुख गुफा मंदिर तो है ही, राजस्थान के सुप्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थानों में से एक है। जिसकी दीवारों पर पत्थर के प्राकृतिक सर्प हैं और सतत मंत्रोच्चारण होता रहता हैं। भक्तों हम बात कर रहे हैं उदयपुर के गुप्तेश्वर महादेव मंदिर की....
मंदिर के बारे में:
भक्तों गुप्तेश्वर महादेव उदयपुर ही नहीं राजस्थान का प्रमुख धार्मिक व आध्यात्मिक स्थान है, यह प्राचीन गुफा उदयपुर के बिलिया- तितरडी गाँव में ओड़ा पर्वत के शिखर पर स्थित है। भगवान शिव को समर्पित ये प्राचीन मंदिर, पहाड़ के ऊपर बड़े ही विस्तृत क्षेत्र में फैला हुआ है, इस मंदिर की 800 मीटर लंबी चढ़ाई का टेढ़ा-मेढ़ा रास्ता यात्रियों और पर्यटकों को अति आनंदित करता है।
शिवलिंग का स्वप्न:
भक्तों निरंजनी अखाड़े के एक साधु बृजबिहारी जी अर्थात दाता हुकम को एक रात उदयपुर के पहाड़ी की गुफा में शिवलिंग होने का स्वप्न आया। और वो स्वप्न उन्हे हर रात्रि को बारंबार ऐसे आने लगा जैसे वो शिवलिंग उनको अपनी तरफ खींच रहा हो।
मंदिर की खोज:
भक्तों अपने गुरूजी की आज्ञा पाकर वर्ष 1951 कार्तिक माह में उदयपुर के पास मानवखेडा गांव पधारे और वहाँ लोगो से अपने स्वप्न की चर्चा की। लोगों ने उन्हे स्वप्न से मिलता जुलता स्थान एकलिंगपुरा पहुंचा दिया। और एकलिंगपुरा के कुछ बच्चे कार्तिक पूर्णिमा के दिन, दाता हुकम को बिलिया- तितरडी के होंडा पर्वत के उस स्थान पर ले गए, जहां धूणी थी। दाता हुकम कुछ देर उस धूणी के पास बैठे रहे फिर उन्हें लगा कि सपने वाला शिवलिंग उन्हें बुला रहा है। खोजबीन करने पर गुफा का मुख्यद्वार दिखाई पड़ा जो कि उस समय लटकते छोटे- बड़े चमगादडो से लगभग पूरा बन्द था गुरुजी ने अपने वस्त्रो से गुफा की सफाई की तथा अंदर जा कर शिवलिंग की खोज की।
तपस्या:
भक्तों कहा जाता है कि पहाड़ी के अंदर प्राकृतिक गुफा में शिवलिंग प्राप्त होने के पश्चात संत बृजबिहारी जी उसी गुफा में तपस्या करने लगे। कालांतर यह गुफा में शिवलिंग होने के कारण, यह स्थान गुप्तेश्वर महादेव मंदिर नाम से प्रसिद्ध हुआ। धीरे-धीरे इसे लोग मेवाड़ का अमरनाथ कहने लगे।
आध्यात्मिक अनुभूति:
भक्तों गुप्तेश्वर गुफा की यात्रा करने से एक विशिष्ट आध्यात्मिक आनंद का अनुभव होता ही है, मंदिर परिसर में छाई नीरव शांति यात्रियों में एक दैवीय उर्जा का संचार भी करती है। पहाड़ की चढाई से थककर गुफा में पहुचने वाले भक्त, जब गुफा परिसर में कुछ क्षण बिताते हैं तो उनकी शारीरिक थकान दूर हो जाती है, उन्हे मानसिक शांति, आंतरिक उर्जा और अद्भुत स्फूर्ति की अनुभूति होती है। यहाँ का शांत वातावरण, स्वच्छ शीतल हवा के झोके यात्रियों और पर्यटकों को चिंता मुक्त कर देते हैं।
गुफा के अंदर गुफा:
भक्तों गुप्तेश्वर गुफा के अंदर, एक और रहस्यमयी गुफा है। ये गुफा इतनी बड़ी और लम्बी है कि इसके दुसरे छोर पर आज तक कोई नहीं पहुच सका है, इसके बारे में बड़े बुजुर्ग कहते हें कि यह गुफा भगवान शिव की नगरी काशी तक जाती है।
विशेष आयोजन:
भक्तों गुप्तेश्वर मंदिर में श्रावणमास और महाशिवरात्रि को विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस अवसर हरहर महादेव के गगनभेदी जयघोष करते शिवभक्तों की अपार भीड़ होती है। इसके अलावा हर पूर्णिमा की रात इस गुफा में भजन संध्या, संगीतमय सुंदरकांड पाठ, अखंड रामायण पाठ, जगराते आदि आयोजित किए जाते हैं।
दर्शन का समय:
भक्तों गुप्तेश्वर महादेव मंदिर वर्ष के बारहों महीने और सातों दिन, सुबह 6 बजे से 11 बजे तक और शाम 5 बजे से 8 बजे तक खुला रहता है। अगर आप गुप्तेश्वर महादेव मंदिर के दर्शनाभिलाषी हैं तो इस समयावधि के अंदर कभी भी जा सकते हैं।
आसपास दर्शनीय स्थल:
भक्तों यदि आप अम्बा माता के दर्शन के लिए उदयपुर की यात्रा पर जा रहे हैं तो जगदीश मंदिर, अंबिका माता मंदिर और नीमच माता मंदिर के दर्शन पूजन का लाभ अवश्य लीजिये।
नजदीकी पर्यटन स्थल:
भक्तों अगर आप सैर सपाटे व घूमने फिरने में रुचि रखते हैं तो उदयपुर में सिटी पैलेस, बागोर की हवेली, सहेलियों की बाड़ी, चित्तौड़गढ़ किला कुंभलगढ़ किला और हल्दीघाटी आदि प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल हैं। सिटी ऑफ लेक्स के नाम से मशहूर उदयपुर में, पिछोला झील, फ़तेह सागर झील, दुध तलाई झील, उदय सागर झील, जयसमंद झील, बड़ी झील और मीनार झील जैसी प्रसिद्ध और खूसूरत झीलें हैं, अहर म्यूज़ियम, विंटेज कार, क्रिस्टल गैलरी, वैक्स म्यूजियम, भारतीय लोक कलामंडल और म्यूजियम, गुलाब बाग और चिड़ियाघर, सुखाड़िया सर्किल, शिल्पग्राम, महाराणा प्रताप स्मारक, ताज लेक पैलेस और सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क आदि लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी हैं, जिन्हें आप अपनी उदयपुर की यात्रा के दौरान घूम सकते हैं।
भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव।तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद।दर्शन! 🙏
इस कार्यक्रम के प्रत्येक एपिसोड में हम भक्तों को भारत के प्रसिद्ध एवं प्राचीन मंदिर, धाम या देवी-देवता के दर्शन तो करायेंगे ही, साथ ही उस मंदिर की महिमा उसके इतिहास और उसकी मान्यताओं से भी सन्मुख करायेंगे। तो देखना ना भूलें ज्ञान और भक्ति का अनोखा दिव्य दर्शन| 🙏
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि तिलक किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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Опубликовано:

 

10 сен 2024

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