उपनिषदों से अनमोल कथाएं | STORY 1 | १०१ वर्ष का ब्रह्मचर्य | #chandogyaupanishad Equipments used for voice recording: Affiliate Link: #upanishads #YogeshVoice
@@rdrd9250 मन में किसी भी स्त्री या पुरुष के प्रति काम का भाव नहीं उठना चाहिए और आचरण एकदम ब्रह्म के समान हो । कोई भी विकार न हो । काम क्रोध लोभ मोह अहंकार आदि। और ब्राह्मण यानी के वह महान आदि अनंत के समान व्यवहार।
कट्टर हिंदू, पक्का सनातनी, ब्रह्मचारी ये सब जो होते हैं वो कभी केवल इंसान नहीं हो पाते और ईश्वर इंसानों से संबंध रखता है नाकी ये सब उपाधि लिए हुआ अहंकारी से💗💗
आपकी दिव्य आवाज सुनकर धन्य सा लगता है।। ओर शास्त्रीय कभी न जानी हो ऐसी बाते बताने के लिए धन्यवाद।। ये हमे उस तत्व जो शाष्वत है उसके करीब ले जाने के लिए मदद करेगी।। और भी कई प्रश्न उठ रहे है मन में लेकिन किसी तरह आपको पूछना है।।
आपकी वाणी बारंबार सुनने का मन होता है वाणी से ही ह्रदय की शुद्धता का पता चल रहा है श्रीमान हम आपके आभारी हैं जो आपने अपनी ओजस्वी वाणी से अष्टावक्र गीता, उपनिषद ग्यान सुनाया आपको बारंबार नमन सभी के अन्दर विराजमान परमात्मा को बारंबार नमस्कार 🙏
चच्छु ,मन, कान, आदि ग्यान इन्द्रियों को वो दिखाये जो इस धरा, नभ, मे निहित है परंतु इन माध्यम से परे है! इनका आपस मे सन्गम करे.. ! उत्पन्न पदार्थ हि वो है l जो परे है...ॐ...!🙏🙏
हिंदू धर्म के व्यवहारिक चरित्र में बदलाव की जरूरत है। जैसे वायरस या किसी बीमारी से बचाव के लिए शरीर में प्रतिरोधक क्षमता होनी चाहिए वैसे ही धर्म के बचाव के लिए इसके प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होनी चाहिए।
ye sab kam na aawega shatki arjit kro aur jaha pr hindu dharma ka sarvanash ho tha hai vha lado aur mar dalo...jab tuhara dharm hi nhi ehega to kise aatm gyaan hoga
छांदोग्य उपनिषद के अनुसार इंद्रियों के गोलक मन बुद्धि आदि ज्ञान शून्य और जड़त्व द्रव्य है इनमें जिस शक्ति के द्वारा क्रिया होती है वही आत्मा है प्रशांत मुनि
आत्मा वहीं है जो ईन्द्रियो के माध्यम से ज्ञान और दर्शन का गुणावबोध कराती है ।मतलब ये ऐसी अनंत सहज सनातन पावर है प्राणाग्नि । जो सार्वकालिक समसामयिक होते हुए भी सरवतंत्र स्वतंत्र है और स्वययंभु है ।
101 years ka bhramcharya aurr tapp se sirf ye pata chala ki aatma kya hai?! Aaj iss kalyug me.. ek touch se.. RU-vid pe itna gehra satya pata chal jata hai... firr bhi log importance ni samaghte!