रामनिवास जी नमस्ते। द्वा सुपर्णा सयुजा सखाया समानं वृक्षं परीषस्वजाते ()(ऋग्वेद १/१६४/२० ---- ऋग्वेद के मंत्र पर आधारित आज आपका भजन सुना। वास्तव में आनंदित हो गया। सारे मंत्र का सार आपने गीत में उतार दिया। कोई भी कसर बाकि नहीं छोडी। आत्मा और परमात्मा में अंतर बतलाने के लिये यह मंत्र बहुत बडा प्रमाण है। ऋग्वेद के इस मंत्र को उपनिषदों मे भी उद्धृत किया गया है। कठोपनिषद की तीसरी वल्ली में यह दूसरा मंत्र है, मुण्डकोपनिषद के तीसरे मुण्डक के प्रथम खंड का पहला मंत्र और श्वेताश्वतरोपनिषद के चौथे अध्याय में यह छटा मंत्र है। यह सब कहने का तात्पर्य यही है कि आत्मा और परमात्मा का अंतर दिखाने के लिये विभिन्न उपनिषदों में इसे प्रयुक्त किया गया है। ------------ मान्यवर रामनिवास जी आपका भजनोपदेश का ढंग अति उत्तम है । बहुत ही सहज और शांति से आप समझाते हैं।--- विषय वेद से है तो--- यदि इसे शास्त्रीय संगीत पर आधारित करते तो आनन्दवर्धन हो जाता। फिर भी गांव देहात का वातावरण देख कर फिल्मी तर्ज भी ठीक ही है। अति सुन्दर। धन्यवाद जी
आत्मा और परमात्मा दोनों के एक ही गुण है एक ही स्वरूप है सच्चिदानंद स्वरूप वहशत है चेतन है और आनंद स्वरूप है लेकिन संसार और जीव का एक ही रिश्ता है असत है जड़ है और दुख रूप है सब शास्त्रों के अंदर है लेकिन इस रहस्य को कोई भी संत महरिशी बोलने में सक्षम नहीं है सूखने की बुद्धि होने के कारण सबके हाथ बंधे हुए हैं यह केवल जागृत बुध से कलयुग में खुला है इसलिए कलयुग सबसे महान है
Ram nivas Ji Malik bless you all the best wishes forever congratulations 🌹🌹🌹🌹🌹 ati sundar Bhajan wah wah Malik aapko sabhi tarah ke sukh mile..🌹🌷🌹🌷🌹🌹🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌹🌷 🌷🌹🌹🌹👏👏🌹🌹👏🌹 Rsushilkuntal Agra
PRABHU KI H MAHIMA BADI, NAAM JAP LO GHADI DO GHADI. ISHVAR KI KIRPA UN PAR PADI, NAAM JAP LO GHADI DO GHADI, OM, OM, OM, OM, OM, PARAM PARMATMA KI KIRPA SAB PAR BANI RAHEIN.
I love yosi sahil kerishma shakt kerti harsita or all overworld live or world every old citygen is my mother and father after this nothing else jay dartee mata live or alive thanks
Iahvar ko yaad kar lo, Prabhu ka dhyan dhar lo, Sache man se Om Ka Naam Jap Lo, Satya ke saath Kartavya Path Par chalte chalo, ek dusre ke sahyak bane, Ham Sab Ek h, Ishvar ek h, Jal ek h, Vayu ek h, Agni ek h, banaao nek niti aur sahi riti, Jeevan safal ho jayega,